5 अप्रैल को दिल्ली में ऐतिहासिक होगी किसान-मजदूर रैली, बोले अखिल भारतीय किसान सभा के नेता कृष्णा प्रसाद

अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष कृष्ण प्रसाद ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की मजदूर, किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ दिल्ली में 5 अप्रैल को ऐतिहासिक किसान मजदूर रैली होने जा रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 11, 2023 8:49 PM
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ललपनिया, नागेश्वर. बोकारो जिला अंतर्गत‌ गोमिया मे अखिल भारतीय किसान सभा एवं सीटू के बैनर तले उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल स्तरीय कन्वेंशन का आयोजन शनिवार को किया गया. कन्वेंशन की अध्यक्षता सीटू के जिला सचिव प्रदीप कुमार विश्वास, किसान सभा के जिला सचिव श्याम सुंदर महतो एवं अध्यक्ष शकूर अंसारी ने संयुक्त रूप से किया एवं कन्वेंशन का संचालन सीटू के राज्य कमेटी सदस्य राकेश कुमार ने किया.

इन जिलों के किसान और मजदूर नेता कन्वेशन में हुए शामिल

कन्वेंशन में बोकारो, रामगढ़, हजारीबाग, कोडरमा, गिरिडीह के मजदूर और किसान नेताओं ने भाग लिया. मुख्य वक्ता अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष कृष्ण प्रसाद ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की मजदूर, किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ दिल्ली में 5 अप्रैल को ऐतिहासिक किसान मजदूर रैली होने जा रही है.

रैली का एजेंडा देश को बताने के लिए बोकारो जिला में कन्वेंशन

उन्होंने कहा उस रैली के एजेंडे को आज देश के कोने-कोने में पहुंचाने के लिए कन्वेंशन का आयोजन हो रहा है. कन्वेंशन में उपस्थित किसानों और मजदूरों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा आज देश में कृषि घाटे का सौदा हो गया है. उन्होंने कहा देश के किसान अपने खेतों में जितनी मेहनत कर रहे हैं, उपज का उतना दाम उन्हें नहीं मिल रहा है. इसलिए आज किसानों के लिए एमएसपी की गारंटी (Minimum Support Price Guarantee) केंद्र सरकार को करनी चाहिए.

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न्यूनतम मजदूरी 26,000 रुपये, नरेगा का पारिश्रमिक हो 600 रुपये

उन्होंने कहा देश के मजदूर, जिनके लिए नरेगा कानून बना था, उन्हें काम नहीं मिल रहा है. कन्वेंशन में उन्होंने कहा कि आज की इस रैली की मांग है कि उस नरेगा के तहत 100 दिन की जगह 200 दिन काम दिया जाये. नरेगा मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी 600 रुपये मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा देश के सभी मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी 26,000 रुपये करने, हाथियों के आतंक से लोगों को मुक्ति दिलाने की मांग पर दिल्ली में रैली हो रही है.

किसानों ने केंद्र को तीन कृषि कानून वापस लेने के लिए मजबूर किया

उन्होंने कहा वह किसानों का संघर्ष ही था, जिसने तीन काले कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए केंद्र सरकार को मजबूर कर दिया. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के गठन के बाद हर किसान और मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ देश की जनता ने संघर्ष किया है. मोदी सरकार को पीछे हटना पड़ा है. 5 अप्रैल की दिल्ली रैली भी उस इतिहास को दोहरायेगी और अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए मोदी सरकार को मजबूर करेगी.

आज‌ पूरा उद्योग खतरे में : रामचंद्र ठाकुर

कन्वेंशन को संबोधित करते हुए सीटू के राज्य उपाध्यक्ष रामचंद्र ठाकुर ने कहा कि देश के संगठित और असंगठित मजदूरों के ऊपर केंद्र सरकार का हमला तेज होने जा रहा है. आज पूरा सरकारी उद्योग खतरे में है. सरकारी उद्योगों के मजदूरों का भविष्य खतरे में है. केंद्र सरकार की इस मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ यह दिल्ली रैली ऐतिहासिक होगी और इस जिले समेत पूरे राज्य से हजारों की संख्या में किसान और मजदूर रैली में भाग लेंगे.

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कन्वेंशन को इन्होंने भी किया संबोधित

कन्वेंशन को किसान सभा के राज्य अध्यक्ष सुफल महतो, राज्य कोषाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार, सीटू के जिला कार्यकारी अध्यक्ष भागीरथ शर्मा, किसान सभा के राज्य संयुक्त सचिव असीम सरकार एवं परशुराम महतो, किसान सभा के गोमिया अंचल सचिव विनय महतो ने भी संबोधित किया. कन्वेंशन में सैकड़ों लोग उपस्थित थे.

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