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1996 में यूरेनियम कॉरपोरेशन के खिलाफ फादर स्टेन स्वामी ने छेड़ा था आंदोलन, चाईबासा में बांध बनना रुका, आदिवासियों के हक के लिए लगातार उठाते रहे आवाज

Jharkhand News (रांची) : झारखंड आर्गेनाइजेशन अगेंस्ट यूरेनियम रेडियेशन से जुड़े रहे सामाजिक कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी का सोमवार को मुंबई में निधन हो गया. वर्ष 1996 में यूरेनियम कॉरपोरेशन के खिलाफ आंदोलन छेड़ने वाले फादर ने आदिवासी अधिकारों के हक-हुकूक की आवाज उठायी. फादर स्टेन के आंदोलन से जहां चाईबासा में बांध बनना रुका, वहीं बोकारो, संताल समेत कोडरमा जिले के आदिवासियों के बीच भी काफी काम किये. वर्ष 2010 में फादर स्टेन स्वामी ने 'जेल में बंद कैदियों का सच' किताब भी लिखी थी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 5, 2021 7:21 PM

Jharkhand News (रांची) : झारखंड आर्गेनाइजेशन अगेंस्ट यूरेनियम रेडियेशन से जुड़े रहे सामाजिक कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी का सोमवार को मुंबई में निधन हो गया. वर्ष 1996 में यूरेनियम कॉरपोरेशन के खिलाफ आंदोलन छेड़ने वाले फादर ने आदिवासी अधिकारों के हक-हुकूक की आवाज उठायी. फादर स्टेन के आंदोलन से जहां चाईबासा में बांध बनना रुका, वहीं बोकारो, संताल समेत कोडरमा जिले के आदिवासियों के बीच भी काफी काम किये. वर्ष 2010 में फादर स्टेन स्वामी ने ‘जेल में बंद कैदियों का सच’ किताब भी लिखी थी.

फादर स्टेन स्वामी वर्ष 1991 में केरल से झारखंड आये थे. यहां आने के बाद उन्होंने आदिवासियों के अधिकारों के लिए काम करते रहे हैं. फादर कहते थे कि भले ही झारखंड में मूल्यवान खनिज संपदा है, लेकिन विकास असमान है और यहां के आदिवासियों को कुछ नहीं मिला. देश का 40 फीसदी खनिज झारखंड में पाया जाता है. इसमें यूरेनियम, अभ्रक, सीसा, बॉक्साइट, सोना, चांदी, कोयला और तांबा शामिल है. इसके बाद भी झारखंड के आदिवासी गरीब हैं.

कौन हैं फादर स्टेन स्वामी

तमिलनाडु निवासी फादर स्टेन स्वामी झारखंड के सामाजिक कार्यकर्ता थे. समाजशास्त्र से एमए करने के बाद बेंगलुरू स्थित इंडियन सोशल इंस्टिट्यूट में फादर ने काम किया. लेकिन, झारखंड आने के बाद शुरुआत दिनों में उन्होंने पादरी का काम किया. धीरे-धीरे से अादिवासी और वंचित समूह के अधिकारों की आवाज उठाते हुए झारखंड में विस्थापन विरोधी जनविकास आंदोलन की स्थापना की. वहीं, राजधानी रांची के नामकुम क्षेत्र में आदिवासी बच्चों के लिए स्कूल और टेक्निकल ट्रेनिंग संस्थान की भी शुरुआत की थी.

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बता दें कि पिछले साल राजधानी रांची क्षेत्र से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम ने भीमा कोरोगांव हिंसा से जुड़े मामले में स्टेन स्वामी को गिरफ्तार कर मुंबई ले गये थे. इनकी गिरफ्तारी को लेकर काफी विरोध भी हुआ था. इधर, तबीयत खराब होने पर गत 30 मई को बाॅम्बे हाईकाेर्ट के आदेश पर मुंबई के होली फैमिली हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. लंबे इलाज के बाद भी उनकी तबीयत में कोई सुधार नहीं और 5 जुलाई, 2021 (सोमवार) को उनका निधन हो गया.

इधर, एल्गार परिषद केस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने के आरोप में फादर स्टेन स्वामी समेत 9 एक्टिविस्टों को गिरफ्तार किया गया था. फादर की गिरफ्तारी को लेकर सीएम हेमंत सोरेन समेत कैथोलिक सोसाइटी, सामाजिक और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने भी विरोध जताया था.

सीएम हेमंत सोरेन ने गरीब, वंचित और आदिवासियों की आवाज उठाने वाले वृद्ध स्टेन स्वामी की गिरफ्तार पर केंद्र सरकार पर हमला भी बोला था. श्री सोरेन ने कहा था कि केंद्र की भाजपा सरकार वृद्ध फादर स्टेन स्वामी को गिरफ्तार कर क्या संदेश देना चाहती है.

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बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम द्वारा भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े मामले में गिरफ्तार करने से पूर्व वर्ष 2018-19 में भी महाराष्ट्र पुलिस की 8 सदस्यीय टीम ने फादर स्टेन स्वामी के घर पर छापामारी की थी. इस दौरान महाराष्ट्र पुलिस ने कंप्यूटर की हार्ड डिस्क और मॉडेम भी जब्त किया था. इस दौरान फादर के कमरे की भी गहन तलाशी ली गयी थी.

Posted By : Samir Ranjan.

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