बोकारो में डिप्रेशन के शिकार हो रहे लोग, 20 दिनों में पांच लोगों ने की आत्महत्या

आज के समय में हर कोई तनाव से ग्रस्त है. पहले हमें तनाव के बारे में सोचना होगा. उसका वर्गीकरण करना होगा. धीरे-धीरे उन आदतों में बदलाव कर नियंत्रण पाया जा सकता है. इसके लिए परिवार की मदद ली जा सकती है.

By Nutan kumari | August 22, 2023 2:41 PM

बोकारो, रंजीत कुमार : आज के दौर में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो, जो तनाव से न घिरा हो. खासकर युवा आज सबसे ज्यादा तनाव में है. तनाव के पीछे सबसे बड़ी वजह बेरोजगारी व बदलती जीवनशैली है. बदलते परिवेश में बेरोजगारी, टेक्नोलॉजी, काम का बोझ, शिफ्टिंग जॉब, खेलकूद की कमी जीवन को काफी प्रभावित कर रही है. अगस्त माह में पिछले बीस दिनों में पांच से अधिक लोगों ने आत्महत्या की है. मनोचिकित्सक के अनुसार सभी घटनाओं में तनाव प्रमुख वजह है. जीवनशैली में बदलाव लाकर तनाव पर नियंत्रण पाया जा सकता है. युवाओं को संकल्प के साथ आत्महत्या के प्रति जगाने की जरूरत है.

क्या कहते हैं चिकित्सक व शिक्षक

किसी बात से परेशान, आहत या दुखी होकर उदास होना ही तनाव है. तनाव मन से संबंधित है. यह एक तरह का द्वंद है, जो संतुलन व सामंजस्य न बैठा पाने के कारण होता है. जो व्यक्ति तनाव में होता है उसका मन अशांत हो जाता है. सही व गलत का फैसला करना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में शारीरिक व मानिसक दोनों स्थिति खराब होती जाती हैं. उन्हें काउंसलिंग की जरूरत होती है.

-डॉ प्रशांत कुमार मिश्र, मनोचिकित्सक, सदर अस्पताल

आज के समय में हर कोई तनाव से ग्रस्त है. पहले हमें तनाव के बारे में सोचना होगा. उसका वर्गीकरण करना होगा. धीरे-धीरे उन आदतों में बदलाव कर नियंत्रण पाया जा सकता है. इसके लिए परिवार की मदद ली जा सकती है. युवाओं में तनाव अधिक हावी होने के पीछे उनकी बढ़ती आकांक्षा है. कम समय में सबकुछ पा लेने की चाह के कारण स्थिति बद से बदतर हो रही है.

– डॉ इरफान अंसारी, चिकित्सक, मुस्कान अस्पताल चास

हर व्यक्ति में तनाव का अलग-अलग कारण होता है. पहले उन कारणों को समझने की जरूरत है. हर समस्या का निराकरण है. जब भी कोई व्यक्ति कुछ कहना चाहता है, तो उसकी बातों को दरकिनार नहीं करना चाहिए. इग्नोर करने पर व्यक्ति अकेला महसूस करता है. कदम आत्महत्या की ओर बढ़ता है. यह तनाव की पहली स्थिति का संकेत है. इसे समझना होगा.

– गौतम कुमार सिंह, डीएवी छह

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केस स्टडी एक

10 अगस्त : सिटी थाना क्षेत्र के सेक्टर वन बी आवास संख्या 1606 में 28 वर्षीय चंदन कुमार ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. भाई सुकेश ने बताया कि परिवार में किसी से किसी तरह का कोई विवाद नहीं था. तीन दिनों से चंदन ड्यूटी नहीं जा रहा था. काफी शांत व गुमशुम रहता था. पूछने पर कुछ भी नहीं बताता था.

केस स्टडी दो

10 अगस्त : सियालजोरी थाना क्षेत्र पंचायत देवग्राम के आसनसोल गांव की रहनेवाली 40 वर्षीय कविता देवी ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. घटना के वक्त घर में कोई नहीं था. बच्चों ने देखा की मां फंदे से लटकी हुई है. पति अंतु रवानी की मौत के बाद महिला मानसिक रूप से परेशान चल रही थी.

