झारखंड के किसान ने YouTube से सीखी नयी तकनीक, बंजर जमीन को बनाया उपजाऊ, अब रोजाना कमा रहे 5-6 हजार रुपये

Jharkhand News : झारखंड के बोकारो जिले के नावाडीह प्रखंड अंतर्गत बिरनी पंचायत के मंझलीटांड़ गांव के संजय कुमार महतो ने यूट्यूब (YouTube) से खेती की नयी तकनीक सीखी और तीन एकड़ भूमि में बैंगन की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. अभी हर दिन लगभग तीन क्विंटल बैंगन स्थानीय हाट बाजार में बेच रहे हैं.

By Guru Swarup Mishra | September 10, 2022 9:56 AM
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Jharkhand News : झारखंड के बोकारो जिले के नावाडीह प्रखंड अंतर्गत बिरनी पंचायत के मंझलीटांड़ गांव के संजय कुमार महतो ने यूट्यूब (YouTube) से खेती की नयी तकनीक सीखी और तीन एकड़ भूमि में बैंगन की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. अभी हर दिन लगभग तीन क्विंटल बैंगन स्थानीय हाट बाजार में बेच रहे हैं. इससे प्रतिदिन पांच-छह हजार रुपये की आय हो रही है.

नावाडीह बीडीओ संजय सांडिल्य, बिरनी मुखिया देवेंद्र कुमार महतो, पंचायत सचिव रौशन कुमार ने किसान संजय कुमार महतो की खेती का निरीक्षण किया. बीडीओ ने उनसे समस्याओं की जानकारी ली. कृषि विभाग के प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत सोलर सिंचाई सुविधा तथा मनरेगा के तहत दीदी बाड़ी योजना का लाभ दिलाने का भरोसा दिया. बीडीओ ने कहा कि क्षेत्र के बेरोजगार युवक संजय कुमार महतो से प्रेरणा लेकर खेती कर सकते हैं. ऐसे युवकों को प्रखंड प्रशासन की ओर से भी सहयोग किया जायेगा.

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किसान संजय कुमार महतो ने बताया कि रोजगार की तलाश में दूसरे राज्य में जाने का मन बनाया था. इसी बीच एक दिन मोबाइल चलाते समय यूट्यूब में एक युवा द्वारा आधुनिक तकनीक से खेती करने का वीडियो देखा. वीडियो से खेती करने की विधि व लाभ की जानकारी ली. इसके बाद खेती करने का मन बनाया. पत्नी से बात की तो उसका भी साथ मिला. फिर बात बड़े भाई गिरिधारी महतो तक पहुंची तो उन्होंने भी पूरा सहयोग करने की भरोसा दिया.

किसान संजय महतो ने बंजर पड़ी पूर्वजों की जमीन को दिन-रात मेहनत कर खेती लायक बनाया. कृषि विभाग से संपर्क कर 90 प्रतिशत अनुदान से लिफ्ट एरिगेशन सिस्टम लगाया. बड़े भाई से खाद और बीज के लिए पैसा लेकर बैंगन की खेती शुरू की. भाई गिरिधारी महतो,भाभी सुमित्रा देवी, पत्नी गुड़िया देवी ने भी इसमें साथ दिया. आगे फूलगोभी की खेती करने की योजना है. उन्होंने कहा कि कृषि विभाग व प्रशासन का सहयोग मिला तो बड़े पैमाने पर खेती करेंगे.

रिपोर्ट : मनोज वर्णवाल, नावाडीह, बोकारो

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