Jharkhand News: झारखंड के बोकारो जिला अंतर्गत गोमिया प्रखंड की बड़कीसिंधावारा पंचायत के रोला गांव में तीसरे दिन भी जंगली हाथियों ने कहर बरपाया. प्रखंड के लगभग आधा दर्जन गांव के ग्रामीण जंगली हाथियों के आतंक से परेशान हैं. वहीं, वन विभाग के अधिकारी भी जगंली हाथियों के आगे विवश दिख रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि सिर्फ मुआवजा देने से बात नहीं बन सकती. एक सप्ताह से लोगों का जीना हराम हो गया है. रातभर ग्रामीण पहरा देते रहते हैं फिर भी भय सताता रहता है.
जानकारी के अनुसार बीती रात्रि लगभग दस बजे के आसपास जंगली हाथियों का झुंड रोला गांव में आ धमका और दोबारा किसुन अगरिया व अन्य ग्रामीण के आवास को क्षतिग्रस्त करने लगा. गांव के जीतन महतो के आवास को भी नुकसान पहुंचाया. इस बीच ग्रामीणों में दहशत थी. कई लोग डर से छत पर चढ़ गये. इस बीच काफी हो-हल्ला किये जाने पर हाथी गांव से निकले और जंगल की ओर चले गये. ग्रामीणों का कहना है कि सिर्फ मुआवजा देने से बात नहीं बन सकती. एक सप्ताह से लोगों का जीना हराम हो गया है. समझ में नहीं आता क्या करें. रात भर ग्रामीण पहरा देते रहते हैं फिर भी भय सताता रहता है.
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आपको बता दें कि चार दिनों के अंतराल पर जंगली हाथी रोला में तीन बार आ चुका है. 12 आवास को नुकसान पहुंचा चुका है. निकट के गांव भितिया में छह आवास व एक मारूति वैन के अलावा सभी जगहों पर फसलों को नुकसान पहुंचा चुका है. हाथियों को भगाने के लिये वन क्षेत्र पदाधिकारी सुरेश राम के द्वारा टॉर्च व मशाल जलाने के लिये व्यवस्था की गयी है.
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हजारीबाग पूर्वी वन प्रमंडल के एसीएफ अभय कुमार सिंह ने कहा कि हाथियों को भगाने के लिये तथा वन क्षेत्र में रखने के लिये विभाग अलर्ट है. हाथियों के झुंड में एक हथिनी ने दो दिन पूर्व एक बच्चे को जन्म दिया है. उसे दस दिनों तक सुरक्षित व निगरानी में रखना है. कम से कम दस दिनों तक छेड़छाड़ नहीं करना है. उन्होंने ग्रामीणों से भी कहा है कि हाथियों को छेड़छाड़ नहीं करें. अगर छेड़छाड़ करेंगे, तो हाथियों का झुंड और भी उग्र हो जायेगा, जो काफी नुकसान पहुंचा सकता है. गोमिया के विधायक डॉ लंबोदर महतो ने बोकारो व हजारीबाग पूर्वी वन प्रमंडल को पत्र लिखकर वन क्षेत्र से जंगली हाथियों को अन्यत्र भगाने व पीड़ित परिवार को त्वरित मुआवजा दिलाने की मांग की है.
रिपोर्ट: नागेश्वर