BOKARO NEWS : चार दशक बाद भी हरिजन आदिवासी उवि तिसकोपी को नहीं मिला स्थायी प्रस्वीकृति

BOKARO NEWS : चार दशक बाद भी हरिजन आदिवासी उवि तिसकोपी को नहीं मिला स्थायी प्रस्वीकृति

By Prabhat Khabar News Desk | September 11, 2024 11:50 PM

नागेश्वर, ललपनिया : गोमिया प्रखंड के चतरोचटी पंचायत स्थित हरिजन आदिवासी उच्च विद्यालय तिस्कोपी को स्थापना के 40 साल बाद भी शिक्षा विभाग द्वारा स्थायी प्रस्वीकृति नहीं मिली है. नक्सल प्रभावित क्षेत्र में यह सात पंचायतों में एकमात्र हरिजन आदिवासी उच्च विद्यालय है. स्थायी प्रस्वीकृति नहीं मिलने से विद्यालय कई समस्याओं से जूझ रहा है. जानकारी के अनुसार पूर्व मंत्री माधव लाल सिंह द्वारा वर्ष 1985 में नक्सल प्रभावित क्षेत्र में शिक्षा के विकास के लिए अमृत महतो व दुलार महतो के आवास में इस स्कूल को स्थापित किया गया था. स्कूल के संचालन के लिए श्री सिंह अपने वेतन से शिक्षकों को पैसा देते थे. करीब 10 वर्षों तक श्री सिंह की देखरेख में स्कूल का संचालन हुआ. वर्ष 1995 में ग्रामीणों व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने चंदा कर विद्यालय भवन का निर्माण किया. इस विद्यालय में 400 से 500 बच्चे अध्ययनरत हैं. हेडमास्टर लोकेंद्र कुमार महतो ने बताया कि इस स्कूल को स्थापना अनुमति वर्ष 2014 में मिली है. स्थायी प्रस्वीकृति के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक रांची द्वारा 2021 में उपायुक्त बोकारो से जमीन निबंधन से संबंधित जानकारी ली गयी थी. क्षेत्र के लोगों की मांग पूरी नहीं हुई तो बाध्य होकर हम सभी न्यायालय का दरवाजा खटखटायेंगे. विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष सह स्थानीय मुखिया महादेव महतो ने कहा कि पिछले संसदीय चुनाव के समय बोकारो उपायुक्त बिजया याधव ने क्षेत्र निरीक्षण के दौरान स्कूल प्रबंधन और ग्रामीणों को आश्वासन दिया गया था कि इस विद्यालय के विकास पर जिला प्रशासन हरसंभव प्रयास करेगा. विद्यालय प्रबंध समिति के सचिव कामेश्वर महतो ने कहा कि विद्यालय को 10 वर्ष पहले ही स्थायी प्रस्वीकृति मिल जाना चाहिए था.

2009 में नक्सलियों ने विद्यालय भवन को विस्फोट कर उड़ाया था

जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर विद्यालय भवन का उपयोग में लाया जाता रहा है. स्कूल में सीआरपी कैंप लगाने व सरकारी उपयोग में लाये जाने पर वर्ष 2009 में नक्सलियों ने डायनामाइट लगा कर विस्फोट कर विद्यालय को क्षतिग्रस्त कर दिया था. इसके बावजूद जिला प्रशासन द्वारा आम चुनाव में क्लस्टर बूथ के रूप में इस विद्यालय का उपयोग किया जा रहा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version