केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि जीएफए नीति देश में नये ग्रीनफील्ड हवाईअड्डे के विकास के लिए प्रक्रिया और शर्तें निर्धारित करती है. नीति के अनुसार हवाईअड्डा स्थापित करने की इच्छुक राज्य सरकार या हवाई अड्डा डेवलपर को दो चरण की मंजूरी के लिए नागर विमानन मंत्रालय (एमओसीए) को एक प्रस्ताव भेजना होता है. अब तक झारखंड राज्य में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के विकास के लिए संबंधित राज्य सरकार या किसी अन्य हवाईअड्डे के डेवलपर से कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है.
सिंधिया राज्यसभा में सांसद दीपक प्रकाश के सवाल पर यह जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि झारखंड के देवघर में एक हवाईअड्डे को 2022 में लगभग 400 करोड़ रुपये की परियोजना लागत पर विकसित और चालू किया गया है. देवघर के अलावा पांच हवाई अड्डे, जिसमें बोकारो, दुमका, जमशेदपुर, हजारीबाग और डाल्टनगंज के हवाई अड्डे के पुनरुद्धार के लिए पहचान की गयी है. इनमें से जमशेदपुर हवाई अड्डे में 31 जनवरी 2023 को परिचालन शुरू हो चुका है. बोकारो और दुमका हवाईअड्डों पर हवाईअड्डा विकास कार्य पूरा हो चुका है एवं इन हवाई अड्डों की लाइसेंस प्रक्रिया के लिए कदम उठाये जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि देश भर में 21 ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों की स्थापना के लिए सैद्धांतिक अनुमोदन दिया गया है. 11 ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे परिचालित किये गये हैं.
72 सीटर विमान उड़ान भरेगा, 5500 फीट लंबा है रनवे
बोकारो एयरपोर्ट से 72 सीटर विमान उड़ान भरेगा. इसका रनवे 5500 फीट लंबा है, इसलिए एयरपोर्ट पर एयरबस-320 यानी 180 सीटर विमान उड़ान नहीं भर सकता है. इसके लिए रनवे की लंबाई 7000 फीट से ज्यादा होनी चाहिए. बताते चलें कि रांची, देवघर और जमशेदपुर से विमान सेवा शुरू है. लाइसेंसिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद बोकारो से भी सेवा शुरू हो जायेगी. इससे बोकारो के अलावा धनबाद, गिरिडीह, प. बंगाल के पुरुलिया समेत आसपास के अन्य जिलों के यात्रियों को सहूलियत होगी.
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