Jharkhand: बोकारो में मनरेगा मजदूरों के 302161 खाते, लेन-देन नहीं होने से 2,57,289 खाते फ्रीज

100 दिन की काम की गारंटी और उसके बदले न्यूनतम मजदूरी देने की गारंटी वाले मनरेगा में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. ऐसा हम नहीं बल्कि मनरेगा की रिपोर्ट ही कह रही है. रिपोर्ट के मुताबिक योजनाओं के क्रियान्वयन में बोकारो जिला राज्य में तीसरे स्थान पर है. यहां के मजदूरों के ढ़ाई लाख खाते फ्रिज हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | July 13, 2022 10:23 AM

Bokaro News: राज्य में 100 दिन की काम की गारंटी और उसके बदले न्यूनतम मजदूरी देने की गारंटी वाले मनरेगा में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. ऐसा हम नहीं बल्कि मनरेगा की रिपोर्ट ही कह रही है. रोजगार और न्यूनतम मजदूरी की उम्मीद तक की जा सकती है, जब योजनाएं क्रियान्वित हो रही हों. लेकिन मनरेगा की बोकारो जिले की रिपोर्ट बताती है कि इस वित्तीय वर्ष में महज 0.2 फीसदी ही काम हुआ है. जबकि बोकारो जिले में मनरेगा मजदूरों के 302161 खाते हैं. इसमें से लगभग ढ़ाई लाख खातों को फ्रिज कर दिया गया है. इन्हें फ्रिज इसलिए कर दिया गया है, क्योंकि इन खातों में लंबे समय से लेन-देन नहीं हुआ है. एक्टिव खातों की बात करें तो ऐसे खातों की संख्या महज 44,872 है.

ऐसा है बोकारो के मनरेगा मजदूरों के खाते ही स्थिति

बोकारो जिले में 3,02,161 मजदूरों का बैंक अकाउंट है. इनमें से 2,81,047 मजदूरों का खाता विभिन्न कॉमर्शियल बैंक, 4422 का खाता विभिन्न को-ऑपरेटिव बैंक व 16692 मजदूरों का खाता पोस्ट ऑफिस में खुला है. हालांकि इनमें से केवल 44,872 खाता ही लेनदेन की स्थिति में है. मतलब 2,57,289 खाता को फ्रीज किया गया है. कॉमर्शियल बैंक में 257023 खाता, को-ऑपरेटिव बैंक का दो खाता व पोस्ट ऑफिस का 264 खाता फ्रीज किया गया है. यानी इन खाता से राशि की लेनदेन नहीं हो सकती है. बैंक से जुड़े लोगों की माने तो केवाईसी नहीं होने के कारण ज्यादातर खाता बंद हो चुके हैं. केवाइसी अपडेट होने के बाद खाता का संचालन किया जा सकता है.

फ्रीज अकाउंट की स्थिति

प्रखंड बैंक को-ऑपरेटिव पोस्ट ऑफिस कुल

बेरमो 2169 0 0 2169

चंदनकियारी 39410 1 19 39430

चंद्रपुरा 15792 0 01 15793

चास 48099 00 00 48099

गोमिया 41437 00 244 41681

जरीडीह 17683 00 00 17683

कसमार 26039 00 00 26039

नावाडीह 37357 01 00 37358

पेटरवार 29037 00 00 29037

मनरेगा योजनाओं के क्रियान्वयन का गिरता गया ग्राफ

2019-20 व इससे पहले जिला में मनरेगा के तहत 88,343 कार्य योजना की मंजूरी मिली. इसमें से 87101 कार्य को पूरा कर लिया गया. मतलब कुल कार्यादेश का 98.59 प्रतिशत लक्ष्य हासिल हुआ. वहीं, 2020-21 में मनरेगा में 43,660 कार्य योजना शुरू की गयी, इसमें 20,439 कार्यादेश ही पूरा हो पाया. यानी दर मात्र 46.81 प्रतिशत रही. वित्तीय वर्ष 2021-22 में मनरेगा के तहत 31197 योजनाएं शुरू हुई. इनमें से मात्र 6083 योजनाएं ही पूर्ण हो सकी. मतलब सिर्फ 19.5 प्रतिशत योजना ही धरातल पर पूर्ण रूप से उतर पायी. चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में अब तक 1002 योजनाओं को मनरेगा के तहत शामिल किया गया है, लेकिन इनमें से मात्र दो ही पूरा हो पाया है. इस लिहाज से अब तक मात्र 0.2 प्रतिशत काम ही हो पाया है. हालांकि, इस वित्तीय वर्ष में सिर्फ 3.5 माह ही गुजरे हैं.

राज्य में बोकारो अंतिम से तीसरे स्थान पर

मनरेगा के तहत कार्य पूरा करने के मामले में बोकारो अंतिम से तीसरे पायदान पर है. 2019 से लेकर चालू वित्तीय वर्ष तक का औसत रिकॉर्ड यही बताता है. 2019-20 से 2022-23 तक का औसत कार्य पूर्णता की दर 69.2 है, जो कि सिर्फ लोहरदगा (68.86%) व पलामू (66.06 %) से आगे है. पूरे राज्य का औसत कार्य पूर्णता दर इस दौरान 72.73 प्रतिशत है.

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