झारखंड में हथिया नक्षत्र का असर, बोकारो में हुई सबसे अधिक बारिश, जनजीवन अस्त व्यस्त
झारखंड में हथिया नक्षत्र में घनघोर बारिश हो रही है. इस दौरान राज्यभर में सबसे अधिक बारिश बोकारो में हुई. बोकारो में पिछले तीन दिनों से बारिश का दौर जारी है. इससे जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है.
Bokaro News: चंद्रमा के पथ के अनुसार वर्तमान में हथिया नक्षत्र का दौर चल रहा है. इस नक्षत्र में बोकारो में पिछले तीन दिनों से बारिश का दौर जारी है. इसका असर जनजीवन पर दिख रहा है. बोकारो की रफ्तार थम गयी है. रविवार की छुट्टी होने के कारण लोग तो नहीं दिखे, लेकिन सिटी सेंटर सेक्टर 04, सेक्टर 09, सेक्टर 06 समेत हर जगह जल जमाव देखने को मिला. जहां सिटी सेंटर वाहन पड़ाव स्थल में घुटना तक पानी जमा था, वहीं बीएसएल सीजेड गेट के पास जल प्रवाह देखने को मिला. जल जमाव के कारण रूट से आवागमन बंद रहा. भारतीय मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे (शनिवार-रविवार)में पूरे प्रदेश में सबसे अधिक बारिश बोकारो जिला में हुई है. बोकारो जिला में इस दौरान सामान्य से 1964 % अधिक बारिश हुई है. बोकारो जिला में 76.4 मिमी बारिश हुई है. जबकि, सामान्य तौर पर 3.7 मिमी बारिश होती है.
चास के कई मुहल्लों के घरों में घुसा पानी
बोकारो अलावा चास में भी जलजमाव देखने को मिला. रामनगर कॉलोनी, वार्ड 16, बाउरी टोला, शिवपुरी कॉलोनी, एसएस कॉलोनी, शांति नगर, प्रभात कॉलोनी, बाबा नगर समेत अन्य जगहों पर जलजमाव ने रफ्तार रोक दिया. कई मुहल्ला में घरों में भी पानी घुसा. उत्क्रमित मध्य विद्यालय- चास पानी से भर गया. स्कूल बंद रहने के कारण नुकसान का आकलन नहीं हो सका. पूरे शहर में नाली का पानी ओवर फ्लो कर सड़क पर बहते दिखा. बारिश रुकने के बाद भी कई घंटों तक स्थिति जस-की-तस बनी रही.
सितंबर माह में सामान्य से 33% अधिक बारिश
अगस्त माह में सामान्य से 45 प्रतिशत तक कम बारिश हुई थी. लेकिन, सितंबर माह में सामान्य से 33 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है. सितंबर माह में सामान्य तौर पर 199.9 मिमी बारिश दर्ज की जाती है, लेकिन इस साल इस माह में 272.3 मिमी बारिश हुई. वहीं अक्तूबर माह की शुरुआत भी बारिश के दृष्टिकोण से गदगद रही. आने वाले कुछ दिनों में सामान्य से अधिक बारिश का अंदेशा जताया जा रहा है. ऐसे में नदी-नालों के जलस्तर बढ़ने की संभावना है.
Also Read: PHOTOS: गिरिडीह में लगातार बारिश के कारण नौलखा डैम का कलवर्ट बहा, खेतों में लगी फसलें हुईं बर्बाद