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स्वाभिमान है, तो दुनिया भी हमें सम्मान देगी : आलोक

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कार्यकर्ता विकास, शिक्षा वर्ग व घोष वर्ग का समापन, सहसरकार्यवाह आलोक कुमार थे समापन सत्र के मुख्य अतिथि

बोकारो. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उत्तर-पूर्व क्षेत्र के कार्यकर्ता विकास वर्ग का प्रथम वर्ष (सामान्य), झारखंड प्रांत संघ का शिक्षा वर्ग (सामान्य) व घोष वर्ग का समापन समारोह बुधवार को सरस्वती विद्या मंदिर, सेक्टर 03सी में आयोजित किया गया. समारोह में संघ के सहसरकार्यवाह आलोक कुमार, मुख्य वक्ता भारत सेवाश्रम संघ के सचिव स्वामी भूतेशानंद जी महाराज मौजूद थे. मंच पर मुख्य अतिथि व मुख्य वक्ता के साथ क्षेत्र संघचालक देवव्रत पाहन, स्र्वाधिकारी राजकुमार सिन्हा, सुरेंद्र प्रताप सिंह तथा बोकारो महानगर संघचालक रंजीत वर्णवाल उपस्थित थे. मुख्य वक्ता आलोक कुमार ने कहा : जिन्होंने अपने लोगों का सत्कार और स्वीकार नहीं किया, उसे कोई भी सम्मान नहीं देता है. इस संदर्भ में महात्मा बुद्ध की जातक कथा की कहानी शिक्षार्थियों के बीच रखा. श्री आलोक ने कहा : हमें अपने विचार, अपने समाज पर गर्व है. स्वाभिमान है तो दुनिया भी हमें सम्मान देगी. आज पूरे देश में हिंदुत्व का सम्मान है और विश्व में हिंदू संस्कृति और विचार का प्रभाव भी लोगों की जिज्ञासा का केंद्र बना है. आजादी से पूर्व और आजादी के बाद संघ के स्वयंसेवक समाज स्वीकृत अनेक यशस्वी कार्य किये. देश की एकता और अखंडता की बात पर संघ ने हमेशा देशानुकूल सेवा की है. नक्सल हो या धारा 370, ऐसी देशघातक व्यवस्था के विरुद्ध संघ होशा आगे रहा और इस दिशा में अपना हिंदू समाज सफल भी हुआ.

पंच परिवर्तन अपनाने की जरूरत :

आलोक कुमार ने शिक्षार्थियों का आह्वान किया कि स्वयंसेवकों को समाज जीवन में पंच परिवर्तन अपनाने पर जोर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि पंच परिवर्तन अंतर्गत हम सब अपने दैनिक जीवन में सामाजिक समरसता, परिवार प्रबोधन, पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली, नागरिक कर्तव्य पालन, कुटुंब प्रबोधन एवं स्वदेशी को अपना कर ही इस प्रशिक्षण का लाभ स्वयं और समाज को दे सकते हैं. श्री कुमार ने कहा : व्यक्ति को समाज के लिए सहज सेवा भाव रखना चाहि.,अपने भाव में परिवार का भाव बढ़े, बढ़ते परिवार विच्छेदन से अपने समाज को बचाना उनका प्रबोधन हो, ऐसा प्रयास हो. किसी भी राष्ट्र की पहचान वहां के नागरिकों के नागरिक कर्तव्य पर उनकी सभ्यता और संस्कृति को विश्व में सम्मानित करता है. नागरिक कर्तव्य और बढ़े इस दिशा में अपना प्रयास भी बढ़े. श्री आलोक ने शिक्षार्थियों से सकारात्मक, सजग एवं सक्रिय समाज के निर्माण के लिए इस प्रशिक्षण की आवश्यकता पर बल दिया. संघ अगले वर्ष अपना शताब्दी वर्ष मनायेगा, किंतु वह नया कुछ भी नहीं बल्कि अभी जो देश भर में 68 हजार शाखाएं हैं, उसे पुष्ट करना और बढ़ाना है.

मुख्य अतिथि स्वामी भूतेशानंद जी ने कहा : जिस समय डाॅ हेडगेवार भारत के पश्चिमी में हिंदुओं के संगठन के लिए संघ की स्थापना कर रहे थे, उसी समय बंगाल में स्वामी प्राणवानंद जी महाराज भारत सेवाश्रम की स्थापना कर हिंदू हितों की बात कर रहे थे. 1984 से संघ के संपर्क में रहा हूं. जब तक हम सीखते हैं, विद्यार्थी है. इस निमित्त अपना यह ध्येय बना रहे.

वक्ताओं ने कहा: संघ का ध्येय भारत को परम वैभव पर ले जाना है. इस कार्य को करने की दृष्टि से सुयोग्य कार्यकर्ताओं के निर्माण के लिए संघ शिक्षा वर्गों का आयोजन किया जाता है. बताते चलें कि कार्यकर्ता विकास वर्ग प्रथम वर्ष में 120 शिक्षार्थी थे. वहीं संघ शिक्षा वर्ग में 18 से 40 वर्ष की आयु के कुल 291 शिक्षार्थियों ने भाग लिया. 20 दिन तक चले वर्ग में शिक्षार्थियों को विभिन्न प्रकार के औपचारिक प्रशिक्षण दिये गये. शारीरिक रूप से सुदृढ़ बनाने के लिए प्रतिदिन सुबह-शाम शारीरिक प्रशिक्षण हुआ. मानसिक एवं वैचारिक स्पष्टता के लिए प्रशिक्षण दिया गया. जीवन के प्रत्येक सेकंड का सदुपयोग एवं प्रत्येक वस्तु संसाधन का समुचित उपयोग का अभ्यास व्यवस्था विभाग अंतर्गत दिया गया. सहप्रांत बौद्धिक प्रमुख किनेश्वर ने वर्ग संबंधी जानकारी दी. धन्यवाद ज्ञापन धीरेंद्र गोप व मंच संचालन प्रांत कार्यवाह संजय कुमार ने किया. प्रांत प्रचारक झारखंड गोपाल शर्मा, सह प्रांत प्रचारक राजीवकांत उपस्थित थे.

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