कसमार में हाथी का उत्पात, फसलें रौंदी

मकई की महक से गांव की ओर खींचे चले आ रहे हाथी

By Prabhat Khabar News Desk | August 28, 2024 12:41 AM

प्रतिनिधि, कसमार.

कसमार प्रखंड में हाथियों का उत्पात एक बार फिर शुरू हो गया है. मकई की फसल तैयार होने के साथ ही इसकी महक हाथियों को गांवों की ओर खींचने लगी है. पिछले दो दिनों में प्रखंड के सुदूर गांवों में एक दर्जन से अधिक ग्रामीणों की मकई की फसलों को हाथियों ने नष्ट कर दिया है. ग्रामीणों के अनुसार सोमवार की रात करीब आठ बजे ही हाथी कसमार प्रखंड के मुरहुल गांव में प्रवेश कर गया. इस दौरान मुरहुल निवासी नेहरू महतो, रिखीलाल महतो, जगदीश महतो, प्यारेलाल महतो व चंद्रशेखर महतो तथा पाड़ी गांव निवासी गंगाधर महतो आदि की मकई की फसलों को खाकर एवं रौंदकर बड़े पैमाने पर नष्ट कर दिया है. जुमरा गांव के दो ग्रामीण बाल-बाल बचे : बताया गया कि जुमरा गांव के दो ग्रामीण हाथी की चपेट में आने से बाल-बाल बच गये. दोनों खैराचातर बाजार से घर लौट रहे थे. जुमरा से कुछ पहले सिमल पेड़ के निकट हाथी बैठा हुआ था. बाइक सवार ग्रामीणों की नजर जैसे ही हाथी पर पड़ी, वे वहां से जान बचाकर भागे.

रविवार की रात भी फसल किया था बर्बाद :

जानकारी के अनुसार रविवार की रात को भी हाथी ने मुरहुलसुदी पंचायत अंतर्गत भूरसाटांड़ निवासी दुर्जन गंझू, बिहारी गंझू, सुखराम गंझू एवं काशीनाथ गंझू की मकई व धान की फसल को बर्बाद कर दिया. वन सुरक्षा समिति के कसमार प्रखंड अध्यक्ष गंगाधर महतो, सामाजिक कार्यकर्ता रूपेश कुमार महतो आदि ने इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी. उसके बाद वन कर्मियों ने मौके पर पहुंच कर क्षति का जायजा लिया है. ग्रामीणों ने बताया इन दिनों विद्युत आपूर्ति लगातार बाधित रहने के कारण भी हाथी गांव में प्रवेश कर जा रहा है. ग्रामीणों ने टॉर्च एवं पटाखे उपलब्ध कराने की मांग वन विभाग के अधिकारियों से की है.

इधर, जंगली हाथियों का गांवों में प्रवेश एवं उत्पात फिर से शुरू होने से ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है. लोगों ने कहा कि जल्द इसका समाधान नहीं निकाला गया तो जान-माल की बड़ी क्षति हो सकती है.

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