नावाडीह, बोकारो: बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के कारण रविवार से दिन-रात हुई मूसलाधार बारिश से लोहनगरी भेण्डरा में पुराना खपरैल मकान गिर जाने से मकान में सो रही स्व. जटल रविदास की 46 वर्षीया पत्नी रेशमी देवी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि साथ सो रही नतनी (पुत्री की बेटी) धनबाद जिले के हरिहरपुर निवासी 8 वर्षीया अनुशंका कुमारी जख्मी हो गई. इसका इलाज नावाडीह सीएचसी में डॉ रेणु शर्मा द्वारा किया गया. घटना की जानकारी मिलते ही नावाडीह बीडीओ प्रशांत कुमार हेम्ब्रम, पंचायत सचिव, रोजगार सेवक खुर्शीद आलम, जिला परिषद सदस्य महेन्द प्रसाद, मुखिया नरेश कुमार विश्वकर्मा, पंसस गोपाल यादव, पूर्व पंसस मिथिलेश विश्वकर्मा, ललित दास, काजल कुमारी, निर्मल रविदास, चक्रधारी सिंह, सरोज चौरसिया समेत अन्य ने पहुंचकर शोकाकुल परिजनों को ढाढ़स बंधाया. नावाडीह सीओ अशोक कुमार सिन्हा से दूरभाष पर वार्ता कर आपदा प्रबंधन के तहत मुआवजा देने की मांग की. सूचना मिलते ही नावाडीह पुलिस ने गांव पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए चास भेज दिया. बताया जा रहा है कि मृतका रेशमी देवी ने जर्जर खपरैल मकान को लेकर कई बार स्थानीय मुखिया, वार्ड सदस्य एवं नावाडीह प्रखंड कार्यालय में पीएम आवास एवं अंबेडकर आवास निर्माण को लेकर फरियाद लगाई थी, लेकिन उसे आवास नहीं मिला था.
भारी बारिश से खपरैल मकान रात में ढह गया
इस घटना के संबंध में परिजनों ने बताया कि रविवार को भारी बारिश हो रही थी. देर शाम खाना खाने के बाद रेशमी देवी अपनी नतनी अनुशंका कुमारी को साथ लेकर अपने खपरैल मकान में चौकी पर सोने चली गई. इसी बीच रात में अचानक खपरैल मकान ढह गया. इससे लकड़ी, बांस एंव खपड़ा आदि इनके ऊपर गिर गया. सुबह होने पर आसपास के ग्रामीण शोरगुल के बाद जुटे एव मलबा हटाया. जहां रेशमी देवी मृत मिली, वहीं नतनी अनुशंका कुमारी बेहोश पड़ी थी. ग्रामीणों ने तुरंत निजी चिकित्सक से प्राथमिक उपचार के बाद सीएचसी नावाडीह में भर्ती करवाया.
पति की मौत के बाद नतिनी के साथ रहती थी
परिजनों ने बताया कि दो वर्ष पूर्व बीमारी से जटल रविदास की मौत हो गई थी. इसी वर्ष जून-जुलाई में रेशमी देवी ने छोटी पुत्री पूजा कुमारी का विवाह नावाडीह प्रखंड के परसबनी में किया था, जिसमें कर्ज महाजन से हो गया था, इसे चुकाने को लेकर दोनों पुत्र अनोज रविदास (22 वर्ष) व राहुल रविदास (20 वर्ष) रोजी रोजगार के लिए महाराष्ट्र पलायन कर गए हैं. घर पर नतनी के साथ नानी रहती थी तथा गांव में मजदूरी कर जीविका चलाती थी.
ब्लॉक से नहीं मिला था आवास योजना का लाभ
मृतका रेशमी देवी ने जर्जर खपरैल मकान को लेकर कई बार स्थानीय मुखिया, वार्ड सदस्य एवं नावाडीह प्रखंड कार्यालय में पीएम आवास एवं अंबेडकर आवास निर्माण को लेकर फरियाद लगाई थी, लेकिन उसे आवास नहीं मिला. इसके कारण जर्जर खपरैल मकान में जीवन-यापन करती थी. घटना के बाद बड़ी पुत्री दुर्गी देवी, मालती देवी एवं छोटी बेटी पूजा देवी सहित अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था.