केस स्टडी तीन

13 अगस्त : हरला थाना क्षेत्र के सेक्टर नौ ए रोड स्थित आवास संख्या 1719 में 27 वर्षीय युवक अनु दास ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. घटना के वक्त वह घर में अकेला था. उसके परिवार के सदस्य सेक्टर नौ से बाहर थे. सुबह जब परिजनों ने फोन किया, तो कोई जवाब नहीं मिला. आत्महत्या का कारणों का पता नहीं चला.

केस स्टडी चार

19 अगस्त : बीएस सिटी थाना इलाके में बोकारो स्टील प्लांट के सी गेट के पास एक पेड़ से चालक दीवाकर कुमार (40 वर्ष) का शव का फंदे से लटका हुआ मिला. दुंदीबाद बाजार से सटे बंगाली पाड़ा का रहनेवाला था. पिता ने बताया कि किसी के साथ घर से निकला था. रात को घर नहीं लौटा. दूसरे दिन सुसाइड की जानकारी मिली.

केस स्टडी पांच

20 अगस्त : बालीडीह थाना क्षेत्र के पुराना पानी टंकी स्टेशन रोड के समीप झोपडी में रहनेवाले 16 वर्षीय प्रदीप कुमार ने अहले सुबह घर में फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली. अंदर वाले कमरे में घटना हुई. घरवालों के पुकारने पर आवाज नहीं आयी. कमरे में जाने पर पता चला कि आत्महत्या कर ली है. परिवार को कोई कारण पता नहीं.

तनाव से होने वाली समस्या

  • व्यक्ति का रक्तचाप बढ़ जाता है.

  • सांस सामान्य से तेज चलती है.

  • पाचन शक्ति प्रभावित होती है.

  • रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है.

  • मांसपेशियाें में तनाव होने लगता है.

तनाव के सामान्य लक्षण

  • कोई मुझे पसंद नहीं करता ऐसी भावनाएं.

  • एक ही जगह टकटकी लगा कर देखना.

  • लगातार कई दिनों तक नींद का नहीं आना.

  • बहुत भूख लगना या बिल्कुल भूख न लगना.

  • लगातार सर्दी से परेशान रहना.

  • हमेशा दुखी महसूस करना.

  • खुशी की बातों पर खुश न होना.

  • हर वक्त ज्यादा गुस्सा व निराश होना.

  • लोगों के साथ खुद को असहज महसूस करना.

  • लगातार सिर दर्द व पीठ दर्द की शिकायत करना.

  • दूसरों को नजरअंदाज करना.

  • किसी एक चीज पर ध्यान नहीं लग पाना.

  • मन में हमेशा नकारात्मक विचार आना.

  • मन में आत्महत्या जैसे ख्याल आना.

  • बहुत ज्यादा सोना या बिल्कुल न सोना.

तनाव का सामान्य बाहरी कारण

  • जीवन में कोई बड़ा नकारात्मक बदलाव.

  • स्कूल या कॉलेज में किसी भी तरह का कोई दबाव.

  • रिश्तों में लगातार दरार का पैदा होना.

  • लगातार आर्थिक तंगी से जूझते रहना.

  • कार्यालय में काम का ज्यादा बोझ लेना.

  • बच्चे व परिवार की स्थिति ठीक न होना.

तनाव का सामान्य कारण

  • बहुत दूर का सोचते रहना.

  • खुद से नकारात्मक बातें करते रहना.

  • हर वक्त खुद में कमी ढूंढते रहना.

  • खुद में आत्मविश्वास की कमी होना.

तनाव दूर करने के टिप्स

  • किसी भी प्रकार का नशा न करें.

  • भरपूर नींद व आराम जरूर करें.

  • खुद के ऊपर दबाव महसूस न करें.

  • मन को व्यवस्थित करने के लिए पुस्तक पढ़ें.

  • दूसरों की बातों को भी धैर्यपूवर्क सुनें.

  • अपने गुस्से पर काबू रखें.

  • कुछ समय निकालकर मनपसंद काम करें.

  • अपने अंदर के बच्चे को मरने नहीं दें.

  • कभी-कभी बच्चों की तरह खेलें.

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