सीसीएल बीएंडके एरिया की कारो ओसीपी में कारो बस्ती के विस्थापितों का अनिश्चकालीन चक्का जाम आंदोलन दूसरे दिन सोमवार को भी जारी रहा. दूसरे दिन भी माइंस में उत्पादन कार्य ठप रहा. बेरमो अंचल के सीआइ रवि सिंह व बीएंडके रेवेन्यू ऑफिसर बीके ठाकुर धरनास्थल पहुंचे और आंदोलन वापस लेने का आग्रह किया. सीआइ ने कहा कि लोकसभा चुनाव के कारण वंशावली बनने में विलंब हुआ है. फिलहाल 17 विस्थापितों की वंशावली बनाने के लिए कागजात कार्यालय में जमा है. एक सप्ताह में ग्रामसभा कर वंशावली बनाने का प्रक्रिया की जायेगी. इस पर विस्थापितों ने कहा कि प्रबंधन लंबित नियोजन व मुआवजा देने की दिशा में जब तक त्रिपक्षीय वार्ता नहीं करेगा, आंदोलन जारी रहेगा.
पहले भी अधिकारियों ने दिया आश्वासन
विस्थापित सोहनलाल मांझी ने कहा कि बीएंडके के पूर्व जीएम एमके राव ने 15 दिनों के अंदर अजय गंझू को नियोजन पर पुनः बहाल करने का आश्वासन दिया था. परंतु उस पर भी अब तक कोई पहल नहीं की गयी. प्रबंधन की तानाशाही अब बर्दाश्त नहीं की जायेगी. अजय गंझू ने कहा कि प्रबंधन ने बिना वजह नौकरी से बैठा दिया. लिखित आश्वासन देने के बाद भी पुनः नियोजन नहीं दिया गया. प्रबंधन का मात्र एक उद्देश्य कोयला उत्पादन करना है. विस्थापितों के दर्द से कोई सरोकार नहीं है. प्रबंधन नियोजन और मुआवजा दे, तभी माइंस का विस्तारीकरण होगा.
ये सभी रहे मौजूद
मौके पर संजय गंझू, मेघलाल गंझू, अजय गंझू, कुलदीप गंझू, चैता गंझू, कुंवर मांझी, ममता देवी, गीता देवी, गुड़िया देवी, कामिनी देवी, सोरमुनि देवी, भूखली देवी, मीना देवी, फागुनी देवी, तारा देवी, सुनीता देवी, सोनी देवी, खगेश्वर रजक, लखन हांसदा, मिथिलेश गंझू आदि मौजूद थे.
जेबीकेएसएस ने आंदोलन को दिया समर्थन
झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति के कमलेश महतो सहित अन्य कार्यकर्ता आंदोलन स्थल पहुंचे और आंदोलन को समर्थन दिया. कमलेश महतो ने कहा कि त्रिपक्षीय वार्ता में समिति के सुप्रीमो जयराम महतो भी विस्थापितों की ओर रहेंगे.