गिरिडीह: आजादी के बाद डुमरी सीट से अभी तक एक ही बार महिला विधायक बनी हैं. वर्ष 1967 में राजा पार्टी की एस मंजरी यहां से विधायक बनी थीं. इसके बाद से एक भी महिला इस सीट से विधायक नहीं बनी है. नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन गुरुवार को I-N-D-I-A (आईएनडीआईए) की प्रत्याशी बेबी देवी और एनडीए प्रत्याशी यशोदा देवी ने इस सीट से पर्चा दाखिल किया. बेबी देवी व यशोदा देवी समेत 8 प्रत्याशी अब तक नामांकन दाखिल कर चुके हैं. 18 अगस्त को नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी होगी. नाम वापसी की आखिरी तारीख 21 अगस्त 2023 है. पांच सितंबर 2023 को मतदान (वोटिंग) होगा. इसके बाद आठ सितंबर को मतगणना (काउंटिंग) होगी.
आखिरी दिन बेबी देवी व यशोदा ने भरा पर्चा
डुमरी विधानसभा उपचुनाव को लेकर पर्चा दाखिल करने के आखिरी दिन गुरुवार को I-N-D-I-A (आईएनडीआईए) की प्रत्याशी बेबी देवी और एनडीए की प्रत्याशी यशोदा देवी ने डुमरी अनुमंडल कार्यालय पहुंच कर नामांकन दाखिल किया. I-N-D-I-A की प्रत्याशी बेबी देवी के साथ नामांकन दाखिल करने के दौरान झामुमो विधायक मथुरा महतो, विधायक जयमंगल सिंह, योगेंद्र महतो, सुदिव्य कुमार सोनू, सरफराज अहमद, माले विधायक विनोद सिंह अनुमंडल कार्यालय में मौजूद थे. एनडीए प्रत्याशी यशोदा देवी के नामांकन दाखिल करने के वक्त आजसू पार्टी के अध्यक्ष सुदेश महतो, पूर्व सांसद डॉ रविन्द्र राय, विधायक रणधीर सिंह, विधायक नारायण दास, डुमरी के भाजपा नेता प्रदीप साहू मौजूद थे.
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बेबी देवी ने दो सेटों में किया नामांकन दाखिल
सबसे पहले बेबी देवी ने नामांकन पत्र दाखिल किया. उनके साथ गांडेय विधायक डॉ सरफराज अहमद, बगोदर विधायक विनोद सिंह, टुंडी विधायक मथुरा महतो, बेरमो विधायक कुमार जयमंगल, गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, लोकेश्वर महतो, जयलाल महतो मौजूद थे. वह समर्थकों के जुलूस के साथ नामांकन पत्र दाखिल करने पहुंची थीं और दो सेट में उन्होंने नामांकन दाखिल किया.
एनडीए प्रत्याशी यशोदा देवी ने भी किया पर्चा दाखिल
इसके बाद एनडीए प्रत्याशी यशोदा देवी ने नामांकन पत्र दाखिल किया. उनके साथ आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो, सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी, जमुआ विधायक केदार हाजरा, सारठ विधायक रंधीर सिंह, मांडू विधायक जेपी पटेल, देवघर विधायक नारायण दास, गोमिया विधायक लंबोदर महतो, पूर्व सांसद डॉ रवींद्र कुमार राय, पूर्व विधायक योगेंद्र महतो बाटुल व निर्भय कुमार शहाबादी, बीजेपी के डुमरी विधानसभा प्रभारी प्रदीप साहू, सांसद प्रतिनिधि छक्कन महतो मौजूद थे. इसके पूर्व यशोदा देवी समर्थकों के जुलूस के साथ निर्वाची कार्यालय पहुंची और नामांकन किया. नामांकन दाखिल करने के बाद यशोदा देवी इसरी बाजार स्थित तेरहपंथी कोठी पहुंचीं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कीं.
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बेबी देवी व यशोदा देवी समेत 8 प्रत्याशी कर चुके नामांकन दाखिल
डुमरी विधानसभा उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन गुरुवार को पांच लोगों ने नामांकन पत्र दाखिल किया. डुमरी विधानसभा क्षेत्र के निर्वाची पदाधिकारी सह डुमरी अनुमंडलाधिकारी मो शहजाद परवेज के समक्ष आईएनडीआईए गठबंधन की ओर से झामुमो प्रत्याशी के रूप में उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री बेबी देवी, एनडीए गठबंधन की ओर से आजसू पार्टी की प्रत्याशी यशोदा देवी, निर्दलीय रोशनलाल तुरी, झारखंड पीपुल्स पार्टी के बैजनाथ महतो और निर्दलीय लैलुन निशा ने नामांकन पत्र दाखिल किया. इस तरह आठ दिनों के दौरान कुल आठ प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किया है. इसके पहले बोकारो जिले के नावाडीह के बिरनी निवासी कमल प्रसाद साहू, एआइएमआइएम पार्टी से इसरी बाजार स्थित हुसैन नगर निवासी अब्दुल मोबिन रिजवी और बोकारो जिले के जुनौरी निवासी नारायण गिरि ने पर्चा दाखिल किया था.
