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झारखंड राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष डॉ हेमलता एस मोहन को मिला डॉ सरोजिनी नायडू अंतरराष्ट्रीय सम्मान

Jharkhand news, Bokaro news : झारखंड राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष डॉ हेमलता एस मोहन को भारत कोकिला डॉ सरोजिनी नायडू अंतरराष्ट्रीय सम्मान, 2020 से सम्मानित किया गया है. नोएडा के फिल्म सिटी स्थित एशियन अकेडमी ऑफ आर्टस (Asian academy of arts) के छठे ग्लोबल लिटरेरी फेस्टिवल के अवसर पर संस्था के निदेशक डॉ संदीप मारवाह एवं आईसीएमआई (ICMI) के जनरल सेक्रेटरी (General secretary) अशोक त्यागी की ओर से ऑनलाइन कार्यक्रम में यह सम्मान दिया गया. इस सम्मान समारोह में शामिल होने के लिए देश- विदेश से कई मेहमानों ने ऑनलाइन योगदान दिया. डॉ हेमलता डीपीएस, चास की चीफ मेंटर भी हैं.

Jharkhand news, Bokaro news : बोकारो (सुनील तिवारी) : झारखंड राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष डॉ हेमलता एस मोहन को भारत कोकिला डॉ सरोजिनी नायडू अंतरराष्ट्रीय सम्मान, 2020 से सम्मानित किया गया है. नोएडा के फिल्म सिटी स्थित एशियन अकेडमी ऑफ आर्टस (Asian academy of arts) के छठे ग्लोबल लिटरेरी फेस्टिवल के अवसर पर संस्था के निदेशक डॉ संदीप मारवाह एवं आईसीएमआई (ICMI) के जनरल सेक्रेटरी (General secretary) अशोक त्यागी की ओर से ऑनलाइन कार्यक्रम में यह सम्मान दिया गया. इस सम्मान समारोह में शामिल होने के लिए देश- विदेश से कई मेहमानों ने ऑनलाइन योगदान दिया. डॉ हेमलता डीपीएस, चास की चीफ मेंटर भी हैं.

जानी-मानी शिक्षाविद्, संस्कृति संवाहक, अध्यक्ष- सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र (सीसीआरटी) संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार और महिला सशक्तिकरण में अग्रणी भूमिका निभाने वाली डॉ हेमलता एस मोहन को यह सम्मान मिला है. ऑनलाइन कार्यक्रम में डॉ संदीप मारवाह के प्रति आभार व्यक्त करते हुए डॉ हेमलता ने कहा कि नये भारत के निर्माण में महिलाएं अपनी भागीदारी बखूबी निभा रही हैं. उनकी स्थिति बेहतर हो रही है. आज एक सक्षम एवं दूरदर्शी नेतृत्व में भारत की बेटियां हर क्षेत्र में अग्रणी है. ये तभी संभव हो रहा है, जब समाज अपना नजरिया बदल रहा है.

उन्होंने कहा कि मैं कभी भी सम्मान पाने की चाह से अपना कार्य नहीं करती, बल्कि ये मेरा जुनून है. 3 दशक से अधिक समय से शिक्षा से गहरा नाता रहा है. स्कूल के माध्यम से बच्चों पर अपना सर्वस्व न्योछावर किया है. बच्चों के शैक्षिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक विकास के लिए जितनी जरूरी शिक्षा है, उतना ही जरूरी है सामाजिक और सांस्कृतिक ज्ञान, कर्तव्य एवं कृतज्ञता की भावना.

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स्टील सिटी बोकारो की स्टील वुमेन

समाज में महिलाओं को सम्मान एवं बराबरी का दर्जा दिलाने की मुहिम की डॉ हेमलता अगुआ रही हैं. डॉ हेमलता स्टील सिटी बोकारो की स्टील वुमेन के तौर पर भी जानी जाती हैं. 39 वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ीं डॉ हेमलता एस मोहन का जन्म उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में एक संभ्रांत परिवार में हुआ. उनके पिता मुरारी लाल शर्मा संपूर्णानंद यूनिवर्सिटी, बनारस में गणित और खगोल शास्त्र के प्रख्यात प्रोफेसर थे. बनारस यूनिवर्सिटी से हेमलता एस मोहन ने एलएलबी, बीएड एवं पीएचडी की पढ़ाई पूरी की. डॉ हेमलता का मानना है कि बच्‍चों का सर्वांगीण विकास आवश्यक है और वह हमेशा इसके लिए प्रयासरत रही हैं. उन्हें राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के संस्थानों के द्वारा सम्मान प्रदान किया गया है.

… और भी कई उपलब्धियां हैं इनके नाम

– 2002 में तत्कालीन मानव संसाधन मंत्री मुरली मनोहर जोशी के हाथों सीबीएसई टीचर अवार्ड
– 2004 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के हाथों उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान
– 2010-2013 में झारखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष
– 2020 फरवरी में फेम इंडिया की 25 सशक्त महिलाओं की सूची में शामिल
– शिक्षा को संस्कृति का मूल आधार बनाने में अथक प्रयत्न
– जॉय ऑव गिविंग की संकल्पना की
– शास्त्रीय संगीत में सीनियर डिप्लोमा डिग्रीधारी
– लिखे गीत ‘होगा कल सुनहरा’, ‘बढ़ता जा तू’ बच्चों में लोकप्रिय

Posted By : Samir Ranjan.

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