जिले में गिरते लिंगानुपात को रोकना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी : डीसी
पीसीपीएनडीटी अधिनियम पर एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला, मुखबिर योजना के तहत लिंग परीक्षण करने वाले सेंटर की जानकारी देने वालों को एक लाख रुपये का इनाम, भ्रूण लिंग परीक्षण की शिकायत दर्ज कराये जाने के लिए जिला प्रशासन ने जारी किया नंबर
बोकारो. चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग झारखंड सरकार के तत्वावधान में पीसीपीएनडीटी एक्ट पर जिला स्तरीय कार्यशाला शुक्रवार को न्याय सदन कैंप दो में हुई. अध्यक्षता उपायुक्त विजया जाधव ने की. श्रीमती जाधव ने कहा कि बोकारो जिले में गिरते लिंगानुपात को रोकना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है. कन्या भ्रूण हत्या व गिरते लिंगानुपात को रोकने के उद्देश्य से एक्ट को सख्ती से लागू किया जाना जरूरी है. भ्रूण लिंग परीक्षण पर पूरी तरह से अंकुश लगाने को राज्य सरकार तैयारी कर ली है. लगातार मिल रहीं शिकायतों के बाद अब नयी पहल शुरू की जा रही है. मुखबिर योजना के तहत लिंग परीक्षण करने वाले सेंटर की जानकारी देने वालों को एक लाख रुपये का इनाम दिया जायेगा. पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट को और प्रभावशाली बनाने के लिए सरकार ने मुखबिर योजना के बारे में बताया. लिंग परीक्षण करने वाले संस्थानों को चिन्हित करते हुए कार्रवाई की जायेगी. कार्यशाला में स्टेट को-ऑर्डिनेटर पीसीपीएनडीटी रांची रफत फरजाना ने समुचित प्राधिकारीयों व अधिनियम अन्तर्गत पंजीकृत केंद्रों को गर्भधारण पूर्व व प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम 1994 की विस्तार जानकारी दिया. अधिनियम को और बेहतर क्रियान्वयन कैसे करेंगे पर विस्तार चर्चा की. बताया कि वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को उपखंड समुचित प्राधिकारी नियुक्त किया गया है. भ्रूण लिंग परीक्षण की शिकायत दर्ज कराने के लिए राज्य नोडल पदाधिकारी ने वाट्सअप नंबर 9835133980 व जिला नोडल पदाधिकारी का वाट्सअप नंबर 7004146007 के बारे में बताया. पंजीकृत केंद्रों पर अधिनियम के अनुसार पालन किये जाने वाले नियम व रिकॉर्ड संधारण करना होगा. मौके पर डीडीसी संदीप कुमार, एसी मुमताज अंसारी, एसडीओ चास ओम प्रकाश गुप्ता, एसडीओ बेरमो अशोक कुमार, डीटीओ वंदना शेजवलकर, प्रभारी सीएस सह सदर डीएस डॉ अरविंद कुमार, डॉ संजय कुमार, पीएचसी चास एमओ आइसी डॉ अनिल कुमार सहित पीसीपीएनडीटी एवं जिला नोडल अधिकारी सहित पीसीपीएनडीटी अधिनियम अन्तर्गत पंजीकृत केंद्रों के संचालक, चिकित्सक व टेक्नीशियन मौजूद थे.
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