बोकारो, सुनील तिवारी/सीपी सिंह : इस साल दीपावली पर बोकारो एयरपोर्ट से उड़ान शुरू होने की पूरी संभावना है. यही नहीं, जिले में मेडिकल कॉलेज का सपना भी आकार ले सकता है. आने वाले महीनों में यहां के लोगों को बिजली की समस्या से भी निजात मिलने वाली है क्योंकि जैनामोड़ व बरमसिया ग्रिड का काम अंतिम चरण में है. दरअसल, बोकारो एयरपोर्ट से उड़ान भरने के लिए डीजीसीए के लाइसेंस का इंतजार है. 19 जुलाई को निगरानी कमेटी की बैठक होनी है, जिसमें डीसी कुलदीप चौधरी, बोकारो विधायक बिरंची नारायण, बीएसएल व एएआइ के अधिकारी शामिल होंगे. बैठक में अब तक के कार्यों की समीक्षा होगी. साथ ही भविष्य की कार्ययोजना का खाका भी तैयार किया जायेगा.
एयरपोर्ट का काम लगभग पूरा
एयरपोर्ट का निर्माण करीब-करीब पूरा हो चुका है. कुछ छोटे स्तर के काम शेष हैं. बताया जाता है कि बैठक के बाद विधायक 20 जुलाई को दिल्ली रवाना होंगे. वह केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात कर बोकारो एयरपोर्ट के निर्माण व उड़ान संबंधी ब्योरा रखेंगे. इस दौरान विधायक मंत्री से उड़ान जल्द शुरू कराने का आग्रह करेंगे. बताते चलें कि पिछले दिनों एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया रांची के निदेशक केएल अग्रवाल ने एयरपोर्ट का निरीक्षण किया था. उन्होंने बताया था कि उड़ान के लिए एएआइ प्रयासरत है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से भी इस संबंध में निर्देश मिला है.
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मेडिकल कॉलेज : पीआरपी से जगी आस, जल्द बनेगी डीपीआर
बोकारो में मेडिकल कॉलेज भी आकार लेता दिख रहा है. रांची में 28 जून को पावर प्वाइंट प्रजेंटेंशन से मेडिकल कॉलेज का प्रारूप प्रस्तुत किया गया था. प्रजेंटेशन में कुछ कमी रह गयी थी, जिसे दूर कर लिया गया है. सूत्रों के मुताबिक बहुत जल्द मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सामने फिर से प्रजेंटेशन होगा. मंजूरी मिलते ही टेक्निकल सेंक्शन होगा. टेंडर प्रक्रिया होगी. विभागीय जानकारों की मानें तो अक्तूबर के अंत तक सभी प्रक्रिया पूरी हो जायेगी और इसके बाद शिलान्यास होगा.
मेडिकल कॉलेज भवन का निर्माण करेगी
सेक्टर 12 में मेडिकल कॉलेज निर्माण के लिए अगस्त 2021 में बीएसएल 25 एकड़ जमीन जिला प्रशासन को दे चुका है. कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनी बीसीसीएल मेडिकल कॉलेज भवन का निर्माण करेगी. फरवरी 2022 में स्थापना के लिए समिति बनायी गयी थी. मेडिकल कॉलेज के साथ 500 बेड के अस्पताल का निर्माण होना है. विधायक बिरंची नारायण ने बताया कि एजेंसी के पदाधिकारी शोभित चौहान से बात हुई है. जो त्रुटि थी, उसे दूर कर लिया गया है.
बिजली के लिए नहीं रहना होगा डीवीसी पर निर्भर
बोकारो को बिजली संकट से भी निजात मिलने वाली है. डीवीसी से निर्भरता खत्म होगी. मतलब, अब जिला को आये दिन डीवीसी से होने वाली बिजली कटौती व अन्य समस्या से मुक्ति मिलेगी. यह काम अक्तूबर से शुरू हो सकता है, क्योंकि जैनामोड़ व बरमसिया ग्रिड का काम अंतिम चरण में है. टावर लाइन निर्माण में वन विभाग की ओर से आपत्ति की गयी थी, जिसका निस्तारण कर लिया गया है. निर्माण कार्य पूरा होने के बाद जिला नेशनल ग्रिड से जुड़ जायेगा. जरूरत के हिसाब से बिजली की मांग होगी व ट्रांसमिशन लाइन होने के कारण इसकी आपूर्ति होगी.
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