गृह मंत्री अमित शाह की बैठक में हेमंत सोरेन विशेष केंद्रीय सहायता फंड बढ़ाने की कर सकते हैं मांग
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन वामपंथी प्रभावित जिलों में व्यवस्थित विकास और महत्वपूर्ण बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्र द्वारा राज्यों को दी जाने वाली राशि में कटौती से संबंधित मुद्दों को उठा सकते हैं.
Jharkhand News, रांची न्यूज : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज रविवार को नई दिल्ली में होने वाली ‘वामपंथी उग्रवाद, सुरक्षा और विकास से संबंधित मुद्दों पर आयोजित समीक्षा बैठक में भाग लेंगे. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह माओवादी प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों, केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ होने वाली बैठक की अध्यक्षता करेंगे. बैठक के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्य में आदिवासी क्षेत्रों के विकास में केंद्र के योगदान के साथ-साथ राज्य में वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों के लिए विशेष केंद्रीय सहायता कोष के विस्तार जैसे मुद्दों को रखेंगे.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन वामपंथी प्रभावित जिलों में व्यवस्थित विकास और महत्वपूर्ण बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्र द्वारा राज्यों को दी जाने वाली राशि में कटौती से संबंधित मुद्दों को उठा सकते हैं. हाल ही में केंद्र सरकार ने झारखंड के 08 जिलों के विशेष केंद्रीय सहायता फंड में कटौती की है. इससे पहले यह राज्य के 16 वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों को दिया गया था. मुख्यमंत्री राज्य में नक्सल गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए उठाए जा रहे महत्वपूर्ण कदमों से संबंधित रिकॉर्ड भी पेश करेंगे. राज्य के आदिवासी क्षेत्रों में आवश्यक बुनियादी सुविधाओं के निर्माण के लिए केंद्र को सहयोग देने का आग्रह किया जाएगा. जिसमें सड़क निर्माण, कस्तूरबा बालिका विद्यालय के लिए सहायता और व्यापक इंटरनेट और मोबाइल-टेलीकॉम सुविधाएं शामिल हैं.
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मनरेगा श्रमिकों के न्यूनतम दैनिक वेतन को बढ़ाने और इसे अन्य राज्यों के बराबर लाने से जुड़े मुद्दे भी उनके संबोधन का हिस्सा होंगे. मुख्यमंत्री सामाजिक सुरक्षा के दायरे में भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही पेंशन योजनाओं में आवश्यक संशोधन पर भी अपनी बात रखेंगे. जो वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों में रहने वाले लोगों के लिए महत्वपूर्ण है. मुख्यमंत्री आदिवासी क्षेत्रों में एकलव्य विद्यालय के आवंटन के लिए शर्तों में संशोधन का भी प्रस्ताव करेंगे, जिससे राज्य में और एकलव्य विद्यालय स्वीकृत करने के दरवाजे खुल सकते हैं. झारखंड की विभिन्न पंचायतों में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर भी मुख्यमंत्री अपना पक्ष रखेंगे.
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Posted By : Guru Swarup Mishra