कौन हैं I-N-D-I-A की प्रत्याशी बेबी देवी
झारखंड के पूर्व शिक्षा मंत्री दिवंगत जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी हैं, जो 3 जुलाई को मंत्री पद की शपथ ली हैं. बेबी देवी की चार पुत्रियां हैं और एक पुत्र है. इनमें सबसे बड़ी पुत्री सुनीता देवी, रीना देवी, पूनम देवी व गीता देवी हैं. चारों पुत्रियों की शादी हो चुकी है. पुत्र अखिलेश महतो उर्फ राजू सबसे छोटे हैं. जो अविवाहित हैं. दिवंगत मंत्री जगरनाथ महतो की पत्नी की पहचान हमेशा एक कुशल गृहिणी के रूप में रही है. कभी-कभार वह पहले जगरनाथ महतो के साथ पार्टी के कार्यक्रमों में शामिल होती थीं. मंत्री के निधन होने के बाद पिछले ढाई महीने से अपने डुमरी विधानसभा क्षेत्र में झामुमो (झारखंड मुक्ति मोर्चा) के कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से अपने पुत्र अखिलेश महतो के साथ भाग ले रही हैं. बेबी देवी का मायके टुंडी विधानसभा क्षेत्र के गोमो स्थित जीतपुर में है.
कौन हैं एनडीए की प्रत्याशी यशोदा देवी
डुमरी विधानसभा उपचुनाव में पहली बार एनडीए की ओर से आजसू की यशोदा देवी को प्रत्याशी बनाया गया है. इस विधानसभा क्षेत्र में एनडीए और यूपीए के बीच भी पहली दफा चुनावी मुकाबला होगा. आपको बता दें कि यशोदा देवी झारखंड आंदोलनकारी दिवंगत दामोदर महतो की पत्नी हैं. दामोदर महतो एकीकृत बिहार में जदयू के नेता थे. यशोदा देवी वर्ष 2019 में डुमरी से आजसू पार्टी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ी थीं. इसमें वह दूसरे स्थान पर रही थीं. वह डुमरी की प्रमुख भी रही हैं. फिलहाल वह पंचायत समिति सदस्य हैं.
विधानसभा चुनाव में 2004 से जीत रहे थे जगरनाथ महतो
चुनाव वर्ष : पार्टी : विजयी प्रत्याशी : दूसरे स्थान पर : मतों का अंतर
2004 : जेएमएम : जगरनाथ महतो : लालचंद महतो : करीब 18 हजार मतों का अंतर
2009 : जेएमएम : जगरनाथ महतो : लालचंद महतो : करीब 13 हजार वोट का अंतर
2014 : जेएमएम : जगरनाथ महतो : लालचंद महतो, बीजेपी : करीब 33 हजार मतों का अंतर
2019 : जेएमएम : जगरनाथ महतो : यशोदा देवी, आजसू : 34 हजार से अधिक मतों का अंतर
पांच सितंबर को डुमरी उपचुनाव के लिए वोटिंग
पांच सितंबर 2023 को डुमरी विधानसभा का उपचुनाव है. इसको लेकर राजनीतिक समेत प्रशासनिक गतिविधियां तेज हो गयी हैं. डुमरी उपचुनाव को लेकर डुमरी प्रखंड की 37 पंचायत और बोकारो जिले के नावाडीह प्रखंड की 24 पंचायत व चंद्रपुरा प्रखंड की नौ पंचायतों में 373 बूथ बनाये गये हैं. कुल मतदाताओं की संख्या 2,98,629 है. इसमें 1,54,452 पुरुष और 1,44,174 महिला मतदाता हैं. डुमरी प्रखंड में 199, नावाडीह में 129 और चंद्रपुरा प्रखंड में 45 बूथ हैं. नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी की तारीख 18 अगस्त 2023 है. नाम वापसी की आखिरी तारीख 21 अगस्त 2023 है. पांच सितंबर 2023 को मतदान होगा. इसके बाद आठ सितंबर को मतगणना होगी. उपचुनाव संपन्न करने की अंतिम तारीख 10 सितंबर 2023 निर्धारित की गयी है.
