गांधीनगर. तीन दिन बाद बेटी की रिंग सेरेमनी थी. घर में तैयारी हो रही थी. खरीदारी चल रही थी. रिश्तेदारों का आना शुरू हो गया था. लेकिन, अचानक खुशियों का माहौल मातम में बदल गया. घटना बेरमो के जरीडीह बस्ती के कर्माटांड़ की है.
शहनाई बजने वाली थी, पसर गया मातम
कर्माटांड़ निवासी विशेश्वर महतो (55 वर्ष) बालीडीह की आउटसोर्सिंग कंपनी में सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत थे. पैरालिसिस अटैक के बाद दो माह से बीमार थे. रांची में इलाज चल रहा था. फिलहाल घर में थे.
शनिवार की रात को उनकी मौत हो गयी. परिवार में पत्नी, एक पुत्र व दो पुत्री हैं. बड़ी पुत्री की रिंग सेरेमनी 11 दिसंबर को होनी थी. इसे फिलहाल स्थगित कर दिया गया है. किसी ने सोचा भी नहीं था कि जिस घर में शहनाई बजने वाली थी, वहां मातम पसर जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है