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बीएसएल की मेजबानी में रिफ्रैक्टरीज पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू

बीएसएल की मेजबानी में रिफ्रैक्टरीज पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू

—कम लागत व उच्च गुणवत्ता वाले रिफ्रैक्टरी के माध्यम से स्टील उत्पादन लाभकारी

– दो दिवसीय सम्मेलन में प्रस्तुत किये जायेंगे लगभग 40 तकनीकी पेपर

वरीय संवाददाता, बोकारो

बोकारो स्टील प्लांट की मेजबानी में दो दिवसीय ‘नैनो टेक्नोलॉजी और टिकाऊ समाधानों के माध्यम से लौह और इस्पात उद्योग में रिफ्रैक्टरीज़ में प्रगति’ विषय पर द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आरइएफआइएस-4.0 मानव संसाधन विकास केंद्र में शुक्रवार को शुरू हुआ. बतौर मुख्य अतिथि निदेशक-प्रभारी राउरकेला स्टील प्लांट व अतिरिक्त प्रभार बोकारो स्टील प्लांट अतानु भौमिक उपस्थित थे. बीएसएल के अधिशासी निदेशक (संकार्य) बीरेंद्र कुमार तिवारी, महनिदेशक (एफआइआइ) डॉ दीपक जैन व डॉ चाको जैकब, प्रोफेसर (आइआइटी, खड़गपुर) विशिष्ट अतिथि थे.

ऑनलाइन मोड मेंसेल अध्यक्ष अमरेंदु प्रकाश ने किया संबोधित : बीएसएल के अधिशासी निदेशक, मुख्य महाप्रबंधक (रिफ्रैक्टरीज) वीपी उपाध्याय सहित अन्य मुख्य महाप्रबंधक व अन्य वरीय अधिकारी भी उपस्थित थे. उद्घाटन सत्र में सेल अध्यक्ष अमरेंदु प्रकाश, निदेशक-प्रभारी भिलाई ए दासगुप्ता व निदेशक-प्रभारी दुर्गापुर व आईएसपी-बर्नपुर बीपी सिंह ने भी ऑनलाइन मोड में सम्मेलन को संबोधित किया. रिफ्रैक्टरीज से जुड़े चुनौतियों व संभावनाओं पर विचार रखे. श्री भौमिक, श्री तिवारी व डॉ दीपक ने इस्पात उद्योग में रिफ्रैक्टरी की अहमियत व 2030 तक देश में इस्पात उत्पादन क्षमता में वृद्धि के साथ-साथ रिफ्रैक्टरी की बढ़ती जरूरतों और संबंधित पहलुओं पर चर्चा की.

इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स इंडिया व इंडियन सिरेमिक सोसाइटी का संयुक्त आयोजन : डॉ चाको जैकब ने रिफ्रैक्टरी के क्षेत्र में नैनो टेक्नोलॉजी की संभावनाओं पर एक व्याख्यान दिया. इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स इंडिया व इंडियन सिरेमिक सोसाइटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस सम्मेलन में रिफ्रैक्टरी के विशेषज्ञ, रिफ्रैक्टरी निर्माताओं व उपयोगकर्ता सहित 350 से अधिक डेलिगेट भाग ले रहे हैं. सम्मेलन के दौरान लगभग 40 तकनीकी पेपर प्रस्तुत किये जायेंगे. उद्घाटन सत्र के बाद अतिथियों ने एक तकनीकी प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया.अपराह्न तकनीकी सत्रों के दौरान रिफ्रैक्टरी से जुड़े तकनीकी आलेखों का प्रस्तुतीकरण किया गया. सम्मेनल 13 अप्रैल को भी जारी रहेगा.

इस्पात उद्योग में बड़े पैमाने पर किया जाता है रिफ्रैक्टरी सामग्री का उपयोग : उल्लेखनीय है कि सम्मेलन में रिफ्रैक्टरी उद्योग से जुड़ी विभिन्न चुनौतियों, विशेषकर वर्ष 2030 तक देश में इस्पात उत्पादन क्षमता 300 मिलियन टन के लक्ष्य को हासिल करने के परिप्रेक्ष्य में रिफ्रैक्टरी सेक्टर में देश को आत्मनिर्भर बनाने, इंडस्ट्री-4.0 टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल द्वारा कम लागत व उच्च गुणवत्ता वाले रिफ्रैक्टरी का निर्माण और इस्पात व रिफ्रैक्टरी उद्योग के परस्पर हितों से संबंधित सभी बिंदुओं पर गहन मंथन कर भविष्य के लिए रोड मैप तैयार किया जायेगा. रिफ्रैक्टरी सामग्री का उपयोग इस्पात उद्योग में बड़े पैमाने पर किया जाता है. कम लागत व उच्च गुणवत्ता वाले रिफ्रैक्टरी के उपयोग से स्टील उत्पादन की लागत में भी कमी आयेगी.

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