भारत से चयनित 6 विद्यालयों में झारखंड से एकमात्र DPS बोकारो को मिला 7 स्टार रेटिंग अवार्ड
डीपीएस बोकारो को एक बार पुनः राष्ट्रीय स्तर की उपलब्धि मिली है. नई दिल्ली में सेंटर फॉर एजुकेशनल डेवलपमेंट (सीईडी) फाउंडेशन ट्रस्ट की ओर से कौशल शिक्षा एवं सतत विकास विषय पर आयोजित आठवें सम्मेलन के दौरान विद्यालय को स्टार रेटिंग स्कूल अवॉर्ड 2022 मिला.
बोकारो, सुनील तिवारी : गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपने दायित्व-निर्वहन एवं विभिन्न अनूठे पहलों के लिए डीपीएस बोकारो को एक बार पुनः राष्ट्रीय स्तर की उपलब्धि मिली है. नई दिल्ली में सेंटर फॉर एजुकेशनल डेवलपमेंट (सीईडी) फाउंडेशन ट्रस्ट की ओर से कौशल शिक्षा एवं सतत विकास विषय पर आयोजित आठवें सम्मेलन के दौरान विद्यालय को स्टार रेटिंग स्कूल अवॉर्ड 2022 मिला. स्कूल को ग्रीन स्कूल इनीशिएटिव की विशेष कैटेगरी में सेवन स्टार रेटिंग और ए- ट्रिपल प्लस की ग्रेडिंग मिली. विद्यालय के प्राचार्य डॉ एएस गंगवार ने 08 जनवरी को सम्मेलन की मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार की महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला के हाथों यह पुरस्कार ग्रहण किया.
सम्मेलन में उत्तर प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह, एनसीईआरटी के पूर्व निदेशक ऋषिकेश सेनापति, सीबीएसई के निदेशक (एकेडमिक) जी. बालासुब्रमण्यम व उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. जीसी त्रिपाठी, राज्य महिला आयोग (उ.प्र.) की सदस्य संगीता तिवारी सहित अन्य गणमान्यजनों की विशेष उपस्थिति रही. उल्लेखनीय है कि देशभर से कुल 1975 विद्यालयों के आवेदनों में से केवल छह विद्यालयों को सेवेन स्टार रेटिंग मिली. इनमें झारखंड से अकेले डीपीएस बोकारो शामिल रहा. वहीं, 69 स्कूलों को फाइव स्टार रेटिंग मिली. बुधवार को विद्यालय में आयोजित एक विशेष असेंबली के दौरान इस राष्ट्रीय उपलब्धि की घोषणा की गई. प्राचार्य डॉ. गंगवार ने इसे समस्त विद्यालय परिवार के समेकित सहयोग व परिश्रम का प्रतिफल तथा महत्वपूर्ण गौरव बताया.
पेपर रिसाइक्लिंग, सोलर पैनल सहित कई कारगर पहल
प्राचार्य डॉ. गंगवार ने कहा : डीपीएस बोकारो ने अपने गो ग्रीन इनीशिएटिव के तहत प्रकृति से बच्चों को जोड़े रखने तथा ऊर्जा एवं पर्यावरण संरक्षण को लेकर कई अनूठी व कारगर पहल की है. यहां रद्दी कागज को रीसाइकिल कर पुनः उपयोग के लायक बनाने के लिए पेपर रीसाइक्लिंग यूनिट, सौर-ऊर्जा से संचालित सोलर पैनल सिस्टम, औषधीय पौधों की चरक वाटिका, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, महापुरुषों के नाम पर पौधशाला (ग्रीन ब्रिगेड) आदि की स्थापना की गई है. इसके अलावा केंचुआ खाद से कृषि कार्य के लिए वर्मी कल्चर, जैविक कृषि वानिकी तथा मिट्टी बचाने के लिए सेव सॉइल, बच्चों को प्रकृति-पोषण से जोड़े रखने के लिए फुलवारी, विभिन्न अवसरों पर पौधारोपण एवं स्वच्छता अभियान जैसे कार्यक्रम भी चलाए जाते हैं. इसके अतिरिक्त विद्यार्थियों के लिए ग्रीन आई कार्ड, विभिन्न अवसरों पर अतिथियों के लिए फल-सब्जियों के बीज वाले विशेष ग्रीन कार्ड उपलब्ध कराने के साथ-साथ पौधे भेंटकर अतिथियों का ग्रीन वेलकम करने की परंपरा भी विगत कई वर्षों से निभाई जा रही है. पर्यावरण-संरक्षण का यह प्रयास आगे भी सतत जारी रहेगा.
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