बेरमो. जेबीसीसीआइ स्टैंडराइजेशन कमेटी की तीसरी बैठक नौ दिसंबर को रायपुर में होगी. इस बैठक में उप समिति की बैठक की रिपोर्ट जल्द सबमीट करने का मामला उठेगा. साथ ही एनसीडब्ल्यूए-11 के समझौते के जो भी मामले अधर में हैं, उस पर मजदूर संगठन के नेता चर्चा करेंगे. मालूम हो कि कोल इंडिया में कार्यरत करीब सवा दो लाख कोलकर्मियों के लिए वेतनमान समझौता-11 हुए लगभग 18 माह होने को हैं. लेकिन अभी भी कोलकर्मियों से जुडे़ कई मुद्दे लटके हुए हैं. इसको लेकर ना तो कोल इंडिया प्रबंधन गंभीर दिखता है और ना ही ट्रेड यूनियन के नेता सक्रिय. कभी-कभार होने वाली बैठक में भी सिर्फ आई वॉश होता है. लटके हुए मुद्दों में सबसे अहम बंद मेडिकल अनफिट का है. एनसीडब्ल्यूए-11 समझौते के समय कोल इंडिया प्रबंधन की ओर से यह कहा गया था कि धारा 9:4:0 (बीमार व लाचार कर्मियों के आश्रित पुत्र को नियोजन) का क्लाउज यथावत चालू रहेगा, लेकिन व्यवहार व कागज में यह कहीं नहीं है. कोल इंडिया की सभी अनुषंगी कंपनियों में मेडिकल अनफिट के हजारों मामले वर्ष 2016 से लंबित हैं. इसी तरह 20 लाख रुपया ग्रेच्युटी का मामला भी लटका हुआ है. मजदूर संगठन से जुडे़ नेताओं के अनुसार एनसीडब्ल्यूए-10 के समय रिटायर कोल कर्मियों को ग्रेच्युटी का भुगतान 01.07.2016 की तिथि से 10 लाख ही किया गया, जबकि अधिकारियों का बढ़ी हुई ग्रेच्युटी राशि 20 लाख रुपये का भुगतान 01.01. 2017 की तिथि से किया गया. इसके कारण करीब 14 हजार रिटायर कर्मी 20 लाख रुपये ग्रेच्युटी भुगतान से वंचित रह गये हैं. यह मामला भी न जाने कितनी बार कोल इंडिया प्रबंधन के समक्ष मजदूर संगठन के नेता उठा चुके हैं, लेकिन किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचा नहीं जा सका है.
रिटायर कर्मियों की पेंशन भी रिवाइज नहीं हो रहीसीपीआरएमएस के तहत कर्मियों को पैसा भी सही रूप से नहीं मिल रहा है. आठ लाख रुपया तक कैशलैस इलाज का प्रोविजन है. सीपीआरएमएस को लेकर कोल इंडिया ने कहा था कि जल्द ही इसको लेकर कोई ठोस निर्णय लेंगे. इसको लेकर एक कमेटी भी गठित की गयी. अभी तक कमेटी की दो बैठकें हो चुकी हैं. कर्मियों के इलाज के लिए सीपीआरएमएस एन इ के फंड में कंपनी द्वारा एकमुश्त राशि की जरूरत है.ठेका श्रमिकों के लिए की गयी अनुशंसा भी सही रूप से नहीं हुई लागू
वर्ष 2013 में कोल इंडिया में कार्यरत ठेका श्रमिकों के लिए गठित हाइ पावर कमेटी की अनुशंसा आज तक कोल इंडिया की किसी भी कंपनी में सही रूप से लागू नहीं हो पायी. कोल इंडिया प्रबंधन हर कंपनी में ठेका श्रमिकों का गलत आंकड़ा भी प्रस्तुत करता है. हर साल दुर्गा पूजा के समय ठेका श्रमिकों के लिए भी सालाना एक्सग्रेसिया का भुगतान किये जाने का एग्रीमेंट होता है, लेकिन भुगतान होता नहीं है.कब हुआ था एनसीडीब्ल्यूए-11 पर हस्ताक्षर
20 मई 2023 को एनसीडीब्ल्यूए-11 पर हस्ताक्षर किया गया था. इसके बाद से अभी तक जेबीसीसीआइ स्टैंडराइजेशन कमेटी की दो बैठकें हुई हैं. जबकि स्टैंडराइजेशन की उप समिति की पांच बैठकें हुई हैं. इसमें सीपीआरएमएस की दो मीटिंग, रिटायर कोलकर्मियों को आवास आवंटन को लेकर दो बैठकें तथा कोल कर्मियों के आश्रित को परिभाषित करने को लेकर एक बैठक हुई है.क्या कहते हैं मजदूर नेता
एटक नेता व जेबीसीसीआइ सदस्य लखनलाल महतो का कहना है कि मेडिकल अनफिट, पेंशन रिविजन, सीपीआरएमएस, ठेका मजदूरों का एचपीसी का लाभ, रिटायर कर्मियों को 20 लाख रुपया ग्रेच्युटी राशि का भुगतान, आवास आवंंटन का मामला अधर में है. मजदूर संगठन इसको लेकर गंभीर है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है