Bokaro news: बोकारो के चास प्रखंड के चितामी-जाला स्थित इजरी नदी घाट पर इन दिनों बालू माफियाओं का राज चल रहा है. इसके अलावा बालू माफियाओं की दबंगई भी स्थानीय ग्रामीणों को झेलनी पड़ रही है. दरअसल, भंडारीडीह के पास इजरी नदी में लगातार अवैध उत्खनन के कारण नदी की धारा ही बदल गयी है. नदी के पूरी हिस्से में उत्खनन कर जहां-तहां 20 से 25 फुट गहरा गड्ढा कर छोड़ दिया गया है. जो मवेशियों के अलावा ग्रामीणों के लिए खतरनाक बन गया है.
ग्रामीणों ने किया बालू माफियाओं की दंबगई का विरोध
बालू माफियाओं की दंबगई का विरोध गुरुवार को ग्रामीणों ने किया. ग्रामीणों ने करीब 20 ट्रैक्टर को रोका. इसके बाद पिंड्राजोरा पुलिस को सूचना दी गयी. पुलिस जब तक पहुंची, तब तक झगड़ा करने को उतारू माफिया के लोग अपने-अपने ट्रैक्टर लेकर फरार हो गये. ग्रामीणों ने कहा कि माफियाओं के साथ करीब हर दिन ग्रामीणों की झड़प होती है. यहां कभी भी खून-खराबा हो सकता है.
विरोध करने पर ग्रामीणों को मिलती है धमकी
भंडारडीह टोला निवासी रवि महतो, विशु महतो, रोहित महतो, मनोज, उमेश, राजेश बताते हैं कि इजरी नदी से अवैध बालू उत्खनन का कार्य दिन-रात जारी है. बालू माफियाओं ने नदी को तो बर्बाद कर ही दिया है. अब वे नदी से सटे खेतों से भी बालू निकाल रहे हैं. खेत को खोदने के दौरान विरोध करने पर बालू माफिया के लोग जान से मारने की धमकी भी देते हैं.
बंगाल को जोड़ने वाले पुल को भी क्षति पहुंचा रहे हैं माफिया
ग्रामीणों ने बताया कि जाला से सटे इजरी नदी में पश्चिम बंगाल के पुनदाग क्षेत्र को जोड़ने वाले पुल को भी बालू माफिया क्षति पहुंचा रहे हैं. पुल के नीचे के अलावा आसपास के क्षेत्र से भी बालू निकाला जा रहा है. हालांकि स्थानीय ग्रामीण इसकी सूचना प्रशासनिक अधिकारियों को लगातार देते रहे हैं. कार्रवाई नहीं होने से माफियाओं का मनोबल बढ़ा हुआ है. ग्रामीण प्रशासनिक मिलीभगत का भी आरोप लगा रहे हैं.
विधायक ने बनाया है घाट, अब बचा है सिर्फ शिलापट्ट
नदी में स्नान आदि कार्यों के लिए बोकारो विधायक बिरंची नारायण की ओर से भंडारडीह स्थित इजरी नदी घाट पर वर्ष 2019 में सीमेंटेड घाट का निर्माण कराया गया था. लेकिन अब यहां सिर्फ शिलापट्ट ही बचा है, घाट मिट्टी के नीचे दब गया है. आसपास के आधे दर्जन गांवों के लोगों के लिए पानी की कमी होने पर नदी ही एकमात्र सहारा है, लेकिन नदी के पानी को बालू से मिट्टी छानने का काम किया जा रहा है. आने वाले दिनों में ग्रामीणों को स्नान करने के लिए भी सोचना पड़ेगा. नदी तक जाने वाले रास्तों में भी बालू का ढेर लगा दिया गया है. इससे नदी तक जाने में ग्रामीणों को परेशानी होती है.
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फोन नहीं उठाते हैं खनन पदाधिकारी
नदी के विभिन्न जगहों से बालू के अवैध उत्खनन पर ग्रामीणों व माफियाओं के बीच हो रही झड़प के संबंध में जिला खनन पदाधिकारी रवि कुमार को कई बार फोन किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया. अधिकारियों की मिलीभगत से ही अवैध उत्खनन किया जाता है. वहीं, पिंड्राजोरा पुलिस ने कहा कि ग्रामीणों की सूचना पर ईजरी नदी घाट पर पहुंचे, लेकिन बालू लदा वाहन नहीं मिला. ग्रामीणों के साथ झड़प की सूचना थी, इसलिए विधि व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस अपने स्तर से कार्रवाई करेगी.
रिपोर्ट; सुनील, बोकारो