राकेश वर्मा, बेरमो : गिरिडीह संसदीय क्षेत्र में झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति के जयराम महतो की जोरदार इंट्री की खूब चर्चा है. डुमरी और गोमिया विधानसभा क्षेत्र से उन्हें सबसे ज्यादा वोट मिले, इससे कई राजनीतिक दलों की धड़कनें बढ़ गयी है. आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर अब चिंतन व मंथन का दौर शुरू हो गया है. चार-पांच माह बाद झारखंड में विधानसभा चुनाव होना है. राजनीति के जानकारों की माने तो गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र में आने वाले सभी छह विधानसभा सीटों पर जयराम महतो बड़ा फैक्टर बनेंगे. बेरमो विस क्षेत्र में भी जयराम महतो को 53393 मत मिलना सभी को आश्चर्यचकित कर गया. टुंडी में 59421 तथा बाघमारा विस में भी सम्मानजनक 46272 मत मिले. मालूम हो कि इस लोकसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी जयराम महतो ने सबसे ज्यादा डुमरी विधानसभा क्षेत्र से 90541 मत प्राप्त किये. आजसू को 55421 तथा जेएमएम को 52193 मत मिले. जगरनाथ महतो के निधन के बाद हुए डुमरी उप चुनाव में जेएमएम प्रत्याशी बेबी देवी (स्व जगरनाथ महतो की पत्नी) को जीत मिली थी. इस उप चुनाव में मुस्लिम मतों के ध्रुवीकरण ने जेएमएम को डुमरी, नावाडीह व चंद्रपुरा प्रखंड की नौ पंचायतों में बढ़त मिली और इसके कारण जीत मिली थी. कुर्मी मतदाताओं का वोट जेएमएम और आजसू को लगभग बराबर मिला था. इससे जेएमएम को कुछ नुकसान हुआ, जबकि आजसू को फायदा मिला था. 2019 के विधानसभा चुनाव में जेएमएम को करीब 71 हजार वोट मिले थे, जबकि उप चुनाव में करीब एक लाख वोट मिले. इसमें अगर मुस्लिम मतों के वोट को घटा दिया जाये तो जेएमएम को बहुत ज्यादा फायदा नहीं हुआ था. जबकि एनडीए के वोट बैंक में गत चुनाव की तुलना में उप चुनाव में 10 हजार की बढ़ोतरी हुई और आजसू ने भी 80 हजार से ज्यादा वोट प्राप्त किया था. लोकसभा चुनाव में इस क्षेत्र से आजसू व जेएमएस को लगभग बराबर वोट मिले. यानि आने वाले विस चुनाव में जयराम इस सीट पर एनडीए (आजसू) व जेएमएम दोनों के लिए घातक साबित हो सकते हैं.
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