BOKARO NEWS : गोमिया में बारूद कारखाना का उद्घाटन करने आये थे डॉ राजेंद्र प्रसाद

BOKARO NEWS : देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने पांच जनवरी 1958 को एशिया महादेश के पहले बारूद कारखाना का उद्घाटन करने बेरमो अनुमंडल के गोमिया आये थे.

By Prabhat Khabar News Desk | December 2, 2024 11:59 PM
an image

बेरमो : देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने पांच जनवरी 1958 को एशिया महादेश के पहले बारूद कारखाना का उद्घाटन करने बेरमो अनुमंडल के गोमिया आये थे. रेलवे धनबाद ऑफिस के हवलदार गोमिया के रामधन राम उनके साथ ड्यूटी में स्पेशल सैलून से धनबाद से गोमिया तक उनके साथ आये थे. इसके बाद डॉ राजेंद्र प्रसाद खुली जीप से आइसीआइ कंपनी गये तथा कारखाना का उद्घाटन व निरीक्षण करने के बाद मजदूरों को संबोधित किया था. लौटने के क्रम में सड़क के दोनों ओर खड़े ग्रामीणों से मिले तथा उनकी समस्याएं सुनी थी. कहा था प्लांट को चलाने में आप सहयोग करें. यह देश आपका है. देश में उद्योग-धंधों का विस्तार होगा तो लोगों को रोजगार मिलेगा. डॉ राजेंद्र प्रसाद गोमिया के स्वतंत्रता सेनानी होपन मांझी व उनके पुत्र लक्ष्मण मांझी से भी मिले थे. उन्हें बताया गया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी होपन मांझी के घर रुके थे.

बाद में गोमिया बारूद कारखाना का नाम हो गया आइइएल

यहां बारूद कारखाना खोलने के पीछे सरकार ने कई दृष्टिकोण से गोमिया को उपर्युक्त माना था. बगल में कोनार नदी का पानी मिल गया. एक किमी की दूरी पर गोमिया रेलवे स्टेशन था. यहां प्रचुर मात्रा में बारूद खपाने के लिए कोयला खदानें भी थीं. आज भी कोल इंडिया की कई खदानों में गोमिया का ही बारूद कोयला खनन के क्रम में ब्लास्टिंग के लिए उपयोग किया जाता है. यूनाइटेड किंगडम (लंदन) की कंपनी आइसीआइ (इम्पेरियल कैमिकल इंडस्ट्रीज) से गोमिया में बारूद कारखाना खोलने के लिए तत्कालीन केंद्र सरकार ने आग्रह किया था. 90 के दशक में आस्ट्रेलिया की कंपनी ओरिका ने इसे अपने अधीन ले लिया तथा इसका नाम आइइएल ओरिका पड़ गया. इस बारूद कारखाना में बारूद के अलावा नाइट्रिक एसिड, अमोनिया, नाइट्रो फ्लोराइड का भी उत्पादन किया जाने लगा. यहां निर्मित सामानों की सप्लाई पूरे देश के अलावा अरब कंट्री, चीन, भूटान, इंडोनेशिया, वर्मा आदि में भी की जाती थी. अभी भी यहां का बारूद देश- विदेश में जाता है. जिस वक्त गोमिया में बारूद कारखाना खोला गया था, उस वक्त करीब 12 सौ एकड़ जमीन अधिग्रहित की गयी थी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Exit mobile version