बोकारो सदर अस्पताल में हफ्ते में केवल 2 दिन ही मुफ्त सोनोग्राफी, जानें क्या है व्यवस्था
बोकारो सदर अस्पताल सोनोग्राफी सेंटर में सप्ताह में मात्र दो दिन ही सोनोग्राफी हो रही है. ऐसे में मरीजों को सप्ताह के अन्य दिन बाहर से या अस्पताल में ही पीपीपी मोड पर चल रहे सोनोग्राफी सेंटर से सोनोग्राफी करानी पड़ती है.
बोकारो, रंजीत कुमार : बोकारो सदर अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था को लगातार बेहतर करने के प्रयास के बाद भी लोगों की परेशानी दूर नहीं हो रही है. यहां चिकित्सकों की कमी का असर सोनोग्राफी सेंटर में भी दिखने लगा है. यहां पदस्थापित सोनोलॉजिस्ट डॉ शिखा के स्थानांतरण के बाद से सरकारी सोनोग्राफी सेंटर में सप्ताह में मात्र दो दिन (गुरुवार व शनिवार) ही सोनोग्राफी हो रही है. ऐसे में मरीजों को सप्ताह के अन्य दिन बाहर से या अस्पताल में ही पीपीपी मोड पर चल रहे सोनोग्राफी सेंटर से सोनोग्राफी करानी पड़ती है. ऐसे में गर्भवती महिलाएं हर माह की नौ तारीख को मिलने वाली मुफ्त सोनोग्राफी सुविधा के लाभ से भी वंचित हो रही हैं. लालकार्ड धारक गर्भवतियों को भी मुफ्त सुविधा (गुरुवार व शनिवार को छोड़ ) का लाभ नहीं मिलता है.
नौ तारीख को सोनोग्राफी बंद
यहां पदस्थापित सोनोलाॅजिस्ट डॉ शिखा के जून 2022 में स्थानांतरण के बाद सरकारी सोनोग्राफी कक्ष में लगभग चार माह ताला बंद रहा. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सिविल सर्जन डॉ एबी प्रसाद ने अक्टूबर 2022 में तीन सोनोलाॅजिस्ट जैनामोड़ से डॉ मीनू कुमारी, डॉ रवि शंकर व झोपडी कॉलोनी के एनयूएचएम से डॉ महुआ को (हर चिकित्सक सप्ताह में दो-दो दिन) सदर अस्पताल में तैनात किया था. डॉ मीनू अवकाश पर चली गयी हैं, वहीं डॉ रवि शंकर ने इस्तीफा दे दिया है. अभी डॉ महुआ ही गुरुवार व शनिवार को दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक सोनोग्राफी करती हैं.
क्या है व्यवस्था
सदर अस्पताल में सरकारी स्तर पर मरीजों को अल्ट्रासाउंड के लिए “325 की पर्ची कटानी होता है. यहां लाल कार्ड वालों को मुफ्त सुविधा मिलती है. वहीं पीपीपी मोड में सोनोग्राफी के लिए 330 रुपये की पर्ची कटानी पड़ती है. यहां कोई मुफ्त सुविधा नहीं मिलती.
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