हमसब ने सुनहरे पर्दे पर फिल्म शोले में अमिताभ बच्चन और धर्मेन्द्र यानी जय-वीरू को मशहूर गाना ‘ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे…’ गाता जरूर देखा होगा. इस फिल्म में अमिताभ बच्चन और धर्मेन्द्र ने दोस्ती की एक मिसाल पेश की थी. फिल्मी पर्दे पर तो आपने इस फिल्म में जय-वीरू की दोस्ती से हम सब वाकीफ हैं, पर क्या असल जिंदगी में आपने जय-वीरू जैसे दोस्त देखें हैं. आज हम आपको ऐसी ही जय-वीरू की कहानी बताने जा रहे हैं जिनका इस दुनिया में मिलना बहुत ही मुश्किल है.
दोस्त की जान बचाने के लिए बोकारो से 1400 किलोमीटर का सफर कार तय कर ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर नोएडा पहुंचने वाले पेशे से शिक्षक देवेंद्र इस समय सोश्ल मीडिया पर छाएं हुए हैं. बता दें कि बोकारो में रहने वाले देवेंद्र के दोस्त रंजन अग्रवाल उत्तर प्रदेश के नोएडा में रहते हैं. दिल्ली की एक आइटी कंपनी में काम करने वाले रंजन अग्रवाल इस समय कोरोना संक्रमण का शिकार हो गए हैं. कोरोना की चपेट में आने के बाद उनका ऑक्सीजन लेवल लगातार गिरता जा रहा था और ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं हो पा रही थी.
ऑक्सीजन लेवल लगातार गिरने से रंजन के जान पर बन आयी थी. डॉक्टरों ने भी कह दिया था कि अगर ऑक्सीन का व्यवस्था नहीं हो पायी तो स्थिति गंभीर हो जाएगी. ऐसे में दोस्त की जान बचाने के लिए बोकारो से 1400 किलोमीटर का सफर कार तय कर देवेंद्र जिंदगी की सांसें ले आए. जानकारी के मुताबिक देवेंद्र ने जंबो सिलेंडर के लिए 10 हजार रुपये दिए. देवेंद्र ने 400 रुपये ऑक्सीजन की कीमत और 9600 रुपये सिलिंडर की सिक्योरिटी मनी दिया. फिलहाल वह ऑक्सीन लेकर नोएडा पहुंच चुके हैं और उनके दोस्त रंजन की भी हालत अभी स्थिर है. सच में अगर आपके पास ऐसे दोस्त हो तो कोरोना आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता.