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Bokaro News : कोयला व छाई ट्रांसपोर्टिंग से फैल रहे प्रदूषण से जीना मुहाल

Bokaro News : प्रभात खबर संवाद में पिछरी गांव के ग्रामीणों का छलका दर्द

Bokaro News : पेटरवार प्रखंड के पिछरी गांव में गुरुवार को प्रभात संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें लोगों ने अपने क्षेत्र की समस्याओं से अवगत कराया. लोगों ने बेरमो अनुमंडल के पिछरी पंचायत होकर फुसरो-जैनामोड़ मुख्य मार्ग होकर हाइवा से हो रही ओवरलोड कोयला व छाई के ट्रांसपोर्टिंग पर रोष प्रकट किया. ग्रामीणों का कहना है कि आये दिन इस सड़क से गुजर रहे ओवर लोड वाहनों से दुघर्टना का खतरा बना रहता है. वायु प्रदूषण से लोग कई तरह की बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं. छाई व कोयले के कण से आसपास के खेत बंजर होते जा रहे हैं. स्थानीय प्रशासन की ओर से रैयतों को इंसाफ दिलाने की बात होती है, लेकिन अब तक कोई पहल नहीं हो पायी है, जिस कारण लोग आंदोलन को मजबूर हैं.

मौके पर मुखिया प्रतिनिधि देवीदास ने कहा हाइवा द्वारा हो रही ट्रांसपोर्टिंग से छाई सड़क में जहां-तहां गिरता है और उनके उड़ने वाले धूल कण से ग्रामीण काफी परेशान हैं. प्रदूषण से होने वाले गंभीर बीमारी से पिछरी, तांतरी, मानगो ग्रामीण त्रस्त हैं.

कार्यक्रम में आंदोलनकारी नेता सूरज महतो ने कहा कि इस मार्ग से होकर आवागमन करने वाले राहगीर व बाइक सवार लोगों की सेहत पर प्रदूषण का बुरा प्रभाव पड़ता है. ग्रामीण मजबूरन वायु प्रदूषण के खिलाफ सड़कों पर उतरते रहते हैं. इसका निदान होना चाहिए.

राम भजन नायक ने बताया कि भयंकर वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए फुसरो-जैनामोड़ मुख्य मार्ग में प्रतिदिन सुबह शाम पानी का टैंकर से पानी का छिड़काव किया जाये. प्रशासन ओवर लोड ट्रांसपोर्टिंग पर रोक लगाये.

पवन कुमार मिश्रा ने कहा कि प्रदूषण रोकने के लिए बेरमो एसडीएम मुकेश मछुआ ने हाईवा ट्रांसपोर्टरों को यातायात नियमों को पालन करने एवं पानी छिड़काव करने का निर्देश जारी किया था. इस निर्देश का पालन नहीं हो रहा है.

जयलाल महतो ने कहा कि प्रदूषण की वजह से धुंध सा दिखाई पड़ता है, लेकिन यहां रहने वाले उस प्रदूषण के अभ्यस्त हो गये हैं और उनमें जागरूकता का भी अभाव है. वे समस्या की गंभीरता को समझ नहीं पा रहे हैं. काली सिंह ने कहा कि प्रदूषण की वजह से लोग कई तरह की बीमारियों और एलर्जी के शिकार हो रहे हैं. प्रदूषण के कारण लोगों की उम्र घट रही है. पिछरी कोलियरी चालू होनी चाहिए, तभी स्थानीय युवकों को रोजगार मिलेगा.

मुकेश सिंह ने बताया कि वायु प्रदूषण की वजह से फेफड़े समेत कई तरह की बीमारी स्थानीय लोगों को हो रही है. यहां तक की बच्चों में भी लगातार सर्दी और खांसी की समस्या बनी रहती है. प्रदूषण की समस्या का निदान चाहिए.

मिथुन कुमार साव ने कहा कि वायु प्रदूषण का प्रभाव इतना ज्यादा है कि लोगों की आयु भी कम होती जा रही है, लेकिन आजीविका की मजबूरी में लोग यहां रह रहे हैं. जिला प्रशासन को प्रदूषण की समस्या का निदान करना चाहिए.

