बोकारो कॉलेज में 11 साल बाद भी नहीं बन पाया इंडोर स्टेडियम, विद्यार्थी दूसरे खेल मैदान में करते हैं प्रैक्टिस
आधा अधूरा काम के बीच मैदान में फिर से झाड़ियों उग आयी है, जो खिलाड़ियों को मायूस करने के लिए काफी है. प्रैक्टिस के लिए कॉलेज के खिलाड़ी बाहर के खेल मैदान व स्टेडियम का सहारा लेते हैं. विश्वविद्यालय बदल गया, लेकिन स्टेडियम की किस्मत नहीं बदली.
बोकारो, रंजीत कुमार : बोकारो स्टील सिटी कॉलेज में 11 वर्ष के बाद भी 45 लाख का इनडोर स्टेडियम नहीं बन पाया. आधा अधूरा काम के बीच मैदान में फिर से झाड़ियों उग आयी है, जो खिलाड़ियों को मायूस करने के लिए काफी है. प्रैक्टिस के लिए कॉलेज के खिलाड़ी बाहर के खेल मैदान व स्टेडियम का सहारा लेते हैं. विश्वविद्यालय बदल गया, लेकिन स्टेडियम की किस्मत नहीं बदली. स्टेडियम निर्माण के लिए छात्र नेता कई बार प्रदर्शन भी कर चुके हैं. परंतु कुछ नहीं हुआ. स्टेडियम का शिलान्यास आठ फरवरी 2012 को तत्कालीन वीसी डॉ आरएन भगत व तत्कालीन प्राचार्य डॉ यूसी मेहता ने किया था. प्रथम चरण में विभावि प्रबंधन की ओर से 20 लाख रुपये आवंटित किये गये. राशि खर्च होते-होते तीन प्राचार्य बदल गये. वर्ष 2013-14 में स्टेडियम निर्माण में अनियमितता का आरोप भी लगा. जांच के बाद मामले को हरी झंडी दे दी गयी. बीबीएमकेयू के अंतर्गत कॉलेज आने के बाद भी इंडोर स्टेडियम का मामला जैसे की तैसे है.
इंडोर स्टेडियम को लेकर पुन: विश्वविद्यालय से पत्राचार किया गया है. हरी झंडी मिलते ही काम शुरू कर दिया जायेगा. विद्यार्थी को प्रैक्टिस करने के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी.
-डॉ डीपी कुंवर, प्राचार्य, बोकारो स्टील सिटी कॉलेज कारो स्टील सिटी कॉलेज
बिना पीटी टीचर के प्रैक्टिस करने को विवश विद्यार्थी
बोकारो स्टील सिटी कॉलेज में पिछले आठ साल से शारीरिक शिक्षक व सहायक शारीरिक शिक्षक नहीं है. खिलाड़ी बिना शारीरिक शिक्षक के ही प्रैक्टिस करने को विवश हैं. एक सहायक व एक चतुर्थवर्गीय कर्मचारी के भरोसे कॉलेज ने दर्जन भर से अधिक राष्ट्रीय, अंतर विश्वविद्यालय व अंतर महाविद्यालय खेल प्रतियोगिता में हिस्सा लिया है. बीएड में भी पीटीआइ का पद रिक्त है. इसके बावजूद कॉलेज के विद्यार्थी विभिन्न प्रतियोगिताओं में गोल्ड, सिल्वर व कांस्य पदक हासिल कर रहे हैं.
Also Read: बोकारो : करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी होसिर पंचायत के हजारों एकड़ खेत में नहीं पहुंचा पानी
10 साल से खाली पड़ा है पीटी टीचर का पद
कॉलेज में शारीरिक शिक्षक के दो व सहायक शारीरिक शिक्षक के दो पद स्वीकृत हैं. दो शारीरिक शिक्षकों के पद पर शारीरिक शिक्षक कार्यरत थे. सुरेंद्र कुमार का निधन कार्य के दौरान 19 अक्तूबर 2011 को हो गया. जबकि एसएनपी सिन्हा 31 दिसंबर 2013 को सेवानिवृत्त हो गये. सहायक शारीरिक शिक्षक का पद खाली रहा. पिछले 10 साल से पीटी टीचर का पद खाली पड़ा हुआ है. फिलहाल चतुर्थवर्गीय कर्मचारी कालीचरण पटेल ही स्पोर्टस की देखरेख कर रहे हैं. कॉलेज में तीरंदाजी, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, क्रिकेट, कबड्डी, एयर रायफल-पिस्टल शूटिंग, ताइक्वांडो, बैडमिंटन, एथलेटिक्स खेल की सामग्री उपलब्ध है.