ललपनिया (बोकारो), नागेश्वर : बोकारो जिला के एक आदिवासी बहुल गांव में मुखिया की पहल रंग लायी और वहां के लोगों का जीवन काफी आसान हो गया. गांव का नाम है- बलजोबरा, जो गोमिया प्रखंड के चतरोचटी पंचायत में है. दरअसल, बलजोबरा गांव में पानी की घोर किल्लत थी, लोग अपनी जान जोखिम में डालकर घने जंगलों से डाड़ी का पानी लाते थे. अब लोगों की यह समस्या दूर हो गई. गांव में अब नल के माध्यम से पानी आएगा.
कैसे हुआ समस्या का समाधान
गांव में पानी की किल्लत और पानी के लिए लोगों को जद्दोजहद करते देख समस्या का समाधान करने की कोशिश की गई. चतरोचटी पंचायत के मुखिया के प्रयास से डाड़ी का पानी पाइप से जल मीनार तक पहुंचाया गया. इस पहल के बाद अब बलजोबरा गांव के ग्रामीण डाड़ी के पानी का उपयोग नल के माध्यम से करेंगे.
डीप बोरिंग भी नहीं हुआ था सक्सेस
बता दें कि बलजोबरा गांव झुमरा पहाड़ के तलहटी में बसा है. इस गांव में करीब 30 आवास हैं, जहां आदिवासी परिवार रहते हैं. ग्रामीण गांव के नाले या डाड़ी के पानी का उपयोग करते हैं. गांव में डीप बोरिंग कर पानी के सप्लाई पर बल दिया गया, लेकिन वो कामयाब नहीं हुआ. पानी की समस्या ज्यों की त्यों गांव में बनी रही. गांव में पानी की किल्लत को देख पंचायत के मुखिया महादेव महतो निरंतर प्रयास में रहे कि गांव में पानी की समस्या को कैसे दूर किया जाये.
पंचायत फंड से बनाया गया जलमीनार
पंचायत के फंड से लगभग ढाई लाख रुपए की लागत से गांव में जलमीनार का निर्माण किया गया है. उसके बाद डाड़ी की मरम्मत कर उसे कूप का आकार दिया गया और वंहा से 600 फीट पाइप के माध्यम से पानी जलमीनार तक लाया गया. जलमीनार की देखरेख का जिम्मा ग्रामीणों को ही दिया गया है.
ग्रामीणों में खुशी की लहर
डाड़ी का पानी जलमीनार तक पहुंचते ही ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ पडी. गांव के तालो मांझी, बिलटू मांझी, बक्सी मांझी, संतोष मांझी, बिरसा मांझी, प्रदीप मांझी, मोती मांझी, चारो मांझी, बड़ा तालो मांझी, सोमार मांझी, नागेश्वर महतो, मोहनलाल वियोगी, ठुरका मांझी, बड़की मांझी सहित दर्जनों लोगो ने खुशी जाहिर करते हुए एक दूसरे को बधाई दी.
पंचायत के फंड से हो गांव का विकास : बीडीओ
इस पहल पर बीडीओ कपिल कुमार सीओ संदीप अनुराग टोपनो ने कहा कि पंचायत के जो भी प्रतिनिधि हैं. सभी को प्राथमिकता के आधार पर प्रयास करनी चाहिए कि पंचायत के फंड से समाज और गांव के अतिंम व्यक्ति तक विकास की योजनाओं का लाभ मिले. तभी पंचायत की सार्थकता सिद्ध होगी. उन्होंने पंचायत के मुखिया द्वारा आदिवासी बहुल गांव में पानी की समस्या पर पहल किये जाने की प्रशंसा भी की.
Also Read: गुमला में पेयजल विभाग के ही सरकारी मुलाजिम के भाई को मिला पानी सप्लाई का ठेका