बोकारो में शहर से गांव तक दुर्गा पूजा की धूम, लोग शक्ति की भक्ति में डूबे
बोकारो के पूजा पंडालों में विभिन्न मंदिरों की झलक दिख रही है. पंडाल के आस-पास के ब्लॉकों को भी रोशनी से जगमग की गयी है. देवी मंदिरों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है.
बोकारो : निमिया के डाढ़ी मैया झुलेली झुलनवा कि झूली झूली ना…मां दुर्गा की भक्ति के भवसागर में स्टील सिटी बोकारो डूब गयी है. हर कोई मां दुर्गा की भक्ति में डूबा है. नवरात्रि की धूम मची हुई है. हर भक्त, शक्ति की भक्ति में डूबा हुआ है. आरती के लिए पूजा पंडालों में श्रद्धालु उमड़ रहे हैं. शारदीय नवरात्र के मौके पर पूजा समितियों, समूहों की ओर से जगह-जगह पर कलश स्थापित किया गया है. श्रद्धालु यहां पहुंचकर सुख, समृद्धि के लिए माता से आर्शीवाद मांग रहे है.
मां ब्रह्मचारिणी की हुई पूजा-अर्चना
शुक्रवार को ब्रह्मचारिणी के रूप की पूजा की गयी है. आदि शक्ति मां के नवरात्र में बोकारो देवीमय हो गया है. मंदिर, पूजा पंडाल व घरों से सुगंधित खुशबू की फिजां और पूजा की घंटियां भोर से ही वातावरण को भक्तिमय बना रही हैं. दिव्य स्वरुपा मां दुर्गा के शास्त्रों में 108 नाम बताये गये हैं. परंतु इन नौ दिनों में शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी व सिद्धिदात्री का ही पूजन किया जाता है.
घर-घर में हो रहा है दुर्गा सप्तशती का पाठ, श्रद्धा व विश्वास के साथ व्रत
दुर्गा मंदिर, पूजा पंडाल व घर में श्रद्धालुओं द्वारा विधि-विधान से माता की पूजा-अर्चना की जा रही है. शहर में नगर में मां की झांकियां व देवी जागरण के कार्यक्रम अनवरत चल रहे हैं. घर-घर में दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जा रहा है. मां के भक्त इन दिनों श्रद्धा और विश्वास के साथ व्रत रख रहे हैं. सुबह चार बजे से ही घर-घर दुर्गा पूजा शुरू हो जाती है. इसके बाद लोग मंदिरों में दर्शन करके अपनी पूजा को विराम देते हैं. शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी नवरात्र के पर्व पर भारी उल्लास देखा जा रहा है.
गांव व शहरों में मंदिरों की आकर्षक ढंग से सजावट
शहर के पूजा पंडालों में विभिन्न मंदिरों की झलक दिख रही है. पंडाल के आस-पास के ब्लॉकों को भी रोशनी से जगमग की गयी है. देवी मंदिरों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है. रात्रि में देवी गीतों का आयोजन किया जा रहा है. गांव धार्मिक रंग में रंगे हुए दिखाई दे रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्र में भी मंदिरों की आकर्षक ढंग से सजावट की गयी है. सुबह से ही महिलाएं व युवतियां ही नहीं, छोटी-छोटी बच्चियां भी मंदिरों में रंग बिरंगे परिधानों में हाथों में जल का लोटा लिये हुए देवी गीत गाती हुई मंदिरों में पहुंच रही है.