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रोक के बाद भी कोयलांचल में बालू का खनन, ऊंची कीमत पर हो रही बिक्री

मॉनसून में बालू की कीमत में आग लगी हुई है. दो हजार रुपये प्रति 407 (वाहन) बिकने वाला बालू आज 10 हजार रुपये में बिक रहा है. इससे आम लोगों के लिए घर बनाना मुश्किल हो गया है.

धनबाद/बोकारो : मॉनसून में बालू की कीमत में आग लगी हुई है. दो हजार रुपये प्रति 407 (वाहन) बिकने वाला बालू आज 10 हजार रुपये में बिक रहा है. इससे आम लोगों के लिए घर बनाना मुश्किल हो गया है. निजी व सरकारी प्रोजेक्ट्स का काम प्रभावित हुआ है. वहीं दूसरी तरफ, बालू खनन पर रोक के नेशनल ग्रीन ट्रिव्यूनल (एनजीटी) के निर्देश का हर हाल में पालन करने की हिदायत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दी है. बावजूद इसके कई घाटों पर बालू का खनन धड़ल्ले से जारी है.

कैसे हो रहा बालू का कारोबार : बरसात आते ही बालू की खुलेआम बिक्री पर रोक लगा दी गयी है. लेकिन स्टॉक यार्ड के चालान पर बालू की बिक्री हो रही है. बड़े ट्रक के बजाय 407 एवं ट्रैक्टर से बालू ला कर गंतव्य तक पहुंचाया जाता है. अब शहर में बालू ट्रक नजर नहीं आता. बालू के खुदरा कारोबारी पार्टी से संपर्क करते हैं. सौदा पटने के बाद बालू की डिलिवरी संबंधित प्रोजेक्ट स्थल पर की जाती है. अभी 10 हजार रुपये से कम में एक 407 बालू नहीं मिल रहा. अगर कोई पार्टी घाट से गंतव्य स्थल तक पुलिस और विभाग को मैनेज करने का दावा करती है तो दर में कुछ कमी आ जाती है.

टुंडी के बेजड़ा घाट से लोकल क्षेत्र जैसे पोखरिया, शंकरडीह, लटानी इलाका तक प्रति ट्रैक्टर ढाई हजार रुपये में बालू बिक रहा है. वही बालू गोविंदपुर तक तीन हजार तथा धनबाद तक आते-आते लगभग चार हजार की दर से बिक रहा है.

धनबाद जिला में 15 स्टॉक यार्ड: धनबाद जिले के विभिन्न प्रखंडों में बालू के 15 स्टॉक यार्ड हैं. राज्य सरकार के आदेश के बाद गुरुवार को सभी स्टॉक यार्ड से बालू उठाव पर रोक लगा दी गयी. अभी इन यार्डों में बालू के स्टॉक की मापी नहीं हुई है. जिला खनन पदाधिकारी अजीत कुमार के अनुसार तीन-चार दिनों में सभी स्टॉक यार्डों की जांच होगी. वहां सीसीटीवी कैमरा लगाने को कहा गया है. उसके बाद ही यहां बालू की बिक्री शुरू होगी. 10 जून को प्रतिबंध लगने के बाद यार्डों से कितने बालू की बिक्री हुई. उसकी भी जांच होगी.

प्रतिबंध लगने से पहले ही होने लगा था स्टॉक : एनजीटी द्वारा हर माह मॉनसून के दौरान बालू खनन पर रोक लगायी जाती है. बालू के कारोबारी इसको देखते हुए पहले से ही स्टॉक करने लगे थे. इस वर्ष लॉकडाउन के कारण निर्माण कार्यों पर रोक के चलते गर्मी के दौरान बालू की मांग कम रही. अनलॉक 1 शुरू होते ही स्टॉक करने का काम तेज हो गया. आस-पास के घाटों के अलावा दूसरे जिला तथा पड़ोस के प. बंगाल से भी बालू मंगा कर स्टॉक किया गया.

विभाग से ज्यादा ग्रामीण पकड़ रहे माल : धनबाद जिला में बालू के अवैध खनन को लेकर पुलिस एवं खनन विभाग से ज्यादा ग्रामीण सक्रिय हैं. ग्रामीण खुद बालू गाड़ी पकड़ कर पुलिस व खनन विभाग को सूचना दे रहे हैं. सूत्रों की मानें तो बालू घाटों से माल उठाने के एवज में संचालकों द्वारा ग्रामीणों को कुछ राशि दी जाती है. लेकिन, अब बहुत सारे घाटों पर स्थानीय लोग बालू कारोबारियों से प्रति गाड़ी हिस्सेदारी की मांग कर रहे हैं. सौदा नहीं पटने पर गाड़ी रोक कर संबंधित थाना व विभाग को सूचना देते हैं.

आम दिनों में दो सौ ट्रक माल की होती है खपत : धनबाद जिला में आम दिनों में बालू की खपत दो से ढाई सौ ट्रक रोज होती है. एक ट्रक में तीन ट्रैक्टर बालू रहता है. बड़े ठेकेदार ट्रैक्टर की बजाय ट्रक से ही बालू खरीदना पसंद करते हैं. बरसात के समय इसमें कुछ कमी आ जाती है. इस बार लॉकडाउन के चलते बहुत दिनों से निर्माण से जुड़ा काम-काज ठप था. इसलिए बरसात में भी बालू की मांग अधिक है.

क्या कहते हैं खनन पदाधिकारी : धनबाद जिला के सभी 15 बालू स्टॉक यार्ड की जांच वीडियोग्राफी के साथ करायी जायेगी. यह काम 26 जून से प्रारंभ होगा. पूरी प्रक्रिया होने के बाद ही यहां बालू बेचने की अनुमति दी जायेगी. सरकार की तरफ से बालू बिक्री के लिए कोई दर तय नहीं है. फिर भी विभाग इस पर नजर रखे हुए है. नदी से बालू उठाने की दर तय है. धनबाद जिला में हर स्टॉक यार्ड से ट्रैक्टर के जरिये ही बालू का उठाव होगा.

अजीत कुमार, जिला खनन पदाधिकारी.

क्या कहते हैं कारोबारी : धनबाद जिला खुदरा बालू कारोबारी संघ के अध्यक्ष लव कुमार सिंह तथा सचिव निर्मल पाठक कहते हैं कि बालू कारोबार से जुड़े सैकड़ों लोग पहले से लॉकडाउन के कारण परेशान थे. एनजीटी के रोक लगाने तथा ट्रकों से उठाव बंद होने के चलते माली हालत पतली हो गयी है. राज्य सरकार जब ट्रैक्टर से बालू उठाव का अनुमति दे सकती है तो ट्रकों से क्यों नहीं. इस पर फिर से विचार होना चाहिए.

एक माह में 150 बालू गाड़ी पकड़ायी : धनबाद जिला के विभिन्न घाटों से पिछले एक माह के दौरान खनन विभाग ने छापामारी कर 150 बालू लदे वाहनों को पकड़ा. इसमें ट्रक, ट्रैक्टर व 407 मालवाहक वाहन शामिल हैं. कई वाहन मालिक व चालक भी गिरफ्तार किये गये. इसके बावजूद बालू कारोबारी बालू का उठाव व बिक्री कर रहे हैं. सबसे ज्यादा छापामारी पूर्वी टुंडी के घाटों पर होती है.

Post by : Pritish Sahay

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