ललपनिया. गोमिया प्रखंड अंतर्गत आदिवासी बहुल सियारी पंचायत के असनापानी गांव में आजादी के 76 वर्ष के बाद भी बिजली नहीं पहुंची है. ग्रामीणों ने कहा कि आखिर हमारे गांव में बिजली बहाल करने को लेकर सरकार और जिला प्रशासन क्यों चुप है. जबकि पास के टूटी झरना, तिलैया दनिया, मोढा, हलवै, लालगढ़ आदि गांवों में बिजली पहुंंच चुकी है. असनापानी गांव से सटे बिरहोर डेरा और काशीटांड़ गांव में राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत बिजली पहुंचायी गयी, लेकिन तकनीकी गड़बड़ी के कारण पांच साल से बिजली आपूर्ति ठप है. दोनों गांव के ग्रामीण जिला प्रशासन और सरकार के अलावा, विधायक, सांसद, पूर्व विधायक को जानकारी देकर बिजली बहाल कराने की मांग करते रहे हैं. बिरहोर डेरा के ग्रामीणों का कहना है कि बिजली नहीं रहने के कारण दूसरे गांव जाकर मोबाइल चार्ज कराना पड़ता है. रात में सांप-बिच्छु के अलावा जंगली हाथियों का भय रहता है. लकड़ी जलाकर घर में उजाला करते हैं, क्योंकि किरासन तेल काफी महंगा होने के अलावा मिलता भी नहीं है. मालूम हो कि बिजली की मांग को लेकर वर्ष 2023 में असनापानी के ग्रामीणों ने दिवाली नहीं मानने की घोषणा की थी. बाद में पूर्व मंत्री माधवलाल सिंह ने रात में गांव पहुंच कर लोगों के साथ दिवाली मनायी थी. साथ ही कहा था कि बहुत जल्द गांव में बिजली आयेगी. भाकपा-राजद जन अभियान के संयोजक इफ्तेखार महमूद ने विभाग के अधीक्षण अभियंता और बेरमो एसडीएम से मिल कर असनापानी में बिजली बहाल कराने की मांग रखी थी. इसके बावजूद बिजली नहीं पहुंची. जिला प्रशासन के अलावा सरकार का ध्यान इस मुद्दे पर आकृष्ट करा चुका हूं. बिजली विभाग खुद मुख्यमंत्री के जिम्मे में है. जल्द पहला होनी चाहिए. डॉ लंबोदर महतो, विधायक, गोमिया जिन गांवों में बिजली नहीं पहुंची है, वहां मुख्यमंत्री ग्रामीण उज्ज्वला योजना के तहत बिजली जल्द पहुंचायी जायेगी. इसके लिए निविदा विभागीय स्तर पर निकाली गयी है. जीएम, धनबाद विद्युत एरिया बोर्ड
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