बोकारो. आनंद मार्ग प्रचारक संघ के विश्व स्तरीय धर्म महासम्मेलन में जाति-पाति, रंगभेद, नस्लवाद और दहेज प्रथा को दूर करने के लिए 10 जोड़ी अंतरजातीय विवाह (क्रांतिकारी विवाह) संपन्न हुआ. वहीं, पुरोधा प्रमुख आचार्य विश्वदेवानंद अवधूत ने सभी जोड़ों को आर्शीवाद दिया. यह कार्यक्रम मंगलवार को पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिला के आनंद नगर आनंद मार्ग के मुख्यालय में आयोजित हुआ. इस विश्व स्तरीय धर्म महासम्मेलन में देश-विदेश से काफी संख्या में लोग शामिल हुए. वहीं, 72 घंटे के अखंड कीर्तन में सिद्ध महामंत्र ‘बाबा नाम केवलम’ का भी समापन हुआ. इस दौरान सेवा धर्म मिशन के केंद्रीय सचिव आचार्य सवितानंद अवधूत ने कहा कि मनुष्य को घास जैसी विनम्रता, वृक्ष के जैसा सहनशक्ति के भाव को विकसित करते हुए सदैव कीर्तन गायन करना चाहिए. यही मनुष्य का मूल कर्तव्य है. अवधूतिका आनंद रुद्रवीणा आचार्या ने कहा कि आनंद मार्ग के संस्थापक श्री श्री आनंदमूर्ति जी ने महिलाओं को पौरोहित्य का अधिकार देकर महिला सशक्तिकरण को मजबूत किया है. वहीं, पुरोधा प्रमुख ने मीनल पाठक, डॉ करुणा, सुनील आनंद, सुधीर आनंद, बृजेश को जन सेवा पुरस्कार से सम्मानित किया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है