30 करोड़ के घाटे को पाटते हुए मुनाफा की ओर अग्रसर ढोरी एरिया

30 करोड़ के घाटे को पाटते हुए मुनाफा की ओर अग्रसर ढोरी एरिया

By Prabhat Khabar News Desk | April 5, 2024 12:07 AM

राकेश वर्मा, बेरमो

कभी सालाना 10 मिलियन टन तक कोयला उत्पादन करने वाला बेरमो कोयलांचल अंतर्गत सीसीएल का ढोरी एरिया धीरे-धीरे पुन: पटरी पर लौट रहा है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में ढोरी एरिया का घाटा करीब 30 करोड़ का था, लेकिन वित्तीय वर्ष 2023-24 में एरिया अपने निर्धारित लक्ष्य से ज्यादा उत्पादन करते हुए उक्त घाटे को पाटते हुए मुनाफा की ओर अग्रसर हो गया है. नये वित्तीय वर्ष 2024-25 में एरिया का कोल प्रोडक्शन का एपीपी टारगेट 51 लाख टन निर्धारित है. फिलहाल एरिया बंद पिछरी माइंस को खोलने के अलावा एरिया अंतर्गत एएओडीसीएम तथा एसडीओसीएम माइंस विस्तारीकरण की दिशा में तेज गति से काम कर रहा है. बंद पिछरी माइंस को चालू करने के लिए आउटसोर्स का प्रपोजल बनाया जा रहा है. फोरेस्ट व रैयती मिलाकर कुल 358 एकड़ जमीन में 98.4 एकड़ का एक पैच जो रैयती है, उसमें 29 एकड़ जमीन का सत्यापन का कार्य हो चुका है, शेष जमीन का सत्यापन कार्य जारी है. सीएमपीडीआइ ने इसका माइनिंग प्लान बनाकर दे दिया है. इस पैच में 27 लाख टन कोयला तथा 75 लाख घन मीटर टन ओबी है. शुरुआत में सालाना 3.4 लाख टन का उत्पादन का छोटा प्रपोजल बनाया जायेगा. मालूम हो कि एक दशक पूर्व ढोरी एरिया ने सालाना 10 मिलियन टन तक कोयला उत्पादन किया है. वर्तमान में जिस तरह माइंस विस्तारीकरण को लेकर एरिया में वर्कआउट चल रहा है. वैसे में आने वाले दो साल में पुन: यह एरिया सालाना 9-10 मिलियन टन कोल प्रोडक्शन करने लगेगा.

बताते चलें कि ढोरी एरिया अंतर्गत फिलहाल दो ओसीपी एएओडीसीएम व एसडीओसीएम तथा एक भूमिगत खदान ढोरी खास है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में एएओडीसीएम ने पिछले दस साल के बाद अब तक का सबसे ज्यादा कोयला उत्पादन 26 लाख 13 हजार 482 टन किया. जबकि एकमात्र भूमिगत खदान ढोरी खास ने अपने आरंभ काल से अब तक का सर्वाधिक कोयला उत्पादन 1,36,638 टन किया. इतना ही नहीं इस भूमिगत खदान ने अपने आरंभ काल से अब तक का सर्वाधिक कोल डिस्पैच 1,40,060 टन किया. इसके अलावा ढोरी एरिया ने अपने आरंभ काल से अब तक का सर्वाधिक ओबी निस्तारण 1, 27,96,363 घन मीटर टन किया.

एएओडीसीएम व एसडीओसीएम का भी बनाया गया है नया माइनिंग प्लान : ढोरी एरिया के एएओडीसीएम (अमलो परियोजना) का ऑरिजनल पीआर सालाना 5 मिलियन टन का बनाया गया है. यहां 100 मिलियन टन कोल रिजर्व है तथा 20 साल का लाइफ है. इसमें पहले 15 मिलियन टन कोयला निकाला जा चुका है. फिलहाल अमलो माइंस सालाना 3 मिलियन टन का है. इस वर्ष इसे बढ़ा कर सालाना 3.6 मिलियन का किया जायेगा. इसके बाद 4.5 मिलियन टन का मेन प्लान कुछ दिनों में सीसीएल बोर्ड से एप्रूव हो जायेगा. इसके बाद इसी इनहांसमेंट लिया जायेगा. इसके अलावा प्रक्षेत्र अंतर्गत एसडीओसीएम में आने वाले समय में 35 मिलियन टन का नया प्रोजेक्ट आयेगा, जो करीब 20 साल का होगा. इसका भी माइनिंग प्लान सीएमपीडीआइ ने बनाया है. फिलहाल यहां 756 हेक्टेयर का पीआर बन रहा है, जो अंतिम चरण में है. इस वर्ष बोर्ड से इसका एप्रूवल मिल जायेगा. इसमें 46 मिलियन टन वाशरी ग्रेड-3 तथा जी-9 का कोल रिजर्व है. इसका 25 साल का लाइफ है. पुरानी तारमी, पुराना कल्याणी एवं तिसरी को मिलाकर सालाना 2.7 लाख टन का यह कल्याणी एक्सपेंशन के नाम से माइंस होगा. फिलहाल एसडीओसीएम माइंस को चार साल के लिए सीटीओ मिल गया है.

हाइवाल माइनिंग से 3 साल में 13 लाख टन होगा उत्पादन

ढोरी एरिया के एएडीओसीएम के अमलो माइंस में सीसीएल का पहला हाइवाल माइनिंग लग रहा है. जल्द ही हाइवाल माइनिंग से कोयला उत्पादन शुरू होगा. इसमें तीन साल में कुल 13 लाख टन कोयले का उत्पादन होगा. पहले साल तीन लाख टन तथा इसके बाद के वर्षों में सालाना 5-5 लाख टन यहां से कोल प्रोडक्शन होगा. इस विधि से उत्पादन किये जाने वाला कोयला का साइज माइनस 100 एमएम से भी कम होगा तथा क्रश होकर बिलकुल ही फ्रेश कोयला निकलेगा. यह कोल माइंस से सीधे कन्वेयर बेल्ट में आयेगा तथा यहां से फिर सरफेस में आकर गिरेगा. यहां से टिपर में लोड होकर साइडिंग तथा वाशरी में यह कोयला जायेगा.

सीसीएल का सबसे बड़ा इको पार्क का निर्माण कार्य 40 फीसदी पूरा : ढोरी एरिया के शारदा कॉलोनी में सीसीएल का सबसे बड़ा इको पार्क का निर्माण कार्य चल रहा हो, जो 40 फीसदी पूरा हो चुका है. ढोरी एरिया में इस वर्ष दो कायाकल्प स्कूल धरातल पर उतरेगा. पिछरी के तीन स्थानों पर 10 करोड़ की लागत से तीन पार्क का निर्माण होगा.

जीएम का स्थानांतरण एनसीएल : गत 15 मार्च 2023 को ढोरी एरिया के वर्तमान महाप्रबंधक मनोज कुमार अग्रवाल का स्थानांतरण कोल इंडिया की अनुषंगी इकाई एनसीएल हो गया है. फिलहाल श्री अग्रवाल ही महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं. संभवत: वित्तीय वर्ष समापन के बाद अब स्टॉक की मापी के बाद श्री अग्रवाल नयी कंपनी में अपना योगदान देंगे.

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