विनोद सिन्हा, चंद्रपुरा.
चंद्रपुरा में भी अब पानी में तैरते सोलर पैनल से बिजली तैयार की जायेगी. सूत्रों की मानें तो आने वाले समय में इसका काम दिखने लगेगा. डीवीसी मुख्यालय प्रबंधन इसे लेकर प्रक्रियाएं पूरी कर रहा है. यदि यह प्रोजेक्ट चंद्रपुरा में आया तो डीवीसी का यह पहला प्रोजेक्ट होगा. प्रबंधन की मानें तो डीवीसी के वाटर रिजर्वायर में सोलर पैनल सिस्टम लगाकर बिजली तैयार करने को लेकर मुख्यालय स्तर पर एनआइटी किया जाना शेष है. इस सिस्टम से यहां 10 मेगावाट बिजली उत्पादन करने की योजना है. इधर, इस काम को लेकर चंद्रपुरा में मैथेमेटिक सर्वे हो चुका है. इसके लिए चंद्रपुरा प्लांट से सटे वाटर रिजर्वायर की जलकुंभी को हटाकर पूरी तरह से साफ किया गया है. मुख्यालय से आयी एक टीम ने इसकी गहराई व नीचे कीचड़ की स्थिति का सर्वे किया है. प्रबंधन इसका भी पता लगा रही है कि सोलर पैनल लगने से इसका पानी खराब तो नहीं होगा. एनआइटी के बाद टेंडर फाइनल होकर इसका काम यहां शुरू किया जायेगा. सीटीपीएस के परियोजना प्रधान मनोज कुमार ठाकुर ने बताया कि 10 मेगावाट क्षमता का फ्लोटिंग सोलर सिस्टम लगाने को लेकर कई तरह की प्रक्रिया चल रही हैं. मुख्यालय प्रबंधन की मानें तो डीवीसी अपने कमांड एरिया में फ्लोटिंग व ग्राउंड सोलर सिस्टम से बिजली उत्पादन करने की तैयारी में है. इसके लिए कई स्थलों का चयन किया गया है. मैथन, पंचेत, कोनार व तिलैया डैम में इस सिस्टम को लगाया जायेगा. उधर, तिलैया में ग्राउंड सोलर सिस्टम को लेकर एनआइटी हो चुका है.सोलर सिस्टम पर ध्यान केंद्रीत कर चुका है डीवीसी :
उच्च प्रबंधन के अनुसार देश में उच्च ऊर्जा की हो रही मांग, जगह की कमी और जीवाश्म ईंधन की निरंतर कमी को देखते हुए अक्षय ऊर्जा स्रोतों पर बढ़ी निर्भरता को लेकर डीवीसी प्रबंधन फिलहाल सोलर सिस्टम को अपनाने पर अपना ध्यान केंद्रीत कर चुका है. फ्लोटिंग सोलर सिस्टममें एक लेंस और कई सोलर सेल का इस्तेमाल किया जाता है. लेंस को बीच में और सोलर सेल को उसकी चारों ओर लगभग एक सूरजमुखी फूल की तरह लगाया जाता है और फिर इसे पानी पर तैराया जाता है. इससे फायदा ये होता है कि खराब मौसम में भी ये ढांचा सही सलामत रह जाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है