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बोकारो में प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज को लगा ग्रहण

टेंडर विवाद के कारण मामला हाई कोर्ट में, सरकार को रखना है पक्ष

सीपी सिंह, बोकारो.

इसे बोकारो की किस्मत कहें या फिर सरकार के काम का तरीका, लेकिन बोकारो में प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज बनने की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पा रही है. 2015 के बाद पूर्व की रघुवर सरकार में बोकारो मेडिकल कॉलेज की घोषणा दो बार की गयी. मौजूदा सरकार में हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री रहते इसे लेकर घोषणा की गयी. 16 दिसंबर 2023 को मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कॉलेज निर्माण को कैबिनेट की मंजूरी मिली. फिर चंपाई सोरेन के मुख्यमंत्री बनने के बाद शिलान्यास की चर्चा हुई. मार्च 2024 में खूब चहल-पहल हुई कि लोकसभा चुनाव का आचार संहिता लागू होने के पहले मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास हो जायेगा. लेकिन, अब जो जानकारी मिल रही है, उससे बोकारो की उम्मीद को झटका लग सकता है. बोकारो में प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज निर्माण का मामला कोर्ट पहुंच चुका है.

दरअसल, 16 दिसंबर 2023 को मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कॉलेज निर्माण को कैबिनेट की मंजूरी मिली थी. इसके 13 दिन बाद निर्माण संबंधित टेंडर प्रकाशित किया गया. 687.5 करोड़ रुपया की लागत से निर्माण संबंधित टेंडर निकाला गया था. झारखंड स्टेट बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन लिमिटेड की ओर से टेंडर जारी किया गया था. लगभग 36 माह में निर्माण कार्य पूरा करना था. टेंडर प्रकिया में हैदराबाद की एबीएन कंपनी व एलएंडटी ने हिस्सा लिया. बाद में एलएंडटी को तकनीकी रूप से अयोग्य करार दे दिया गया. इसके बाद एलएंडटी कंपनी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. मामला कोर्ट में रहने के कारण अब आगे की कार्रवाई नहीं हो पा रही है. जब तक कोर्ट इस मसले पर फैसला नहीं सुनाती, तब तक बोकारो को मेडिकल कॉलेज निर्माण की शुरुआत के लिए इंतजार करना होगा.

500 बेड का अस्पताल व 100 बेड का होगा मेडिकल कॉलेज :

बताते चलें कि मेडिकल कॉलेज के लिए राज्य सरकार को बोकारो सेक्टर-12 में बीएसएल की ओर से 25 एकड़ जमीन उपलब्ध करायी गयी है. यह जमीन फोरलेन के ऊपर और सुधा डेयरी के ठीक सामने स्थित है. बोकारो में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए दिखाये गये प्रोजेक्ट रिपोर्ट प्रपोजल (पीआरपी) को 100 बेड के मेडिकल कॉलेज के लिए तैयार किया गया था. साथ ही 500 बेड के अस्पताल का निर्माण की बात कही गयी थी. अस्पताल में एकेडमिक ब्लॉक के अलावा एक ऑडिटोरियम, डॉक्टर व पारा मेडिकल कर्मियों के लिए आवास, छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग आवास, प्ले ग्राउंड, छात्रों व शिक्षकों के मनोरंजन के लिए अलग-अलग व्यवस्थाएं, मल्टी पर्पस हाल, गेस्ट फैकल्टी के लिए अलग से कक्ष आदि सुविधा रहेगी. मेडिकल कॉलेज का अपना अलग पावर हाउस होगा, इसमें सोलर सिस्टम की भी व्यवस्था की जायेगी. मामले को लेकर जब बोकारो विधायक बिरंची नारायण से बात की गयी तो उन्होंने कहा : झारखंड सरकार को चाहिए कि मामले को लेकर कोर्ट में जल्द अपना पक्ष रखे. जल्दी पक्ष रखने से सुनवाई जल्द पूरी होगी. बोकारो लंबे अरसे से मेडिकल कॉलेज का सपना संजोये हुए है. इसके लिए लगातार पहल करता रहा हूं. टेंडर विवाद के कारण देरी हो रही है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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