हितधारकों को सूचना के बाद ही बोर्ड करेगा 10वीं-12वीं की परीक्षा का निर्णय

बोकारो. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं -12वीं की परीक्षाओं से संबंधित कोई भी निर्णय बोर्ड अपने हितधारकों को सूचित करने के बाद ही करेगा. इसके लिए बोर्ड अपने हितधारकों को परीक्षा से दस दिनों पूर्व सूचना देगा. इस बाबत बोर्ड कोई भी निर्णय उच्च शिक्षा पदाधिकारियों के साथ व्यापक विचार-विमर्श करके प्रवेश परीक्षाओं, प्रवेश […]

By Prabhat Khabar News Desk | April 6, 2020 2:28 AM

बोकारो. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं -12वीं की परीक्षाओं से संबंधित कोई भी निर्णय बोर्ड अपने हितधारकों को सूचित करने के बाद ही करेगा. इसके लिए बोर्ड अपने हितधारकों को परीक्षा से दस दिनों पूर्व सूचना देगा. इस बाबत बोर्ड कोई भी निर्णय उच्च शिक्षा पदाधिकारियों के साथ व्यापक विचार-विमर्श करके प्रवेश परीक्षाओं, प्रवेश तिथियों आदि से संबंधित पहलुओं के मद्देनजर ही करेगा. यह बातें सीबीएसइ, नई दिल्ली की मीडिया व जनसंपर्क प्रमुख रमा शर्मा ने दी हैं. जन संपर्क प्रमुख ने प्रभात खबर के तीन अप्रैल के अंक में छपी “ सीबीएसइ : 22 अप्रैल से शुरू होगी स्थगित 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा” शीर्षक खबर के आलोक में उक्त बातें कहीं. उन्होंने खबर को भ्रामक बताया.

नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के लिए होंगी छह विषय की परीक्षाएं : बोर्ड की मीडिया व जन संपर्क प्रमुख ने अपने पत्र में कहा कि परीक्षा संबंधी विस्तृत जानकारी जन सामान्य तक पहुंचाने के लिए बोर्ड ने गत एक अप्रैल को मीडिया, सोशल मीडिया और बोर्ड की वेबसाइट पर व्यापक स्तर पर साझा की थी. इसमें स्पष्ट किया गया था कि बोर्ड के लिए परीक्षा की नयी तिथियां तय करके घोषित करना मुश्किल है. इसके साथ ही उक्त प्रेस प्रकाशनी में यह भी कहा गया था कि देश के विभिन्न मूल्यांकन केंद्रों में मूल्यांकन कार्य पुन: शुरू करने के लिए तीन-चार दिनों का नोटिस देगा.

इसमें स्पष्ट किया गया था कि नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के लिए आयोजित होनेवाली परीक्षाएं छह विषयों में होंगी. फर्जी समाचार से भ्रमित होने की आशंका : मीडिया प्रमुख श्रीमती शर्मा ने कहा है कि किन्हीं शरारती तत्वों ने सीबीएसइ सचिव के नाम से एक अप्रैल की तिथि से एक फर्जी प्रेस प्रकाशनी सोशल मीडिया पर जारी की थी. बोर्ड ने इस बारे में भी मीडिया-सोशल मीडिया में इसका स्पष्टीकरण भी प्रकाशित किया था. उन्होंने कहा कि परीक्षा जैसे संवेदनशील मामलों में फर्जी समाचारों से छात्र, अभिभावक व विद्यालय स्तर पर भ्रमित होने की आशंका रहती है.

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