राकेश वर्मा, बेरमो
बताते चलें कि ढोरी एरिया अंतर्गत फिलहाल दो ओसीपी एएओडीसीएम व एसडीओसीएम तथा एक भूमिगत खदान ढोरी खास है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में एएओडीसीएम ने पिछले दस साल के बाद अब तक का सबसे ज्यादा कोयला उत्पादन 26 लाख 13 हजार 482 टन किया. जबकि एकमात्र भूमिगत खदान ढोरी खास ने अपने आरंभ काल से अब तक का सर्वाधिक कोयला उत्पादन 1,36,638 टन किया. इतना ही नहीं इस भूमिगत खदान ने अपने आरंभ काल से अब तक का सर्वाधिक कोल डिस्पैच 1,40,060 टन किया. इसके अलावा ढोरी एरिया ने अपने आरंभ काल से अब तक का सर्वाधिक ओबी निस्तारण 1, 27,96,363 घन मीटर टन किया.
एएओडीसीएम व एसडीओसीएम का भी बनाया गया है नया माइनिंग प्लान : ढोरी एरिया के एएओडीसीएम (अमलो परियोजना) का ऑरिजनल पीआर सालाना 5 मिलियन टन का बनाया गया है. यहां 100 मिलियन टन कोल रिजर्व है तथा 20 साल का लाइफ है. इसमें पहले 15 मिलियन टन कोयला निकाला जा चुका है. फिलहाल अमलो माइंस सालाना 3 मिलियन टन का है. इस वर्ष इसे बढ़ा कर सालाना 3.6 मिलियन का किया जायेगा. इसके बाद 4.5 मिलियन टन का मेन प्लान कुछ दिनों में सीसीएल बोर्ड से एप्रूव हो जायेगा. इसके बाद इसी इनहांसमेंट लिया जायेगा. इसके अलावा प्रक्षेत्र अंतर्गत एसडीओसीएम में आने वाले समय में 35 मिलियन टन का नया प्रोजेक्ट आयेगा, जो करीब 20 साल का होगा. इसका भी माइनिंग प्लान सीएमपीडीआइ ने बनाया है. फिलहाल यहां 756 हेक्टेयर का पीआर बन रहा है, जो अंतिम चरण में है. इस वर्ष बोर्ड से इसका एप्रूवल मिल जायेगा. इसमें 46 मिलियन टन वाशरी ग्रेड-3 तथा जी-9 का कोल रिजर्व है. इसका 25 साल का लाइफ है. पुरानी तारमी, पुराना कल्याणी एवं तिसरी को मिलाकर सालाना 2.7 लाख टन का यह कल्याणी एक्सपेंशन के नाम से माइंस होगा. फिलहाल एसडीओसीएम माइंस को चार साल के लिए सीटीओ मिल गया है. हाइवाल माइनिंग से 3 साल में 13 लाख टन होगा उत्पादनढोरी एरिया के एएडीओसीएम के अमलो माइंस में सीसीएल का पहला हाइवाल माइनिंग लग रहा है. जल्द ही हाइवाल माइनिंग से कोयला उत्पादन शुरू होगा. इसमें तीन साल में कुल 13 लाख टन कोयले का उत्पादन होगा. पहले साल तीन लाख टन तथा इसके बाद के वर्षों में सालाना 5-5 लाख टन यहां से कोल प्रोडक्शन होगा. इस विधि से उत्पादन किये जाने वाला कोयला का साइज माइनस 100 एमएम से भी कम होगा तथा क्रश होकर बिलकुल ही फ्रेश कोयला निकलेगा. यह कोल माइंस से सीधे कन्वेयर बेल्ट में आयेगा तथा यहां से फिर सरफेस में आकर गिरेगा. यहां से टिपर में लोड होकर साइडिंग तथा वाशरी में यह कोयला जायेगा.
सीसीएल का सबसे बड़ा इको पार्क का निर्माण कार्य 40 फीसदी पूरा : ढोरी एरिया के शारदा कॉलोनी में सीसीएल का सबसे बड़ा इको पार्क का निर्माण कार्य चल रहा हो, जो 40 फीसदी पूरा हो चुका है. ढोरी एरिया में इस वर्ष दो कायाकल्प स्कूल धरातल पर उतरेगा. पिछरी के तीन स्थानों पर 10 करोड़ की लागत से तीन पार्क का निर्माण होगा.
जीएम का स्थानांतरण एनसीएल : गत 15 मार्च 2023 को ढोरी एरिया के वर्तमान महाप्रबंधक मनोज कुमार अग्रवाल का स्थानांतरण कोल इंडिया की अनुषंगी इकाई एनसीएल हो गया है. फिलहाल श्री अग्रवाल ही महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं. संभवत: वित्तीय वर्ष समापन के बाद अब स्टॉक की मापी के बाद श्री अग्रवाल नयी कंपनी में अपना योगदान देंगे.