प्रदीप साहू को 2019 में डुमरी प्रखंड से मिले थे सर्वाधिक वोट
वर्ष 2019 के चुनाव में डुमरी विधानसभा क्षेत्र के डुमरी प्रखंड में सर्वाधिक 25,116 मत बीजेपी प्रत्याशी प्रदीप साहू को मिला था. झामुमो के दिवंगत जगरनाथ महतो को 24,738 मत मिले थे. नावाडीह प्रखंड में झामुमो के दिवंगत महतो 46,390 वोट लाकर आगे रहे थे. यहां श्री साहू को 10,897 वोट मिले थे. आजसू प्रत्याशी यशोदा देवी को डुमरी प्रखंड में 19,355 तथा नावाडीह प्रखंड में 17,429 वोट मिले थे. एआईएमआईएम प्रत्याशी मौलाना मोबिन रिजवी को डुमरी प्रखंड में 15,454 व नावाडीह प्रखंड में 8,678 वोट मिले थे, जबकि डुमरी से तीन दफा जीत दर्ज करने वाले पूर्व मंत्री लालचंद महतो को इस चुनाव में डुमरी प्रखंड से 2,029 व नावाडीह प्रखंड से 3,190 मत मिले थे. 2019 के चुनाव में एआईएमआईएम प्रत्याशी मौलाना रिजवी ने जोरदार उपस्थिति दर्ज करायी थी. उन्हें 24,132 मत प्राप्त हुए थे. इस बार फिर वह फिर चुनावी मैदान में हैं. 2014 के चुनाव में वह जदयू के प्रत्याशी थे और तीसरे स्थान पर रहते हुए उन्होंने 16730 मत प्राप्त किया था.
पूर्व मंत्री लालचंद महतो इस बार नहीं लड़ रहे चुनाव
वर्ष 1977 के बाद डुमरी विधानसभा सीट पर यह पहला मौका है, जब यहां से तीन बार विधायक रहे पूर्व मंत्री लालचंद महतो ने इस बार चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की है. पिछले चार दशक से डुमरी विधानसभा क्षेत्र की राजनीति में सक्रिय रहने वाले लालचंद महतो ने चुनाव में अपनी भूमिका को लेकर समर्थकों के साथ बैठक कर आगे की रणनीति तय करेंगे. इसके लिए 21 अगस्त को डुमरी प्रखंड और 23 अगस्त को नावाडीह प्रखंड में समर्थकों के साथ बैठक करेंगे. राय-विचार लेने के बाद समर्थन पर निर्णय लेंगे.
56 वर्षों में नहीं हुई कोई महिला विधायक
आजादी के बाद डुमरी सीट से अभी तक एक बार ही महिला विधायक बनी हैं. वर्ष 1967 में राजा पार्टी की एस मंजरी यहां से विधायक बनी थीं. 1952 में कांग्रेस के लक्ष्मण मांझी, 1957 व 1962 में राजा पार्टी के हेमलाल प्रगणैत, 1969 के मध्यावधि चुनाव में राजा पार्टी के कैलाशपति, 1972 में कांग्रेस के मुरली भगत, 1977 में जनता पार्टी के लालचंद महतो, 1980 व 1985 में झामुमो के शिवा महतो, 1990 में जनता दल के लालचंद महतो, 1995 में झामुमो के शिवा महतो, 2000 में जदयू के लालचंद महतो फिर विधायक बने थे. बाद में वर्ष 2004, 2009, 2014 और 2019 के विधायक चुनाव में झामुमो के जगरनाथ महतो जीतते रहे और लगातार चार बार विधायक बने.
डुमरी विधानसभा उपचुनाव में पहली बार एनडीए से प्रत्याशी
डुमरी विधानसभा उपचुनाव में पहली बार एनडीए की ओर से प्रत्याशी उतारा गया है. एनडीए की ओर से आजसू की यशोदा देवी को प्रत्याशी बनाया गया है. इस विधानसभा क्षेत्र में एनडीए और यूपीए के बीच भी पहली दफा चुनावी मुकाबला होगा. आपको बता दें कि 2019 के विधानसभा चुनाव में आजसू व बीजेपी ने यहां अलग-अलग चुनाव लड़ा था. आजसू की ओर से यशोदा देवी प्रत्याशी थीं, जिन्होंने दूसरा स्थान प्राप्त किया था. उन्हें कुल 36,840 मत प्राप्त हुआ था, जबकि बीजेपी प्रत्याशी प्रदीप साहू को 36,013 मत मिला था यानी एनडीए ने इस चुनाव में 72,853 मत बटोरे थे. इस चुनाव में जीत दर्ज करने वाले झामुमो के दिवंगत जगरनाथ महतो को 71,128 मत मिले थे.
