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दुर्गा पूजा खत्म, डीवीसी के सप्लाई मजदूरों को अब तक नहीं मिला बोनस, जिम्मेदार कौन?

पत्र में संवेदकों ने लिखा था कि निविदा को लेकर डीवीसी द्वारा बनाये गये इस्टीमेट में मजदूरों का रात्रि भत्ता, इएल, बोनस/एक्सग्रेसिया, राष्ट्रीय अवकाश मसलन 15 अगस्त, 26 जनवरी, दो अक्तूबर सहित बढ़ोतरी राशि नहीं जोड़ा रहता है.

दुर्गा पूजा खत्म होने को आया, लेकिन सप्लाई मजदूरों को बोनस नहीं मिला. डीवीसी मुख्यालय कोलकाता के आदेश के बाद भी बोकारो थर्मल में सप्लाई मजदूरों को बोनस भुगतान का मसला डीवीसी प्रबंधन एवं सप्लाई मजदूरों के 18 संवेदकों के बीच लाभांश का पेंच फंसने के कारण नहीं किया जा सका. बोकारो थर्मल में दुर्गा पूजा पर एक्सग्रेसिया (बोनस) का भुगतान नहीं होने से सप्लाई मजदूरों में रोष व्याप्त है. सप्लाई मजदूरों के सभी संवेदक इस वर्ष बोनस भुगतान की राशि पर बिना लाभांश लिए भुगतान के मूड में नहीं हैं तो डीवीसी प्रबंधन भी लाभांश देना तो दूर बोनस का भुगतान नहीं किये जाने पर संवेदकों पर कार्रवाई की तैयारी में है.

डीवीसी के दो संस्थान में अलग-अलग नियम

मसले को लेकर सप्लाई मजदूरों के सभी 18 संवेदकों ने आठ अगस्त को छह सूत्री मांग को लेकर एक पत्र डीवीसी के एचओपी को दिया था. एचओपी को दिये गये पत्र की प्रतिलिपि सीइ ओएंडएम एवं एसइ को भी दी थी. पत्र में संवेदकों ने लिखा था कि निविदा को लेकर डीवीसी द्वारा बनाये गये इस्टीमेट में मजदूरों का रात्रि भत्ता, इएल, बोनस/एक्सग्रेसिया,राष्ट्रीय अवकाश मसलन 15 अगस्त, 26 जनवरी, दो अक्तूबर सहित बढ़ोतरी राशि नहीं जोड़ा रहता है. बावजूद इसके, सभी संवेदकों को इसका भुगतान मजदूरों को करना पड़ता है.

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लाभांश जोड़कर बनता था इस्टीमेट

पहले जो विभागीय आकलन (इस्टीमेट) बनाया जाता था, उसमें संवेदकों का 10 फीसदी लाभांश जोड़कर इस्टीमेट बनाया जाता था, जबकि वर्तमान में इसे हटा दिया गया है. भुगतान की गयी राशियों पर एक ओर जहां लाभांश संवेदकों को नहीं मिलता है, वहीं दूसरी ओर दो फीसदी आयकर एवं 13 फीसदी एसडी एवं एसडीपीजी काट लिया जाता है. वर्ष 2018 तक उक्त सभी राशियों पर 10 फीसदी सुपरविजन चार्ज का भुगतान किया जाता था, जिसे बाद में बंद कर दिया गया. डीवीसी चंद्रपुरा पावर प्लांट में उपरोक्त सभी राशियों पर संवेदकों को सुपरविजन चार्ज का भुगतान किया जाता है.

डीवीसी के दो संस्थानों में दो प्रकार के नियम समझ से परे

संवेदकों का कहना है कि वे अपनी राशि बैंक या दूसरे संस्थान में लगाते तो उन्हें लाभांश की राशि का भुगतान किया जाता. संवेदकों ने प्रबंधन से बढ़ती हुई महंगाई को देखते हुए उन्हें सुपरविजन चार्ज का भुगतान करने की मांग की है. मामला संवेदकों एवं डीवीसी के बीच लाभांश का पेंच फंसने को लेकर है, परंतु वर्तमान में इसका खामियाजा सभी सप्लाई मजदूरों को भुगतना पड़ा है. उन्हें दुर्गा पूजा जैसे त्योहार में बोनस का भुगतान नहीं गया.

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