Loading election data...

आजादी के सात दशक बाद भी आदिवासी बहुल असना पानी गांव में नहीं पहुंची बिजली, ग्रामीण जी रहे नरकीय जीवन

बोकारो के असना पानी गांव में सात दशक बाद भी बिजली नहीं पहुंची है. तमाम दावे-वादे के बावजूद अंधेरे में रहने पर लोग मजबूर हैं.

By Kunal Kishore | August 12, 2024 3:53 PM

बोकारो, नागेश्वर : बोकारो जिला अंतर्गत गोमिया प्रखंड के आदिवासी बहुल सियारीं पंचायत के असना पानी गांव आजादी के 76वें वर्ष के बाद भी गांव में बिजली नहीं पहुंची जबकि देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. वहां के ग्रामीण अपने गांव में मिट्टी तेल से प्रज्वलित ढिबरी दिखाकर जिला प्रशासन और सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि हम सबों के गांव में कब जलेगी बिजली ? कब अंधेरा से उजाला होगा गांव? ग्रामीणों ने कहा कि आखिर हमारे गांव में बिजली बहाल को लेकर सरकार और जिला प्रशासन क्यों चुप है?

आसपास के गांवों में पहुंच चुकी है बिजली

ग्रामीणों का कहना है कि पास के गांव में टूटी झरना, तिलैया दनिया, मोढा, हलवै, लालगढ़ आदि गांव में बिजली की चक्का चौंध है. वहीं असना पानी गांव मे ग्रामीण अंधेरे में जीवन गुजार रहे हैं और तो और गांव से सटे निकट में कुछ ही दूरी में वीरहोर डेरा और काशीटांड गांव है. इन गांवो में राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत बिजली बहाल तो की गई. इसमें तकनीकी गड़बड़ी के चलते हैं विगत 5 वर्षों से दोनों गांव में बिजली नहीं जल रही है. दोनों गांव के ग्रामीण जिला प्रशासन और सरकार के अलावा, विधायक, सांसद, पूर्व विधायक को जानकारी दें. गांव में बिजली बहाल के लिए अपनी मांगे करते रहे हैं, पर न जाने बिजली क्यों नहीं जल रही है जिससे ग्रामीण काफी परेशान है.

वादे पर वादे, लेकिन नहीं आयी बिजली

गांव में बिजली नहीं होने के विरोध में दिवाली नहीं मानने की घोषणा की गयी थी, जिस पर पूर्व मंत्री माधव लाल सिंह ने 10:00 बजे रात्रि में गांव पहुंचकर लोगों के साथ दीवाली मनाई थी और कहा था कि बहुत जल्द गांव में बिजली बाहल होगी, पर आज तक बिजली नहीं जली. भाकपा-राजद जन अभियान के संयोजक इफ्तेखार महमूद ने विद्युत अधीक्षण अभियंता ,बेरमो अनुमडल के एसडीएम के साथ मिलकर बिजली बहाल कराने के अलावा असनापानी में बिजली बहाल करने के लिए बातें रखी गई पर आज तक किसी तरह की पहल नहीं की गयी. इससे ग्रामीणों में काफी मायूसी है.

नाकरीय जीवन जी रहे ग्रामीण

बिरहोर डेरा के ग्रामीणों का कहना है कि 500 मीटर की दूरी में बिजली जल रही है. विद्युत विभाग नीतिगत अध्ययन कर पहल करे. बहुत जल्द गांव में बिजली बहाल हो जाएगी. बिजली नहीं रहने से मोबाइल चार्ज नहीं कर पाते और देश-दुनिया के खबरों से वंचित हो जा रहे हैं. गांव में आवागमन के लिए सुदृढ़ पथ नहीं रहने से ग्रामीण किसी तरह से आवागमन कर लेते हैं. पर बिजली नहीं जलने से रात के अंधेरे में सांप-बिच्छू के अलावा जंगली हाथियों का भैय सताता रहता है. गांव में बिजली नहीं जलने पर आदी मानव की तरह लकड़ी जलाकर आवास में उजाला करते हैं. मिट्टी का तेल काफी महंगा होने के अलावा जल्द मिलता भी नहीं है. गोमिया के विधायक डॉ लंबोदर महतो ने कहा कि जिला प्रशासन के अलावा सरकार का ध्यान आकृष्ट करा चुका हूं, जबकि बिजली विभाग खुद मुख्यमंत्री के जिम्मे में है.

Next Article

Exit mobile version