Jharkhand News: पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर बोले, हेमंत सोरेन सरकार की उदासीनता के कारण नहीं हुआ झारखंड का विकास
Jharkhand News: पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को बोकारो में आयोजित बेहतर झारखंड युवा संवाद कार्यक्रम में भाग लिया. उन्होंने कहा कि खनिज संपदा व मानव संसाधन के बावजूद झारखंड का विकास नहीं हुआ.
Jharkhand News: बोकारो-पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि झारखंड के युवा अपने राज्य के लिए काम करना चाहते हैं, लेकिन यहां की सरकार के उदासीन रवैए के कारण इसका समुचित विकास नहीं हो पा रहा है. झारखंड में खनिज-संपदा के साथ-साथ मानव संसाधन मौजूद हैं. बावजूद देश के अन्य राज्यों की औसत बेरोजगारी दर से झारखंड की बेरोजगारी दर एक प्रतिशत ज्यादा है. वे मंगलवार को सेक्टर-1 स्थित स्थानीय पैलेस में बेहतर झारखंड सामाजिक संस्था की ओर से आयोजित ‘बेहतर झारखंड युवा संवाद’ कार्यक्रम में में बोल रहे थे. कार्यक्रम की शुरुआत बिरसा मुंडा की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गयी. झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कार्यक्रम में वीडियो संदेश के माध्यम से कार्यक्रम की सराहना की.
हेमंत सोरेन सरकार पर साधा निशाना
पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि आखिर क्या कारण है कि उद्योगपति यहां अपना कल-कारखाना नहीं खोलना चाहते हैं? क्या यहां की कानून व्यवस्था चरमरा गयी है? क्या यहां अपराध ज्यादा है? झारखंड के साथ बने अन्य राज्य आगे बढ़ गये, तो झारखंड क्यों नहीं आगे बढ़ा ? इस पर यहां की सरकार और जनता को मंथन करना होगा. झारखंड को मानइनिंग फंड से लगभग नौ हजार करोड़ रुपये सालाना राजस्व की प्राप्ति होती है. वहीं इसके साथ लगे ओडिशा को 45 हजार करोड़ रुपये की सालाना आमदनी कैसे होती है. इसका विचार झारखंड सरकार नहीं करती है. ओडिशा अपनी खनिज-संपदा को अपने राज्य में स्थापित कल-कारखानों में ही उपयोग करती है, जबकि झारखंड सरकार उसे बेच देती है.
स्टार्टअप के जरिए बढ़ेंगे युवा
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यहां की सरकार को चाहिए कि झारखंड की खनिज-संपदा का इस्तेमाल यहीं पर नये उद्योग-धंधों व कल-कारखानों को खोलकर करे, ताकि यहां के युवाओं व बेरोजगारों को रोजगार के साथ-साथ राज्य का आर्थिक विकास भी हो पाए. उन्होंने कहा कि झारखंड खनिज-संपदा से भरपूर राज्य है, लेकिन यहां से युवा पलायन कर रहे हैं. इसलिए केवल खनिज-संपदा आधारित उद्योग ही नहीं, बल्कि युवाओं के साथ संवाद स्थापित कर स्टार्टअप के जरिए उन्हें आगे बढ़ाने की जरूरत है. तभी बेहतर झारखंड की परिकल्पना की जा सकती है. उन्होंने कहा कि जो युवा अपने राज्य को आगे बढ़ाना चाहते हैं और राज्य का विकास करना चाहते हैं, ऐसे युवाओं के साथ संवाद स्थापित कर उन्हें आगे बढ़ाने की जरूरत है. कार्यक्रम के दौरान उन्होंने केंद्र सरकार की उपलब्धियां गिनायीं.
झारखंड को बनाना चाहते हैं बेहतर : विवेक सिंह
झारखंड बेहतर संस्थान के संस्थापक विवेक सिंह ने कहा कि झारखंड को बेहतर बनाने की पहल की गयी है. यह पहल झारखंड के उन नौजवानों के लिए है, जो राज्य के लिए कुछ करना चाहते हैं. इस कार्यक्रम के माध्यम से झारखंड के युवा नये विकल्प तैयार करेंगे, जिनके पास हुनर है, उन्हें मार्केट से जोड़ा जाएगा और जो उद्योग लगाना चाहते हैं, उनके लिए नए रास्ते तैयार किए जाएंगे. कार्यक्रम में आए सभी मुद्दों को सिर्फ चर्चा तक ही सीमित नहीं रखा जाएगा, उसे धरातल पर उतारा जायेगा. उन्होंने संस्थान की ओर से चल रहे सामाजिक कार्यों का उल्लेख किया और बताया कि संस्थान की ओर से गांव में पानी की समस्या, महिलाओं के लिए सेनेटरी की व्यवस्था, आंगनबाड़ी को मॉडर्न रूप देने का काम किया जाएगा. इसके साथ ही फाइनेंशियल लिटरेसी और साइबर सिक्योरिटी को लेकर भी काम किया जायेगा. कार्यक्रम में मिहिर सिंह, अविनाश कुमार, अजित कुमार, राकेश कुमार मधु, निवारण महतो, झारखंड माहथा, शांभवी आदि सैकड़ों युवा व प्रबुद्ध मौजूद थे.
Also Read: Anurag Thakur: भारत में एक दशक में मिले 51 करोड़ से ज्यादा रोजगार