कोरोना वैक्सीन से बोकारो के दुलारचंद की बेजान शरीर में आयी जान, चलने और आवाज वापस आने का किया दावा
jharkhand news: बिस्तर पर पड़े बोकारो के दुलारचंद मुंडा ने वैक्सीन लेने के बाद ठीक होने का दावा किया है. कहा कि सड़क हादसे के बाद शरीर के कई अंगों में कोई हरकत नहीं था. चलना-फिरना भी दूभर था. आवाज भी नहीं निकल रही थी, लेकिन वैक्सीन के बाद धीरे-धीरे चल भी रहे हैं. आवाज भी वापस आ गयी है.
Jharkhand news: जिंदगी से निराश हो चुके 55 वर्षीय दुलारचंद मुंडा ने कोरोना वैक्सीन लगने के बाद बेजान शरीर में जान आने, खुद के बलबूते धीरे-धीरे चलने और स्पष्ट आवाज वापस आने का दावा किया है. दुलारचंद के शरीर में आये इस परिवर्तन से उसके परिवार वाले जहां फूले नहीं समा रहे हैं, वहीं चिकित्सक इसे अनुसंधान का विषय बता रहे हैं.
क्या है मामला
बोकारो जिला अंतर्गत पेटरवार प्रखंड के उतासारा पंचायत स्थित सलगाडीह गांव निवासी स्वर्गीय रोहन मुंडा का पुत्र दुलारचंद मुंडा करीब चार साल पहले एक सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गया था. इलाज होने के बाद उसकी जान तो बच गयी, लेकिन उसके शरीर का अंग काम नहीं करने लगा. मुंह से बोलने पर आवाज कम और अस्पष्ट हो गया.
घर का एकमात्र कमाऊ सदस्य के अस्वस्थ हो जाने के कारण परिवार के समक्ष रोजी- रोटी की समस्या आ गयी. दुलारचंद ने बताया कि जमीन-जायदाद बेचकर लाखों रुपये इलाज में खर्च किये, लेकिन पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हो पाया. जिंदगी की आस छोड़ चुके दुलारचंद पिछले एक साल से बिस्तर पर पड़ा है. उसका चलना- फिरना भी मुश्किल हो गया था.
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6 जनवरी को लगाया वैक्सीन
उतासारा पंचायत के पूर्व मुखिया महेंद्र मुंडा सहित डोर टू डोर वैक्सीनेशन टीम के नॉडल पदाधिकारी गोपाल राम मुंडा, एएनएम सोनी, पारा शिक्षक राजू मुंडा, कुमारी सेविका की संयुक्त पहल पर दुलारचंद को कोविशील्ड का पहला वैक्सीन 6 जनवरी को लगाया गया. कोरोना वैक्सीन लगाने के कुछ समय बाद ही दुलारचंद के शरीर में हरकत होने लगी. वह अपने बल पर उठकर खडा होने लगा है. धीरे-धीरे चलने का प्रयास कर रहा है. उसका आवाज स्पष्ट निकलने लगा. अब वह अपने आपको पहले से तंदुरुस्त महसूस कर रहा है. उसके शारीरिक क्रिया में परिवर्तन दिख रहा है. उसे वैक्सीन ने जीवन जीने की राह आसान कर दिया है.
क्या कहते हैं चिकित्सा प्रभारी
इस संबंध में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी डॉ अलबेल केरकेट्टा ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका की ओर से 6 जनवरी को उसके घर में जाकर वैक्सीन दिया गया था और 7 जनवरी से ही उसके बेजान शरीर ने हरकत करना शुरू कर दिया. कहा कि उसे इस्पाइन का प्रॉब्लम था जिसका कई तरह का रिपोर्ट हमने देखा भी था. बहरहाल यह एक अनुसंधान का विषय है.
पंचायत प्रतिनिधियों की राय
वहीं, उतासारा पंचायत कार्यकारी समिति की प्रधान सुमित्रा देवी कहती हैं कि कोविड टीका लगने से दुलारचंद के शरीर में प्रतिरोधी क्षमता का विकास और इससे ही उसमें सुधार हो रहा है. पूर्व मुखिया महेंद्र मुंडा ने कहा कि वैक्सीन के बाद से दुलारचंद की शारीरिक गतिविधि में काफी सुधार हुआ है. अब जोर से और स्पष्ट बोली निकल रही है.
Posted By: Samir Ranjan.