सीपी सिंह, बोकारो, बोकारो जिला ट्रांसपोर्टिंग के लिहाज से बहुत आगे है. यहां कोल इंडिया, सेल, डीवीसी, ओएजनीसी, इंडियन ऑयल जैसे पीएसयू के अलावा इलेक्ट्रोस्टील जैसे संस्थान हैं. इसके अलावा खाद सामग्री व निजी सामग्री की उपलब्धता के लिए भी ट्रांसपोर्ट सेक्टर का वृहत पैमाने पर इस्तेमाल होता है. हर दिन औसतन 3500-4000 से अधिक मालवाहक का ठहराव चास-बोकारो में होता है. बावजूद इसके जिला में एक भी ट्रांसपोर्ट नगर नहीं है. जबकि, इसकी मांग लंबे अरसे से हो रही है. चुनाव दर चुनाव में ट्रांसपोर्ट नगर बनाने का वादा होता रहा है. फाइल पर कागजी घोड़ा भी बहुत दौड़ा लेकिन, जमीन पर कुछ नहीं हुआ. ट्रांसपोर्ट नगर को लेकर चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज समेत कई संगठनों ने विभिन्न स्तर पर 100 से अधिक बार मांग की है. पत्राचार किया है. अधिकारी से लेकर राजनेताओं से मुलाकात की है. जानकार बताते हैं कि ट्रांसपोर्ट नगर बन जाने से चास से जाम की समस्या व नो इंट्री की समस्या बहुत हद तक खत्म हो जायेगी. चास को बोकारो जिला का थोक बाजार माना जाता है. यहां हर दिन सैंकड़ों वाहन से खाद्य व अन्य सामग्री उतरती है. बड़े वाहन माल उतारने में कई बार जाम की स्थिति पनप जाती है. जबकि, ट्रांसपोर्ट नगर बन जाने से यह स्थिति नहीं होगी.
उद्यमों के विकास का मिलेगा मौका
ट्रांसपोर्ट नगर बन जाने से निर्माण स्थल के पास एकत्रित उद्यम का विकास होगा. वहां एकत्रित रूप से भारी वाहन का सर्विसिंग सेंटर खुलेगा. ट्रांसपोर्ट नगर में चालक व उपचालक की ठहरने की व्यवस्था होती है, इसलिए छोटे-मोटे होटल भी खुलेगा. साथ ही ट्रांसपोर्ट नगर से दुकान तक सामान पहुंचाने के लिए छोटे मालवाहक वाहन की डिमांड भी बढ़ेगी. इसके अलावा भी कई लाभ स्थानीय स्तर पर मिलेगा.
जिले में 35,316 वाहन रजिस्टर्ड
जिला में 16,001 भारी माल वाहक, 1043 मध्यम मालक वाहक व 18,274 हल्का माल वाहक वाहन रजिस्टर्ड हैं. यह तमाम वाहन बोकारो से दूसरे राज्य व जिला जाते हैं. साथ ही जिला में भी ठहराव करते हैं. विभिन्न जिला व राज्य से बोकारो में भी हजारों मालवाहक वाहन आते हैं, लेकिन, इन वाहनों के ठहराव के लिए कोई जगह नहीं है. नो इंट्री के समय कोई व्यवसायी यदि माल अपने गोदाम में उतरवाना चाहे तो उन्हें दिन में तारे दिखाई देने लगता है. साथ ही चालकों को भी परेशानी होती है.जगह चिह्नित हुई और भूल गया प्रशासन
चास में ट्रांसपोर्ट नगर बनाने के लिए कई बार जगह चिह्नित की गयी है. 2017-18 में जेल मोड़ के पास जगह चिह्नित की गयी थी. इसके लिए वन विभाग व जिला पदाधिकारी से वार्ता भी हुई थी, लेकिन, कोई फैसला नहीं हो सका. चास के कांड्रा में भी जगह चिह्नित की गयी थी. लेकिन, वहां स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया था. इसके अलावा भी कई बार इस दिशा में प्रयास किया गया. 2022 में भी इसे लेकर पहल हुई थी. वर्तमान समय में ट्रांसपोर्ट नगर बसाने का फाइल पेंडिंग में रखा हुआ है.सड़क पर गाड़ी पार्किंग की विवशता
शहर में लंबे समय से ट्रांसपोर्ट नगर की मांग की जा रही है, लेकिन, निर्माण नहीं हुआ है. चास नगर निगम क्षेत्र के गुरुद्वारा रोड, धर्मशाला मोड़ से आइटीआइ मोड़ तक, नेशनल हाइवे, तलगड़िया रोड पर माल वाहकों का जमावड़ा लगा रहता है. इसी तरह हर व्यावसायिक क्षेत्र मसलन, बालीडीह, जैनामोड़ व अन्य जगहों पर सड़क किनारे ही वाहन खड़े रहते हैं. इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.उपायुक्त ने कहा
ट्रांसपोर्ट नगर के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा जायेगा, साथ ही पूर्व में बनी योजना को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ा जायेगा. हाइटेक ट्रांसपोर्ट नगर बनाने की दिशा में पहल होगी. विजया जाधव, डीसी, बोकारोडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है