बोकारो में 23 सितंबर को पहली बार हो रहा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन, जानें किस विषय पर होगी चर्चा
बोकारो में 23-24 सितंबर को पहली बार अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. इस सम्मेलन में लौह और इस्पात उद्योग में रिफ्रैक्टरी का भविष्य" विषय पर चर्चा की जाएगी. इस सम्मेलन में 400 से अधिक डेलिगेट भाग लेंगे.
Bokaro News: 23-24 सितंबर को बोकारो स्टील प्लांट की मेजबानी में “लौह और इस्पात उद्योग में रिफ्रैक्टरी का भविष्य” विषय पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आरईएफआईएस-4.0 का आयोजन इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेटल्स, बोकारो चैप्टर और इंडियन सेरामिक्स सोसाइटी के सहयोग से किया जा रहा है. बोकारो में पहली बार आयोजित इस सम्मेलन में प्रसिद्ध धातु विद तथा निदेशक (आईआईटी-आईएसएम, धनबाद) प्रो. राजीव शेखर बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहेंगे.
सम्मेलन में ये लोग रहेंगे मौजूद
इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के मुख्य संरक्षक बीएसएल के निदेशक प्रभारी अमरेंदु प्रकाश, अध्यक्ष व अधिशासी निदेशक (एसआरयू) पीके रथ व सह-अध्यक्ष व मुख्य महाप्रबंधक (रिफ्रैक्टरी) वीपी उपाध्याय सहित बीएसएल के अन्य अधिकारी भी शामिल होंगे.
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बड़े पैमाने पर रिफ्रैक्टरी का इस्तेमाल
रिफ्रैक्टरी का इस्तेमाल इस्पात उद्योग में बड़े पैमाने पर किया जाता है. इस पृष्ठभूमि में रिफ्रैक्टरी सेक्टर व इस्पात उद्योग का विकास एक दूसरे से काफी प्रभावित होता है. वर्तमान समय में न्यूनतम मूल्य पर उच्च गुणवत्ता वाले रिफ्रैक्टरी का उत्पादन और इस्पात उद्योग को इसकी आपूर्ति सुनिश्चित कराना भारतीय रिफ्रैक्टरी निर्माताओं के लिए एक कठिन चुनौती है. अत: इस्पात निर्माण में “आत्मनिर्भर भारत” और ”मेक इन इंडिया” को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह सम्मेलन इस्पात उद्योग, रिफ्रैक्टरीज के निर्माता, वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को एक मंच पर लाकर गहन चर्चा करने का अवसर प्रदान करेगी.
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400 से अधिक डेलिगेट, 40 से अधिक तकनीकी पेपर
यह सम्मलेन शोधकर्ताओं, विशेषज्ञों और घरेलु रिफ्रैक्टरी निर्माताओं को इस क्षेत्र में इंडस्ट्री 4.0 से जुड़े नवीनतम प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के विषय में भी जानकारी का आदान-प्रदान करने का अवसर प्रदान करेगी. इस सम्मेलन में भारत और विदेशों के 20 संगठनों के विशेषज्ञ, शिक्षाविदों, वैज्ञानिकों, सलाहकारों और रिफ्रैक्टरी निर्माताओं सहित 400 से अधिक डेलिगेट भाग लेंगे. 40 से अधिक तकनीकी पेपर भी प्रस्तुत कर विचार-मंथन करेंगे.
रिपोर्ट: सुनील तिवारी, बोकारो