हथिया नक्षत्र ने दिखाया अपना रंग, शहर से लेकर गांव तक लबालब पानी, जगह-जगह जलजमाव से लोग हलकान
बोकारो शहर के सेक्टर 09, सेक्टर 06, सिटी सेंटर-सेक्टर 04, सेक्टर 12, सेक्टर 05, सेक्टर 11 समेत दुंदीबाद बाजार, माराफारी, उकरीद, रितुडीह, सिवनडीह, मखदुमपुर, नयामोड़ समेत विभिन्न जगहों में जल जमाव देखने को मिला.
Jharkhand Weather Update: आश्विन माह का पितृपक्ष चल रहा है. सामान्य तौर पर इस माह में मौसम बरसात से ठंड की ओर प्रवेश करने लगता है, पर बोकारो में फिलहाल झमाझम बारिश हो रही है. बारिश ऐसी कि सावन का माह भी कम पड़ जाये. अक्तूबर की शुरुआत से ही बादल बरस रहे हैं. तीन-चार अक्तूबर को 30 मिमी बारिश हुई है, जबकि सामान्य तौर पर 2.6 मिमी बारिश ही होती है. अक्तूबर माह में अबतक 169.2 मिमी बारिश हुई है, जबकि सामान्य तौर पर 13.9 मिमी बारिश होनी चाहिए. अक्तूबर में 1117 प्रतिशत यानी 11 गुणा से अधिक बारिश हुई है. लगातार हो रही बारिश ने जिला की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया. क्या शहर, क्या गांव. क्या मुख्य सड़क और क्या संपर्क पथ. हर जगह बारिश के कारण स्थिति पानी-पानी हो गयी. चास में रामनगर कॉलोनी, वार्ड 16, सोलागीडीह में नंदुआ स्थान रोड, प्रभात कॉलोनी, तेलपट्टी-वार्ड 26 समेत लगभग हर कॉलोनी में जल जमाव देखने को मिला. बोकारो शहर के सेक्टर 09, सेक्टर 06, सिटी सेंटर-सेक्टर 04, सेक्टर 12, सेक्टर 05, सेक्टर 11 समेत दुंदीबाद बाजार, माराफारी, उकरीद, रितुडीह, सिवनडीह, मखदुमपुर, नयामोड़ समेत विभिन्न जगहों में जल जमाव देखने को मिला.
नदियों का जलस्तर बढ़ा
बुधवार को इंद्रदेव जमकर बरसे. पूरे दिन आसमान पर काले बादल छाये रहे. लगातार रिमझिम व झमाझम बारिश होती रही. एक पल के लिए भी बादलों का जमावड़ा कम नहीं हुआ. बारिश के कारण बोकारो समेत ग्रामीण क्षेत्र में जनजीवन प्रभावित हुए हैं. तमाम नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है. जिला की दो मुख्य दामोदर नद व गरगा नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई है. नदियों से इतर सभी ताल-तलैया भी लबालब हो गये हैं. एक सप्ताह पूर्व तक ताल-तलैया में सामान्य से 15 प्रतिशत कम पानी था.
सुदूरवर्ती क्षेत्र में गिरे कच्चे मकान
कसमार, चंदनकियारी, पिंड्राजोरा, तलगड़िया समेत सुदूरवर्ती क्षेत्र में कई कच्चे मकान गिर गये. कई जगह से मिट्टी की दीवार गिरने की भी खबर आयी. लगातार हो रही बारिश ने गांव-शहर हर जगह परेशानी का आलम देखने को मिला. लगभग हर जगह जल जमाव देखने को मिला. सड़क पर बारिश के साथ मिट्टी के जमाव के कारण जगह-जगह फिसलन बन गयी. खास कर ग्रामीण संपर्क पथ में तो बारिश का साफ असर देखने को मिला. कच्चे रास्तों में चलना भी दूभर हो गया.
सीपेज से डर रहे हैं लोग
अक्तूबर में सामान्य से अधिक बारिश के कारण पुराने-नये घरों में सीपेज की समस्या दिख रही है. खासकर क्वार्टरों में सीपेज की स्थिति विकट हो गयी है. चाहे बीएसएल क्वार्टर हो या सरकारी क्वार्टर या फिर निजी घर, हर जगह स्थिति कमोबेश एक जैसी हो गयी है. सीपेज के कारण क्वार्टर में रहने वाले लोगों में भय का माहौल है. पिछले दिनों बीएसएल के कई क्वार्टर का छज्जा व अन्य भाग के गिरने की खबर आम रही है. क्वार्टर वासियों को सीपेज से डर लग रहा है.
सितंबर में 36 प्रतिशत अधिक हुई बारिश
बोकारो जिला में सितंबर माह में मॉनसून की बारिश 36% अधिक बारिश हुई. सितंबर माह में औसतन 199.9 मिमी बारिश होती है, जबकि सितंबर माह में 272.3 मिमी बारिश हुई. सितंबर के पहले तक बोकारो जिला में समान्य से 30 प्रतिशत कम बारिश हुई थी. इस कारण धान समेत अन्य फसल की खेती पर व्यापक असर देखने को मिला.
कसमार : हिसीम, केदला, गर्री गांवों में मिट्टी के कई घर ढहे
कसमार. कसमार प्रखंड में पिछले करीब एक सप्ताह से हो रही मूसलाधार बारिश गरीबों के बीच आफत बनकर बरस रही है. गरीबों के कच्चे घर लगातार गिर रहे हैं. मंगलवार की शाम को प्रखंड के हिसिम पहाड़ स्थित आदिवासी बहुल केदला गांव के हड़साली टोला में सुनीता देवी, निर्मल मांझी व रिंकी देवी तथा गुमनजारा निवासी चुमु देवी व सगोरी देवी का कच्चा मकान ढह गया. पीड़ित ग्रामीणों ने इसकी सूचना स्थानीय मुखिया बबीता देवी व पंसस जगेश्वर मुर्मू को दी. प्रतिनिधियों ने स्थानीय प्रखंड प्रशासन को अवगत कराकर आपदा राहत योजना के तहत मुआवजा दिलाने की मांग की है. इधर, गर्री पंचायत के तेलमुंगा निवासी झरी कपरदार की पत्नी गीता देवी, गर्री निवासी परमेश्वर घांसी की पत्नी कुंती देवी व बनकनारी निवासी कुलसुम बीबी का कच्चा खपरैल मकान भी बारिश में गिर गया है. गर्री मुखिया गीता देवी ने बताया कि सूचना के बाद बारिश में गिरे घर का जायजा लेकर स्थानीय प्रशासन को सूचना दे दी गयी है.