Bokaro News : आधा ठंड गुजर गया, नहीं आया सरकारी कंबल

Bokaro News : ठंड का सितम झेलने को विवश गरीब तबका, कहीं अलाव की भी व्यवस्था नहीं

By Prabhat Khabar News Desk | December 13, 2024 12:49 AM

Bokaro News : बोकारो जिला के मौसम में कनकनी बढ़ रही है. हर दिन तापमान गिर रहा है. उत्तर-पश्चिम दिशा से आने वाली हवा के कारण तापमान में गिरावट हो रही है. पारा लुढ़क कर 10 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, लेकिन अभी तक जिला प्रशासन की ओर से कंबल वितरण कार्यक्रम की शुरुआत नहीं की गयी है. ठंड को देखते हुए हर साल चिह्नित स्थलों पर प्रशासन की ओर से अलाव की व्यवस्था की जाती है. बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, मुख्य बाजार समेत शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में अलाव जलाया जाता है, लेकिन, अभी तक कहीं अलाव की व्यवस्था नहीं होने से राहगीर समेत आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. खासकर गरीब तबके के लोगों को ठंड का सितम झेलना पड़ रहा है.

कंबल को लेकर टेंडर की प्रक्रिया अधर में :

विभागीय सूत्रों की माने तो राज्य स्तर पर कंबल को लेकर टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है. अमूमन एक सप्ताह का समय इस दिशा में लग सकता है. इसके बाद जिला स्तर पर जरूरत के हिसाब से कंबल का वितरण होगा. इस पूरी प्रक्रिया में 10 दिन का समय लग सकता है. वहीं अलाव को लेकर भी राज्य स्तर पर कोई दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है. इस कारण अलाव नहीं जलाया जा रहा है.

अभी कड़ाके की ठंड आना बाकी :

बोकारो में ठंड का मौसम सितम देता है. इस साल भी कड़ाके की ठंड का अंदेशा जताया जा रहा है. बोकारो जिला में अगले चार दिनों तक शीतलहर का प्रकोप देखने को मिलेगा. अगले 24 घंटे के दौरान उत्तरी-पछुआ हवाएं चलेंगी, जिससे ठंड और प्रचंड हो जायेगा. न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज होगी. 08 से 10 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चलने वाली हवा शीतलहर का अहसास देगी. ऐसे में अलाव की व्यवस्था व कंबल का वितरण नहीं होने से जरूरतमंदों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

सरकारी कंबल के बिना राजनीतिक दल भी सुस्त :

ठंड को लेकर विभिन्न राजनीतिक दल की ओर से कंबल वितरण किया जाता है. लेकिन, इस साल अभी तक राजनीतिक दल इस मामले में सुस्त ही नजर आ रहे हैं. जानकारों की मानें तो सरकारी कंबल के आवंटन होने के बाद राजनीतिक दल व प्रतिनिधि को जिला प्रशासन की ओर से कंबल वितरण के लिए दिया जाता है. लेकिन, इस साल अब तक ऐसा नहीं हुआ है. बहुत हद तक संभव है कि सरकारी कंबल आवंटन होने के बाद राजनीतिक दल की ओर से भी कंबल वितरण होगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version