बोकारो के भस्की गांव में फिर हाथियों ने मचाया उत्पात, पूर्व मुखिया के घर की चहारदीवारी तोड़ी व फसलों को रौंदा
बोकारो जिले के भस्की गांव में हाथियों के झुंड ने फिर उत्पात मचाया. इस दौरान हाथियों ने पूर्व मुखिया के घर की चहारदीवारी तोड़ दी और फसलों को रौंद दिया. ग्रामीण रतजगा करने पर मजबूर हैं.
कसमार (बोकारो): झारखंड के बोकारो जिले के जरीडीह प्रखंड के भस्की गांव में जंगली हाथियों के झुंड ने फिर उत्पात मचाया. सोमवार की सुबह करीब तीन बजे जंगली हाथियों के झुंड ने पूर्व मुखिया सुनीता देवी के घर की चहारदीवारी तोड़ दी. इसके अलावा उनकी लगभग तीन एकड़ भूमि पर लगी गेहूं व मकई की फसलों को रौंदा और खा गए. पिछले चार दिनों के दौरान इस गांव में जंगली हाथियों ने दूसरी बार उत्पात मचाया है. पीड़ित परिजनों व ग्रामीणों के अनुसार, लगभग 22 जंगली हाथियों के झुंड ने सुबह करीब तीन बजे ही गांव में प्रवेश किया. ग्रामीण कुछ जान और समझ पाते उससे पहले हाथियों के झुंड ने उत्पात मचाना शुरू कर दिया.
पटाखा फोड़ कर एवं ढोल बजाकर हाथियों को खदेड़ा
उत्पात मचाने के दौरान ग्रामीण एकत्रित हुए. पटाखे फोड़ कर एवं ढोल बजाकर हाथियों को खदेड़ना शुरू किया. सूचना पाकर थोड़ी देर में हाथी भगाओ दल भी मौके पर पहुंचा और ग्रामीणों की मदद से झुंड को निकटवर्ती रोरिया के घने जंगल की ओर खदेड़ दिया. इधर, बार-बार गांव में जंगली हाथियों के हमले से ग्रामीण भयभीत हैं तथा सुरक्षा की मांग उठायी है. पीड़ित पूर्व मुखिया ने कहा कि पिछले कई वर्षों से इस क्षेत्र में जंगली हाथियों के उत्पात की समस्या बनी हुई है, लेकिन सरकार ने उससे सुरक्षा के लिए अभी-तक कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया है. इसके चलते ग्रामीण हमेशा सशंकित रहते हैं और अक्सर रतजगा भी करने को मजबूर होना पड़ता है.
एलीफेंट वॉच टावर बनाने की मांग
इधर, भस्की पंचायत के रोरिया निवासी समाजसेवी रथुराम महतो एवं काशीनाथ महतो ने रोरिया गांव में अविलंब एलीफेंट वॉच टावर बनाने की मांग वन विभाग से की है. उन्होंने बताया कि ग्रामीणों ने करीब दो महीने पहले इस बाबत एक आवेदन भी बोकारो डीएफओ को लिख कर दिया है, लेकिन अभी तक इसके निर्माण की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं हुई है. श्री महतो ने कहा कि वॉच टावर के निर्माण से ग्रामीणों को जंगली हाथियों की निगरानी एवं गांव की सुरक्षा करने में मदद मिल सकती है. उन्होंने ग्रामीणों को पर्याप्त मात्रा में पटाखे, मशाल, ढोल नगाड़े समेत अन्य जरूरी सामग्री उपलब्ध कराने की मांग भी की है.