1985 से इस सीट पर चुनाव लड़ रही है बीजेपी
आजसू ने इससे पूर्व 2014 में भी डुमरी विधानसभा का चुनाव लड़ा था तथा टिकाराम महतो उर्फ बिगन महतो प्रत्याशी थे. इन्हें 1,260 मत मिला था तथा 10वें स्थान पर रहे थे जबकि बीजेपी शुरू से इस विधानसभा का चुनाव लड़ती रही है. 1985 में ईश्वरी लोहानी, 1990 में प्रशांत जायसवाल, 1995 में कैलाश पंडित के बाद 2014 में लालचंद महतो ने बजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था.
जदयू ने छह बार लड़ा डुमरी विधानसभा का चुनाव
बीजेपी और आजसू के अलावा जदयू ने भी डुमरी विधानसभा का चुनाव छह दफा लड़ा है. वर्ष 2000 में पहली बार बीजेपी समर्थित जदयू से लालचंद महतो ने इस सीट पर चुनाव लड़ा था तथा जीत दर्ज की थी. इसके बाद वर्ष 2005 में दिवंगत दामोदर महतो (यशोदा देवी के पति) ने जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ा था तथा 16,917 मत लाकर तीसरे स्थान पर रहे थे. 2009 में फिर जदयू प्रत्याशी दामोदर महतो बनाये गये थे और उन्होंने 20,292 मत लाकर दूसरा स्थान प्राप्त किया था. इसके बाद 2014 के चुनाव में जदयू प्रत्याशी के रूप में मौलाना मोबिन रिजवी ने चुनाव लड़ा था और उन्होंने 16,730 मत लाकर तीसरा स्थान प्राप्त किया था. वर्ष 2019 के चुनाव में जदयू प्रत्याशी के रूप में फिर से एक बार लालचंद महतो ने चुनाव लड़ा था और उन्हें मात्र 5219 मत से ही संतोष करना पड़ा था.
उपचुनाव को लेकर बीडीओ ने लिया तिसरी चेकनाका का जायजा
डुमरी उपचुनाव को लेकर गिरिडीह जिले के तिसरी बीडीओ संतोष कुमार प्रजापति की अगुआई में निगरानी दल प्रखंड के सुदूरवर्ती गांव थानसिंहडीह पहुंचा. यहां डुमरी उपचुनाव को लेकर बिहार-झारखंड की सीमा पर चेकनाका लगाया गया है. यहां वाहनों की जांच की जा रही है. बीडीओ ने कहा कि डुमरी विधानसभा उपचुनाव को लेकर पूरे जिले में आचार संहिता लागू है. प्रखंड क्षेत्र में निगरानी दल द्वारा इसकी निगरानी की जा रही है. उन्होंने कहा कि आचार संहिता का कड़ाई से पालन किया जा रहा है.
उपनिर्वाचन पदाधिकारी ने किया मतदान केंद्र का निरीक्षण
मतदाता सूची विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन को लेकर उपनिर्वाचन पदाधिकारी महेंद्र रविदास ने नगवां पंचायत में बूथ नंबर-54 व 55 का निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि 21 अगस्त तक घर-घर अभियान चलाया जा रहा है. इसमें बीएलओ मतदाताओं के नाम का सत्यापन कर सूची को त्रुटिमुक्त करेंगे. समावेशी मतदाता सूची बनायी जानी है. एक अक्तूबर को 18 वर्ष या इससे अधिक आयु पूरी करने वाले लोगों का पंजीकरण किया जाना है. सूची व फोटो मतदाता पहचान पत्र में त्रुटियों का निराकरण किया जायेगा. नवविवाहिताओं का नाम और नया पता अपडेट किया जाना है. इस दौरान दिवंगत मतदाता का नाम मतदाता सूची से हटाने का भी काम होगा. उन्होंने आसपास के लोगों से पूछताछ कर मतदाता पुनरीक्षण से संबंधित जानकारी दी. उन्होंने बीएलओ को निर्देश दिया कि मतदाता सूची विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अभियान का विशेष ध्यान रखें. एक भी योग्य मतदाता का नाम छूटने नहीं पाए. इस दौरान उन्होंने मतदाताओं से मिलकर उन्हें भी जागरूक किया. इसके साथ ही मतदाता सूची में निबंधन, स्थानातंरण, सुधार, नाम हटाने समेत अन्य जानकारी के लिए घर आए बीएलओ को सहयोग करने की अपील की.