जयनंदन महतो ने कहा कि प्रदूषण कम करने के लिए प्रबंधन कभी-कभार पानी का छिड़काव कराता है. लेकिन इससे कोई फायदा नहीं होता, क्योंकि जमीन तुरंत सूख जाती है और प्रदूषण फिर उसी मुकाम पर पहुंच जाता है.

उमेश झा ने बताया कि वायु प्रदूषण से लोगों के खेत बंजर होते जा रहे हैं. आंदोलन करने के बावजूद भी कोई सुध लेने वाला नहीं है. जनप्रतिनिधियों को भी इस मामले में गंभीर होने की जरूरत है. तभी समस्या का निदान होगा.

कृष्णा साव ने कहा कि वायु प्रदूषण व नित्य हो रही दुर्घटनाओं से लोग त्राहिमाम हैं. इसके लिए लोग आंदोलित है, प्रशासन की ओर से सिर्फ आश्वासन मिलता है. जिस कारण लोगों का प्रशासन पर विश्वास उठता जा रहा है.

सुभाष महतो ने कहा कि लगातार आंदोलन के बावजूद भी प्रबंधन व प्रशासन अपने कार्यशैली को समझने को तैयार नहीं है. सिर्फ आश्वासन से ही से काम चलाना चहती है. लोग आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन टालमटोल कर रहा है.

निर्मल रविदास ने बताया कि फुसरो-जैनामोड़ सड़क पर पानी का नियमित छिड़काव होना चाहिए. लेकिन प्रबंधन सिर्फ अपना हित देखता है. प्रदूषण से लोग कई तरह की बीमारी के शिकार हो रहे हैं. आंदोलन के बाद भी कोई सुनवाई नहीं है.

विजय पाल ने बताया कि प्रदूषण के मामले में कोई गंभीर नहीं है. स्थानीय जनप्रतिनिधि भी उदासीन बने हुए हैं. लोगों की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है. अब एकजुटता की जरूरत है. तभी समस्या का समाधान हो सकेगा.

जो दर्द उभर कर सामने आया

कोयला व छाई की ट्रांसपोर्टिंग व ओवरलोड से हो रहे प्रदूषण से लोगों का जीना दुश्वारजैनामोड़-फुसरो मुख्य सड़क हो गयी है जर्जर. फुसरो हिंदुस्तान पुल पर भी बढ़ा है खतरा.

ओवरलोड वाहनों के परिचालन से दुर्घटनाओं में इजाफा. अब तक सैकड़ों लोगों की जा चुकी है जान. कई लोग अपाहिज हो गये हैं.

उड़ती छाई व कोयले के कण से किसानों के खेत हो रहे बंजर.

लोग आंख, पेट, चर्म सहित कई तरह की गंभीर बीमारी से ग्रसित

क्षेत्र के सांसद व विधायक की भूमिका ठीक नही है. अगर जनप्रतिनिधि इस गंभीर मसले पर चितिंत रहते तो आज लोगों को सड़क पर उतरकर आंदोलन नही करना पड़ता.

जो सुझाव आये

केंद्र व राज्य सरकार बताये कि क्या इस मुख्य मार्ग होकर कोयला व छाई की ट्रांसपोर्टिंग उचित है

ट्रकों पर कोयला व छाई के ऊपर तिरपाल ढंका जाए. रोजाना नियमित रूप से हो जल छिड़काव.

रोजाना शाम 6 बजे से रात्रि 9 बजे तक नो इंट्री का सख्ती से हो पालन.

फुसरो-जैनामोड़ मुख्य मार्ग के बजाय फुसरो निर्मल महतो चौक (पुल के नीचे) से होकर की जाए ट्रांसपोर्टिंग.

बेरमो में दर्जनों रेलवे साइडिंग हैं तो फिर इस मुख्य मार्ग से होकर ट्रांसपोर्टिंग क्यों?

बेरमो एसडीएम की अध्यक्षता में कोयला व छाई ट्रांसपोर्टिंग को लेकर हुई मीटिंग में बनी सहमति का सख्ती से पालन हो.

जिन पांच मुद्दों का तत्काल निदान चाहिए

नो इंट्री का पालन किया जाए

सड़कों पर नियमित पानी का छिड़काव किया जाएबेरमो अनुमंडलाधिकारी की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में बनी सहमति को लागू किया जाये.

ट्रांसपोर्टिंग का रुट चेंज किया जाये

सांसद व विधायक इस मामले में ठोस पहल करें

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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