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डुमरी उपचुनाव : चंद्रपुरा प्रखंड में है सबसे कम 45 मतदान केंद्र, फिर भी जगरनाथ महतो को मिले हैं सबसे अधिक वोट

पांच सितंबर को होने वाले डुमरी विधानसभा उपचुनाव को लेकर सरगर्मी तेज है. इस विधानसभा का चंद्रपुरा प्रखंड में सबसे कम 45 मतदान केंद्र है. इसके बावजूद यहां से जगरनाथ महतो को सबसे अधिक वोट मिले हैं. वहीं, वोटिंग की संख्या की बात की जाए, तो 37 वर्षों में पांच गुना वोटिंग हो गयी है.

By Samir Ranjan | August 21, 2023 5:55 AM

Dumri By-election: पांच सितंबर को होने वाले डुमरी उपचुनाव को लेकर कुल 373 मतदान केंद्र बनाये गये हैं. डुमरी प्रखंड में 199, नावाडीह प्रखंड में 129 और चंद्रपुरा प्रखंड में 45 मतदान केंद्र हैं. चंद्रपुरा प्रखंड में कम बूथ होने के बावजूद दिवंगत जगरनाथ महतो को यहां से सबसे अधिक वोट मिलता रहा है. कई बार नावाडीह प्रखंड में पीछे चले गये, लेकिन चंद्रपुरा प्रखंड में मिले एकतरफा वोटों ने उन्हें जीत दिला दी. अभी डुमरी विधानसभा क्षेत्र में वोटरों की संख्या 4,96,622 है. इसमें 2,55,622 पुरुष और 2,41,000 महिलाएं हैं. चंद्रपुरा प्रखंड में पुरुष वोटर 18,906 और महिला वोटर 17,388 हैं. वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में चंद्रपुरा प्रखंड की कई बूथों में बंपर वोटिंग हुई थी. पूरे विधानसभा क्षेत्र में 69.74 प्रतिशत मतदान हुआ था. लेकिन चंद्रपुरा प्रखंड मतदान प्रतिशत 71.12 रहा था. तेलो क्षेत्र के तेलीबांध, केंदुआडीह व मध्य विद्यालय तेलो के मतदान केद्रों में 80 प्रतिशत से अधिक और नेहरू विद्यालय, केंदुआडीह, मवि तेलो के केंद्रों में 70 प्रतिशत से अधिक वोटिंग हुई थी.

37 वर्षों में पांच गुना हो गयी वोटिंग

डुमरी विधानसभा सीट में वर्ष 1977 और 2014 के बीच 37 वर्षों में वोटिंग की बात करें, तो पांच गुना से ज्यादा हो गयी है. वर्ष 1977 में लगभग 50 हजार वोटिंग हुई थी. 1985 के चुनाव में वोटरों की संख्या 1,16,164 थी और वाेटिंग हुई थी 55,275. वर्ष 1990 में वोटर थे 1,43,162 व वोट पड़े थे 84,611. वर्ष 1995 में वोटरों की संख्या 1,61,447 थी व वोट पड़े थे 1,09,964. वर्ष 2000 में वोटरों की संख्या 1,72,819 थी व वोटिंग हुई थी 80,793. वर्ष 2005 के चुनाव में वोटर थे 2,06,618 व वोट पड़े थे 1,00,800. वर्ष 2009 में वोटरों की संख्या 2,06,906 थी और वोट पड़े थे 99,108. वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में वोटरों की संख्या 2,43,870 थी और इसमें से 1,72,301 ने वोट डाले थे.

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बीजेपी का भी बेहतर प्रदर्शन

वर्ष 1985 के चुनाव में जीत दर्ज करने वाले झामुमो प्रत्याशी शिवा महतो को मात्र 21,082 मत प्राप्त हुए थे. वर्ष 2019 का चुनाव जीतने वाले झामुमो प्रत्याशी जगरनाथ महतो को 71,128 मत मिले थे. लालचंद महतो को सबसे ज्यादा 45,503 वोट वर्ष 2014 के चुनाव में बतौर बीजेपी प्रत्याशी मिला था. डुमरी सीट से बीजेपी का भी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था. सीपीआई का यहां कभी चार हजार से ज्यादा वोट नहीं मिला है. वर्ष 2014 के चुनाव में भाकपा प्रत्याशी नुनुचंद महतो को 3,641 तथा वर्ष 2019 के चुनाव में भाकपा प्रत्याशी गणेश प्रसाद महतो को 2,891 मत मिले थे. पिलपिलो के तारकेश्वर महतो ने वर्ष 2009 का विस चुनाव राजद के टिकट पर लड़ा था और 2,382 मत लाकर छठे स्थान पर रहे थे.

डुमरी विस में सबसे ज्यादा पार्टी बदलकर पूर्व विधायक लालचंद महतो ने लड़ा है चुनाव

1977 से 2019 तक अगर हम डुमरी विधानसभा सीट पर नजर डाले, तो डुमरी के पूर्व विधायक लालचंद महतो लगातार हर विधानसभा का चुनाव लड़ते आये हैं. यह उपचुनाव पहला मौका है जब श्री महतो चुनाव नही लड़ रहे हैं. 1977 से 2019 तक जितने भी विधानसभा चुनाव हुए है उसमें श्री महतो हर चुनाव में अलग-अलग दल से चुनाव लड़े. वर्ष 1977 में उन्होंने जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा तथा मात्र 26 साल की उम्र में विधायक बन गये. इसके बाद 1980 के चुनाव में वे हार गये. 1985 के विधानसभा चुनाव में श्री महतो ने लोकदल से चुनाव लड़ा तथा दूसरे स्थान पर रहे. 1990 के चुनाव में उन्होंने जनता दल के टिकट पर चुनाव लड‍़ा तथा जीत दर्ज की. वर्ष 1995 का विधानसभा चुनाव उन्होंने समता पार्टी के टिकट पर लड़ा तथा तीसरे स्थान पर रहे. 2000 का विधानसभा चुनाव लालचंद महतो ने जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ा तथा तीसरे बाद जीत दर्ज की. 2005 के विधानसभा चुनाव में श्री महतो राजद के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे तथा दूसरे स्थान पर रहे. इसके बाद वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में बसमो से उन्होंने चुनाव लड‍ा तथा तीसरे स्थान पर रहे. इसके बाद 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें पार्टी प्रत्याशी बनाया, लेकिन वे चुनाव हार गये तथा दूसरे स्थान पर रहे. 2019 के विधानसभा चुनाव में श्री महतो एक बार फिर से जदयू के प्रत्याशी बने तथा उनकी जमानत जब्त हो गई. उन्हें मात्र 5219 मत प्राप्त हुए.

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