पर्सनल हाइजीन मेंटेन करना है बेहद जरूरी : डॉ दिनेश कुमार

सदर अस्पताल में मना मासिक धर्म स्वच्छता दिवस

By Prabhat Khabar News Desk | May 28, 2024 10:53 PM

बोकारो. कैंप दो सदर अस्पताल में मंगलवार को मासिक धर्म स्वच्छता दिवस का आयोजन किया गया. सिविल सर्जन डॉ दिनेश कुमार व सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ अरविंद कुमार ने उद्घाटन किया. डॉ दिनेश ने कहा कि मासिक धर्म लड़कियों में होने वाली सामान्य शारीरिक क्रिया है. यह महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी होती है. 11 वर्ष के बाद किशोरियों में मासिक शुरू हो जाती हैं. शारीरिक बदलाव के साथ जरा सी लापरवाही से कई बीमारियां पनपने लगते हैं. डॉ अरविंद ने कहा कि मासिक धर्म के दौरान साफ-सफाई की खास जरूरत होती है. नजर अंदाज करने पर कई बीमारियां हो सकती हैं. जो जानलेवा बन सकती है. घर की महिलाओं को खास कर अपने से छोटी बच्चियों का खास ध्यान रखें. जरूरत पड़ने पर सदर अस्पताल में सलाह लें. सदर अस्पताल में 200 सैनेटरी नैपकिन के साथ-साथ आयरन व विटामिन की गोली का वितरण किया गया. मौके पर अस्पताल के चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे.

चास अनुमंडल अस्पताल व नारी क्लिनिक में स्वच्छता जागरूकता

चास अनुमंडल अस्पताल व जोधाडीह मोड़ चास स्थित नारी क्लिनिक में मंगलवार को मासिक धर्म स्वच्छता दिवस का आयोजन किया गया. स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ रश्मि मेधा ने कहा कि स्वच्छता पर ध्यान नहीं देने से यूटीआइ इन्फेक्शन, इंफर्टलाइजेशन, वेजाइनल इन्फेक्शन, किडनी इन्फेक्शन की परेशानी होती है. आंतरिक अंग इन्फेक्शन में सबसे ज्यादा प्रभावित होता है. दर्द के साथ अन्य शारीरिक समस्याओं से बचने के लिए घरेलू नुस्खे अपनाये. मौके पर चिकित्सक व अस्पताल की नर्स मौजूद थी.

पीरियड्स के दौरान साफ-सफाई का रखें खास ध्यान : डॉ सिन्हा

आइएमए के मिशन पिंक हेल्थ अभियान की ओर से मंगलवार को सेक्टर चार स्थित सिटी सेंटर होप अस्पताल एंड अल्ट्रासाउंड सेंटर में विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस का आयोजन किया गया. शुरुआत अभियान स्टेट वाइस चेयरमैन डॉ मीता सिन्हा व आइएमए चास की सचिव डॉ अनुप्रिया पंकज ने महिलाओं के बीच सेनेटरी नैपकिन व खाद्य सामग्री वितरण से किया. डॉ सिन्हा ने कहा कि मासिक धर्म के दौरान खुद को अलग रखने की जरूरत नहीं है. शरीर की साफ-सफाई रखते हुए आम दिनों की तरह दिनचर्या में शामिल रहा जा सकता है. साफ-सफाई नहीं रखने पर गंभीर बीमारी के चपेट में महिलाएं आ जाती है. ऐसी स्थिति में मौत तक हो सकती है. कपड़े के पैड को इस्तेमाल करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए. डॉ पंकज ने महिलाओं में बढ़ रही एनिमिया के बारे में जानकारी दी. साग-सब्जी के प्रयोग की सलाह दी. ताकि शरीर में आयरन की मात्रा रहे. महिलाओं व युवतियों के बीच नि:शुल्क 300 से अधिक सेनेटरी पैड, आयरन व विटामिन दवा का वितरण किया गया.

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